बाढ़ ने तोडा 45 साल का रिकॉर्ड,जलमग्न हुई दिल्ली

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By News Desk
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Delhi Record Breaking Rains 3
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बाढ़ की वजह से सब बर्बाद हो गया, हम रोड पर चाउमीन का ठेला लगाते है, और फ्लाईओवर के नीचे परिवार के साथ रहते हैं, लेकिन बारिश की वजह से हमारा काम बंद हो गया है, रहने के लिए भी कोई जगह नहीं है, खाना और पीने का पानी भी नहीं है. ये बताते हुए विनोद रुंआसे हो गए.

विनोद बिहार के मुगलसराय के रहने वाले हैं और दिल्ली में पिछले 4 साल से रहते हैं, लेकिन इस बार बाढ़ ने उनका व्यापार और छत दोनों ही छीन लिया. विनोद की ही तरह लाखों अन्य लोग दिल्ली की बाढ़ से पीड़ित हैं. और रहने के लिए आसरा ढूंढ रहे हैं.

45 साल का रिकॉर्ड टूटा, 1978 में भी जलमग्न हुई थी दिल्ली.

बताते चलें कि बाढ़ से दिल्ली में हुई त्रासदी की ये घटना नई नहीं है बल्कि 45 साल पहले भी ऐसी ही त्रासदी दिल्लीवालों ने देखी थी. दिल्ली में 1978 की कुख्यात बाढ़ के दौरान राजधानी में अफरा तफरा मच गई थी. इसके अलावा 2013 की बाढ़ में यमुना का जलस्तर 207.32 पहुँच गया था. और हजारो लोग इस बाढ़ से प्रभावित हुए थे. इस साल बाढ़ ने 45 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया और यमुना का जल स्तर 208.48 तक पहुँच चुका है. राजधानी में त्राहि-त्राहि मची हुई है. लेकिन केंद्र व राज्य सरकार मौन बैठी हुई है.

यहाँ ये कहा जा सकता है कि बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है, इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है, बेशक बाढ़ के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है, लेकिन बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए अपर्याप्त सरकारी तंत्र और सुविधा न होना सरकार की नकामी को जरूर दर्शाता है. कहते है कि हमें अपनी गलतियों से सीखना चाहिए, न कि उन्हें दोहराना. लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए ये अंदेशा हो रहा है की केंद्र व राज्य सरकार ने अतीत की घटनाओं से कोई सीख नहीं ली है.

बाढ़ को और प्रभावी बनाते हैं ये घटक

यदि हम संरचनाओं द्वारा बाढ़ के प्रवाह को बाधित करते हैं, या बाढ़ क्षेत्र पर कब्जा कर लेते हैं, और नदी के लिए आवश्यक स्थान का सम्मान नहीं करते हैं, तो बाढ़ विनाशकारी हो जाती है, और इसके लिए हम स्वयं दोषी होंगे. पिछले सप्ताह में हमने जो वर्षा की तीव्रता देखी है, उसे देखते हुए, वर्षा की दर ऐसी है कि अक्सर पानी को रिसने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता है, जिससे भूमि प्रवाह की दर बढ़ जाती है।

नदी के अन्य हिस्सों में बड़े पैमाने पर रेत का खनन हो रहा है, जो आधार प्रवाह (कम मौसम में नदी को मिलने वाला भूजल) के लिए हानिकारक है, जिसके परिणामस्वरूप भूजल पुनर्भरण न्यूनतम होता है।
बाढ़ के मैदानों में और अधिक अतिक्रमण होने से प्रभाव बढ़ जाता है। यमुना एक तरफ नोएडा लिंक रोड और दूसरी तरफ रिंग रोड से बंधी है, और नदी ने अपने किनारों को फैला दिया है, जिसका अर्थ है कि चौड़ाई आवश्यक फैलाव से बहुत कम है। मजनू का टीला पुनर्वास कॉलोनी सहित कई अतिक्रमणकारी हैं, जो इस बढ़ते जल स्तर और फैलाव का खामियाजा भुगत रहे हैं।

केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय एक दशक से तटीय विनियमन क्षेत्र अधिसूचना की तर्ज पर नदी विनियमन क्षेत्र (आरआरजेड) को अधिसूचित करने का प्रयास कर रहा है। 2002 में आरआरजेड अधिसूचना के लिए एक मसौदा प्रस्ताव के बावजूद, इस मामले में बहुत कम प्रगति हुई है, जो बाढ़ के मैदान की सीमा, या उच्चतम बाढ़ स्तर से 500 मीटर के भीतर निर्माण गतिविधियों को विनियमित करने का प्रयास करता है। वहीं सरकार इस आधार पर अपनी हिचकिचाहट का बचाव करती है कि यह एक पेचीदा मुद्दा है जिसके लिए आगे अध्ययन की आवश्यकता है। लेकिन यह देखते हुए कि अधिसूचना पूर्वव्यापी नहीं होगी, इस मुद्दे पर सर्वसम्मति की दिशा में तेजी से आगे बढ़ना महत्वपूर्ण है क्योंकि बाढ़ के मैदानों में न्यूनतम निर्माण जीवन की रक्षा के लिए काम करेगा जब नदियाँ पूरे उफान पर होंगी।

केंद्रीय जल आयोग ने बताया है कि आज सुबह 8 बजे यमुना का जल स्तर 208.48 मीटर तक पहुंच गया. एमसीडी के अधिकारीयों के अनुसार, बाढ़ जैसी स्थिति के कारण दिल्ली के सिविल लाइंस जोन के निचले इलाकों में 10, शहादरा में 7 स्कूल आज बंद रहेंगे। भारी बारिश और हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से शहर के कई इलाके बाढ़ और जलभराव की चपेट में हैं.

दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में यमुना के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है. यह गत रविवार सुबह 11 बजे 203.14 मीटर से बढ़कर सोमवार शाम 5 बजे 205.4 मीटर हो गया, जो उम्मीद से 18 घंटे पहले खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गया। दिल्ली पुलिस ने एहतियात के तौर पर दिल्ली के बाढ़ग्रस्त इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 भी लगा दी है। दिल्ली सरकार के अनुसार, अपनी निकासी योजना के तहत, निचले इलाकों में रहने वाले कुल 16,564 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और 14,534 लोग शहर भर में तंबू/आश्रयों में रह रहे हैं। कल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संकट को कम करने के लिए तत्काल उपाय करने के लिए एक सरकारी निकाय, केंद्रीय जल आयोग को एक पत्र लिखा। उफनती यमुना का पानी निचले इलाकों कश्मीरी गेट, आईटीओ तक पहुंच गया है।

दिल्‍ली में कौन सी सड़कें बंद हैं?

आईपी फ्लाईओवर और चंदगीराम अखाड़े के बीच महात्मा गांधी मार्ग, कालीघाट मंदिर और दिल्ली सचिवालय के बीच महात्मा गांधी मार्ग, और वज़ीराबाद ब्रिज तथा चंदगी राम अखाड़े के बीच बाहरी रिंग रोड पर यातायात बाधित है। यमुना में बढ़ते पानी को सिंघू, बदरपुर, लोनी और चिल्ला बॉर्डर से दिल्ली में भारी माल वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा। हरियाणा, हिमाचल, चंडीगढ़, जम्मू- कश्मीर, उत्तराखंड से आने वाली बसें सिंघू बॉर्डर पर ही रोकी जाएंगी। आवश्यक सेवाओं वाली गाड़ियों पर प्रतिबंध नहीं होगा।

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से दिल्ली का ट्रैफिक पूरी तरह से ठप हो गया है. सड़कों पर जलभराव के कारण रूट डायवर्जन का सहारा लिया गया है. इसको लेकर दिल्ली की ट्रैफिक पुलिस ने एडवायजरी जारी की है. वाणिज्यिक वाहनों की आवाजाही को निम्नानुसार नियंत्रित किया जाएगा:

गैर-नियत वाणिज्यिक वाहनों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी और उनको ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे की ओर डायवर्ट जाएगा
व्यावसायिक वाहनों को मुकरबा चौक से डायवर्ट किया जाएगा. मुकरबा चौक और वज़ीराबाद ब्रिज के बीच वाणिज्यिक वाहनों को अनुमति नहीं दी जाएगी
व्यावसायिक वाहनों को सराय काले खां से डायवर्ट किया जाएगा. सराय काले खां और आईपी फ्लाईओवर के बीच वाणिज्यिक वाहनों को अनुमति नहीं दी जाएगी
गाजीपुर बॉर्डर से व्यावसायिक वाहनों को डायवर्ट किया जाएगा
व्यावसायिक वाहनों को अक्षरधाम से डीएनडी की ओर डायवर्ट किया जाएगा.
अक्षरधाम और सराय काले खां के बीच वाणिज्यिक वाहनों को अनुमति नहीं दी जाएगी

सीएम केजरीवाल की अपील- इन रास्तों पर न जाएं
मुख्यमंत्री अरविंद केजरवील ने ट्वीट कर कहा कि यमुना का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है. अब पानी 208.46m पर पहुँच गया है. बढ़ते हुए जल स्तर के कारण, यमुना के आस पास की सड़कों पर आ गया है. आपसे अनुरोध है कि इन रास्तों पर ना जायें. जिन आबादी वाले इलाक़ों में पानी भरा है, वहाँ से लोगों को खाली करने के लिए कहा गया है. वहाँ रहने वालों से अनुरोध है कि प्रशासन का सहयोग करें. लोगों की जान बचाना सबसे ज़रूरी है. सभी दिल्ली वालों से अपील है कि इस आपातकाल स्थिति में एक दूसरे का हर संभव सहयोग करें.

वजीराबाद ब्रिज से विकास मार्ग के बीच का रास्ता बंद

लोगों ने फ्लाइओवर ने नीचे शरण ली है. लोगें को खाना वितरित किया जा रहा है. वहीं, दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने से यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. ट्रैफिक पुलिस के अनुसार आउटर रिंग रोड पर वजीराबाद ब्रिज से विकास मार्ग के बीच का रास्ता बंद किया गया है. इसके साथ ही महात्मा गांधी रोड का कालीघाट मंदिर से दिल्ली सचिवालय रोड भी बंद रखा गया है.

यमुना के खादर में बाढ़ जैसे हालात

यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से यमुना खादर क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है. बचाव अभियान जारी है. एक पुलिसकर्मी ने बताया, “यहां हालात बहुत असामान्य हैं। हम लोगों को यहां बाहर निकलने के लिए समझा रहे हैं क्योंकि जलस्तर काफी ऊपर आ चुका है. अभी तक करीब 500 लोगों को रेस्क्यू किया गया है..

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