नैनो यूरिया एवं डी.ए.पी. आधारित वृहद फसल विचार गोष्ठी का भव्य आयोजन
हरखूमऊ में किसानों के लिए ऐतिहासिक कृषि संगोष्ठी, नैनो यूरिया बना केंद्र बिंदु
शुकुल बाजार के हरखूमऊ गोदाम में शनिवार का दिन किसानों के लिए किसी उत्सव से कम नहीं था। कृषि वानिकी समिति एवं आईएफएफडीसी परियोजना केंद्र द्वारा वृहद फसल विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें नैनो यूरिया एवं डी.ए.पी. जैसे उर्वरकों पर विस्तृत चर्चा हुई।
इस कार्यक्रम में देशभर के कृषि वैज्ञानिकों, आईएफएफडीसी के वरिष्ठ अधिकारियों और क्षेत्र के प्रतिष्ठित जनप्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। आयोजन का मुख्य उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से अवगत कराना और नैनो यूरिया जैसे नवीन कृषि उत्पादों के उपयोग पर जोर देना था।
मां सरस्वती के चरणों में नमन, कार्यक्रम का भव्य शुभारंभ
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि योगेंद्र कुमार, विपणन निदेशक, इफको, नई दिल्ली द्वारा की गई। उन्होंने मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर दीप प्रज्वलन किया, जिससे इस गोष्ठी का विधिवत शुभारंभ हुआ। इसके बाद किसानों द्वारा प्रदर्शित विभिन्न फसल उत्पादों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया, जिससे किसानों के नवाचार और मेहनत की झलक मिली।
इस अवसर पर अशोक सिंह, सचिव, कृषि वानिकी सहकारी समिति लिमिटेड, हरखूमऊ बाजार शुकुल ने कहा कि यह संगोष्ठी किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगी क्योंकि इसमें विशेषज्ञों द्वारा दी गई जानकारी से किसानों को अपनी उत्पादकता और लाभ बढ़ाने के अमूल्य सुझाव मिलेंगे।
विशेषज्ञों की मौजूदगी से किसानों को मिली नई राह
इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में कृषि जगत के कई दिग्गज उपस्थित रहे:
– गुरु प्रसाद त्रिपाठी – निदेशक, आईएफएफडीसी
– जितेंद्र तिवारी – अध्यक्ष, इफको ऑफिसर एसोसिएशन, नई दिल्ली
– एस.पी. सिंह – प्रबंध निदेशक, आईएफएफडीसी, गुरुग्राम
– अभिमन्यु राय – राज्य विपणन प्रबंधक, लखनऊ
– श्रीमती माधवी विप्रदास – प्रबंध निदेशक, आईएफएफडीसी, गुरुग्राम
– क्षेत्रीय भाजपा पदाधिकारी एवं गणमान्य नागरिक
इन सभी विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए और कृषि क्षेत्र में आ रहे बदलावों, नई तकनीकों और किसानों के भविष्य पर विस्तार से चर्चा की।
नैनो यूरिया: रासायनिक यूरिया से 20% अधिक प्रभावी
योगेंद्र कुमार, विपणन निदेशक, इफको, नई दिल्ली ने किसानों को संबोधित करते हुए नैनो यूरिया की शक्ति और लाभ पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा,
“नैनो यूरिया किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यह पारंपरिक रासायनिक यूरिया से 20% अधिक प्रभावी है और लागत में भी किफायती है। इससे न केवल किसानों की उपज में वृद्धि होगी बल्कि मिट्टी, पानी और हवा के प्रदूषण को भी रोका जा सकता है।”
उनके इस वक्तव्य ने उपस्थित किसानों में नैनो यूरिया के प्रति गहरी रुचि उत्पन्न कर दी। सभी किसान इस नई तकनीक को अपनाने के लिए उत्साहित नजर आए।
कृषि वैज्ञानिकों ने दिए क्रांतिकारी सुझाव
कार्यक्रम में आए कृषि वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों ने किसानों को अपनी फसल उत्पादन क्षमता बढ़ाने, जलवायु परिवर्तन के अनुकूल खेती करने और जैविक खेती के महत्व पर गहन जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अगर किसान आधुनिक तकनीकों का सही उपयोग करें तो कम लागत में अधिक उत्पादन संभव है।
विशेषज्ञों ने डी.ए.पी. और नैनो यूरिया के संतुलित उपयोग, जैविक खाद के महत्व और जल संरक्षण तकनीकों के बारे में भी जानकारी दी, जिससे किसानों को अपनी उपज को और अधिक लाभकारी बनाने में मदद मिलेगी।
गोष्ठी के आयोजक अशोक सिंह ने किसानों को दिए सुनहरे अवसर
अशोक सिंह, सचिव, कृषि वानिकी सहकारी समिति लिमिटेड, हरखूमऊ बाजार शुकुल, इस संगोष्ठी के मुख्य आयोजक थे। उन्होंने कहा कि किसानों की समृद्धि ही उनकी प्राथमिकता है और वे भविष्य में भी इसी तरह के कृषि जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करते रहेंगे।
उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अपने खेती के पारंपरिक तरीकों के साथ आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाकर अपनी उपज और आमदनी को दोगुना करें।
राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों ने बढ़ाया किसानों का हौसला
गोष्ठी में न केवल कृषि विशेषज्ञ बल्कि क्षेत्रीय राजनीतिक एवं सामाजिक हस्तियां भी शामिल रहीं, जिन्होंने किसानों का उत्साहवर्धन किया। प्रमुख रूप से उपस्थित भाजपा जिला उपाध्यक्ष गिरीश चंद्र शुक्ला, उद्योगपति महेंद्र सिंह, समाजसेवी पी.के. तिवारी, ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि हारून खां, भाजपा मंडल अध्यक्ष शंकर बक्स सिंह, ग्राम प्रधान राकेश शर्मा सहित कई गणमान्य लोगों ने इस आयोजन की सराहना की।
गोष्ठी में उमड़ा किसानों का सैलाब, जागरूकता से लाभान्वित हुए सैकड़ों किसान
इस कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में किसान उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान कृषि वैज्ञानिकों द्वारा प्रस्तुत किए गए सुझावों को किसानों ने ध्यानपूर्वक सुना और उनसे सवाल-जवाब भी किए।
किसानों ने इस कार्यक्रम को अत्यंत ज्ञानवर्धक और लाभकारी बताया। उनका कहना था कि इस तरह के आयोजनों से उन्हें नई-नई तकनीकों की जानकारी मिलती है और वे अधिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ खेती कर सकते हैं।
कृषि में क्रांति की ओर एक नया कदम
इस संगोष्ठी ने क्षेत्र के किसानों को नैनो यूरिया, डी.ए.पी., जैविक खाद और आधुनिक कृषि पद्धतियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि इन नई तकनीकों को बड़े पैमाने पर अपनाया जाता है तो यह भारतीय कृषि में एक नई क्रांति ला सकता है।
भविष्य में और बड़े स्तर पर होंगे ऐसे आयोजन
अधिकारियों ने बताया कि भविष्य में भी इसी तरह की कृषि संगोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक किसान जागरूक होकर आधुनिक कृषि तकनीकों का लाभ उठा सकें।
किसानों की मांग को ध्यान में रखते हुए इफको और आईएफएफडीसी द्वारा कृषि से संबंधित अन्य जागरूकता अभियानों की भी योजना बनाई जा रही है।
निष्कर्ष: किसानों के उज्जवल भविष्य की दिशा में एक सफल कदम
हरखूमऊ में आयोजित यह वृहद कृषि विचार गोष्ठी किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुई। किसानों ने न केवल नई तकनीकों और वैज्ञानिक उपायों को जाना, बल्कि प्रेरणा भी ली कि वे अपनी खेती को और अधिक उन्नत बना सकते हैं।
यह कार्यक्रम भारतीय कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ और किसानों के उज्जवल भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा सकता है।