GST दर कम करने का श्रेय और जनता पर बोझ

Aanchalik Khabre
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हर्षवर्धन सपकाल GST दर

महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की GST दर कटौती पर प्रतिक्रिया दी। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री GST दर में कटौती का श्रेय लेने से पहले आठ साल तक बढ़ी हुई दर से हुई जनता और उद्योग की आर्थिक हानि की जिम्मेदारी स्वीकार करें। 2017 में लागू किए गए उच्च GST दर ने छोटे व्यापारियों और आम नागरिकों पर भारी बोझ डाला। सपकाल ने कहा कि GST संग्रह पिछले आठ वर्षों में दोगुना होकर 22 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच गया, जिसका बोझ सीधे जनता पर पड़ा।


राहुल गांधी का पूर्व चेतावनी और “गब्बर सिंह टैक्स”

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने याद दिलाया कि राहुल गांधी ने पहले ही GST को “गब्बर सिंह टैक्स” बताया था और लगातार दर घटाने की मांग की थी। सपकाल का कहना है कि प्रधानमंत्री ने इन चेतावनियों पर कार्रवाई में कई साल लगाये। वहीं पेट्रोल और डीज़ल की बढ़ती कीमतों पर आज भी चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने यह भी इंगित किया कि देश को स्वदेशी अपनाने की सलाह देने वाले प्रधानमंत्री खुद विदेशी उत्पादों का उपयोग करते हैं।


महंगाई और बेरोज़गारी पर ध्यान देने की आवश्यकता

हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि आज के भाषण में प्रधानमंत्री का उत्साह और आत्मविश्वास कम दिखा। बढ़ती महंगाई, बेरोज़गारी और किसानों की समस्याओं को हल करने की बजाय जनता को भ्रमित करने वाले भाषण देना उपयुक्त नहीं है। उनका यह भी कहना है कि अगर आज “बचत महोत्सव” है, तो पिछले आठ सालों का क्या? जनता की उम्मीदें अब सीधे रोजगार, आर्थिक राहत और सही नीतियों की ओर केंद्रित हैं।

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