Harvard University: ट्रंप के फ़ैसले से “हावर्ड यूनिवर्सिटी” को झटका, क्या होगा Indian Students पर इसका प्रभाव?

Anchal Sharma
7 Min Read
Harvard University: ट्रंप के फ़ैसले से "हावर्ड यूनिवर्सिटी" को झटका, क्या होगा Indian Students पर इसका प्रभाव?

Harvard University vs Trump: डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय छात्रों को तगड़ा झटका दिया है। उनके इस फैसले से छात्रों का भविष्य दांव पर है।

Harvard University: ट्रंप के फ़ैसले से "हावर्ड यूनिवर्सिटी" को झटका, क्या होगा Indian Students पर इसका प्रभाव?

Donald Trump take Action Harvard University: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका की सबसे प्रतिष्ठित हावर्ड यूनिवर्सिटी को लेकर ऐसा फैसला लिया है। जिसके बाद ना Indian Students in usa बल्कि दुनिया भर के छात्रों को तगड़ा झटका लगा है। ट्रंप ने हावर्ड यूनिवर्सिटी पर विदेशी छात्रों के दाखिले पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि हावर्ड यूनिवर्सिटी में सिर्फ अमेरिकी छात्र ही एडमिशन ले सकते हैं। मेरे फैसले के बाद कोई भी विदेशी छात्र हावर्ड यूनिवर्सिटी में एडमिशन नहीं ले सकेगा। बता दें कि वर्तमान में हावर्ड यूनिवर्सिटी में 7 हजार विदेशी छात्र पढ़ते हैं। इसमें 788 भारतीय छात्र हैं। ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि इस हावर्ड यूनिवर्सिटी में यहूदी विरोधी गतिविधियां चलती हैं। जिसके कारण ये फैसला लिया गया है।

क्या संविधान के खिलाफ है हावर्ड यूनिवर्सिटी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का जब से 2.0 कार्यकाल शुरू हुआ है। उनके फैसलों से ना सिर्फ विदेशी मुल्कों को परेशानी हो रही है। बल्कि अमेरिका के अंदर भी लिए गए फैसलों दिक्कतें बढ़ गई हैं। दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित हावर्ड यूनिवर्सिटी पर लिए गए उनके फैसलों से हजारों विदेशी छात्रों का भविष्य दांव पर लग गया है। ट्रंप की नीतियां ना मानने पर पहले तो हावर्ड यूनिवर्सिटी की फंडिंग रोकी गई इसके बाद विदेशी छात्रों के दाखिले पर पूरी तरह से रोक लगा दी। मौजूदा वक्त में हावर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे विदेशी छात्रों को या तो ट्रांसफर लेना होगा या फिर इनका एडमिशन रद्द किया जाएगा। ट्रंप के इस फैसले के बाद छात्रों के साथ – साथ टीचर भी गहरी चिंता में हैं। शिक्षकों का मानना है कि विदेशी छात्रों के जाने के बाद हावर्ड यूनिवर्सिटी की एजुकेशनल क्वालिटी पर भी असर पड़ेगा। साथ ही कंपटीशन लेवल भी कमजोर पड़ेगा। वहीं ट्रंप प्रशासन ने कहा कि विदेशी छात्रों को एडमिशन देना कोई अधिकार नहीं बल्कि एक विशेषाधिकार है। पिछले कुछ समय से हावर्ड यूनिवर्सिटी में अमेरिका विरोधी और यहूदी विरोधी प्रचार बढ़ गया था। लम्बे समय से हम इसको पारदर्शी बनाने की योजना बना रहे थे। हमनें देखा है कि हावर्ड यूनिवर्सिटी में हमास समर्थक और यहूदी विरोधी गतिविधियां विदेशी छात्रों द्वारा संचालित हुई हैं। जो अमेरिकी संविधान के खिलाफ है।

ट्रंप के फैसले के बाद विदेशी एक भविष्य का क्या होगा

डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के बाद हावर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे 6800 विदेशी छात्रों के भविष्य पर खतरा मंडराने लगा है। जबकि पूरी हावर्ड यूनिवर्सिटी में लगभग 30 हजार छात्र पढ़ते हैं। जिसमें 22800 अमेरिकी छात्र हैं। बाकि 6800 विदेशी छात्र दुनिया के 100 से अधिक देशों से आते हैं। वहीं वर्तमान समय में भारत के 788 छात्र हावर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे हैं। ट्रंप के फैसले के बाद विदेशी छात्रों को बीच में ही हावर्ड यूनिवर्सिटी छोड़नी होगी। अब उनके पास दो ही विकल्प मौजूद है। पहला ये कि विदेशी छात्र किसी दूसरी अमेरिकी यूनिवर्सिटी में ट्रांसफर लें। या फिर वो नए सिरे से किसी दूसरी यूनिवर्सिटी में दाखिला लें। अमेरिका के होमलैंड सुरक्षा सचिव क्रिस्टी नोएम ने कहा है कि सुरक्षा विभाग ने यह कदम इसलिए उठाया है कि हावर्ड यूनिवर्सिटी ने अपने विदेशी छात्रों के बारे में रिकॉर्ड प्रस्तुत करने के नियमों का पालन नहीं किया। यूनिवर्सिटी के अंदर यहूदी छात्रों के प्रति शात्रुतापूर्ण व्यवहार, हमास का समर्थन,जैसे आरोप लगे हैं। होमलैंड सुरक्षा सचिव ने आगे कहा कि अमेरिका की धरती पर कौन आता है। ये सब देखना अमेरिकी सरकार का काम है। हम ये भी देखते हैं कि अमेरिका का कौन सा कॉलेज , यूनिवर्सिटी स्टूडेंट एक्सचेंज और विजिटर प्रोग्राम का हिस्सा है। आपको बता दें कि विजिटर प्रोग्राम कॉलेजों और यूनीवर्सिटी में दाखिले के लिए विदेशी छात्रों के जरूरी दस्तावेज जारी करने का काम करता है। इसके बाद ही किसी विदेशी छात्र को अध्यन करने के लिए वीजा मिलता है।

कैसे मिलता है हावर्ड यूनिवर्सिटी में एडमिशन

अमेरिका की हावर्ड यूनिवर्सिटी को दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में से एक गिना जाता है। हावर्ड यूनिवर्सिटी की स्थापना 28 अक्टूबर 1936 में की गई थी। दुनियाभर के छात्रों की ख्वाइश रहती है कि उन्हें किसी तरह हावर्ड यूनिवर्सिटी में एडमिशन मिल जाए। साल 2025 में क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी कि एक रिपोर्ट के अनुसार हावर्ड यूनिवर्सिटी को चौथा स्थान मिला। यहां हर साल लगभग 500 से 800 भारतीय छात्र पढ़ने आते हैं। हावर्ड यूनिवर्सिटी में एमबीए, एलएलएम, एलएलबी, चार्टेड अकाउंटेड और मेडिकल फील्ड से जुड़े कोर्सेज की पढ़ाई कराई जाती है। हावर्ड यूनिवर्सिटी की एक साल की फीस 67 हजार डॉलर होती है। यहां कई तरह की स्कॉलरशिप भी मिलती है। अगर आप हावर्ड यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेना चाहते हैं तो आपको कुछ जरूरी टेस्ट पास करने होंगे। सबसे पहले आपको कॉमन एप्लिकेशन के जरिए ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा। आपने जितने भी कोर्सेज या डिग्री हासिल की है। सभी को सबमिट करना होगा। इसके बाद एडमिशन के लिए आपको SAT यानी स्कोलोस्टिक असेसमेंट टेस्ट और IELTS/TOEFL स्कोर की जरूरत होगी। फार्म जमा होने के बाद आपको एडमिशन मिल जाएगा। फिर आप अमेरिकी दूतावास जाकर स्टूडेंट वीजा अप्लाई कर सकते हैं

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