वसई। उत्तराखंड समाज के वरिष्ठ समाजसेवी, दानवीर और उदारमना बिज़नेसमैन हयात सिंह राजपूत (भाईंदर) पिछले चार दशकों से निरंतर समाजहित में कार्यरत हैं। उनके जीवन का मूल मंत्र है, “समाजसेवा ही सच्ची सेवा है।” यही कारण है कि वे हर परिस्थिति में ज़रूरतमंदों की आवाज़ सुनते ही तुरंत मदद के लिए हाथ बढ़ाते हैं।
हाल की पहल
हाल ही में उत्तरांचल मित्र मंडल वसई की ओर से समाजहित में एक अपील व्हाट्सऐप संदेश के ज़रिये साझा की गई। संदेश पढ़ते ही हयात सिंह राजपूत ने बिना देर किए रिलीफ फंड में 15,000 रुपये का योगदान कर दिया। यह उनकी संवेदनशीलता और तत्परता का सशक्त उदाहरण है।
निरंतर सहयोग का सिलसिला
हयात सिंह राजपूत केवल एक नाम नहीं, बल्कि समाजसेवा की जीवंत मिसाल हैं। वे न सिर्फ आर्थिक रूप से, बल्कि अपने समय और प्रयास से भी समाज को सशक्त बनाने का कार्य करते हैं। हाल ही में उन्होंने ठाणे निवासी हेमंत जोशी की 11 महीने की बच्ची के इलाज हेतु मदद कर यह सिद्ध किया कि उनकी सेवा केवल एक वर्ग तक सीमित नहीं है, बल्कि हर उस परिवार तक पहुँचती है, जो संकट में फंसा हो।
चार दशकों से सेवा की परंपरा
वर्ष 1971 में मुंबई से समाजसेवा की शुरुआत करने वाले राजपूत आज उत्तराखंड समाज के लिए गौरव का प्रतीक हैं।
वे विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक आयोजनों से लेकर खेलकूद तक हर क्षेत्र में सहयोग देते आए हैं। उनकी सक्रिय भूमिका अनेक संस्थाओं में रही है, जिनमें प्रमुख हैं –
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जनरल सेक्रेटरी, काफल फाउंडेशन
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जनरल सेक्रेटरी, उत्तरांचल मित्र मंडल भाईंदर
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लीगल एडवाइज़र, उत्तरांचल मित्र मंडल वसई
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लीगल एडवाइज़र, पहाड़ी प्रवासी सोसायटी
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वरिष्ठ सलाहकार, गढ़वाल भारत मंडल
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वरिष्ठ सलाहकार, देवभूमि कला मंच ठाणे
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सलाहकार, देवभूमि स्पोर्ट्स फाउंडेशन
इन सभी पदों पर रहकर उन्होंने संगठन को मज़बूती दी और समाजहित की योजनाओं को आगे बढ़ाया।
मानव कल्याण केंद्र और बद्रीनाथ मंदिर हेतु योगदान
वसई में उत्तरांचल मित्र मंडल द्वारा निर्मित हो रहे मानव कल्याण केंद्र और बद्री विशाल मंदिर के लिए अब तक वे लगभग 17 लाख रुपये का योगदान कर चुके हैं। यह उनकी उदारता का एक हिस्सा मात्र है, जबकि उनकी व्यक्तिगत मेहनत, समय और नेतृत्व समाज के लिए कहीं अधिक मूल्यवान साबित हुए हैं।
प्रेरणा का स्रोत
अपने त्याग और निस्वार्थ सेवा भाव से हयात सिंह राजपूत ने उत्तराखंड समाज और महाराष्ट्र के अनेक संगठनों में स्थायी पहचान बनाई है। समय-समय पर उन्हें विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जाता रहा है।
उनकी सेवाएँ इस बात की प्रेरक मिसाल हैं कि यदि कोई व्यक्ति दिल से समाजसेवा का संकल्प ले, तो वह आने वाली पीढ़ियों के लिए मजबूत आधार स्तंभ बन सकता है। हयात सिंह राजपूत आज समाज के लिए वही आधार स्तंभ हैं – समर्पण, दानशीलता और इंसानियत की जीवंत मिसाल।
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