चित्रकूट। मानिकपुर विधानसभा क्षेत्र से एनडीए गठबंधन के तहत अपना दल प्रत्याशी को विरोध झेलना पड़ रहा है। विरोधी दल के नेताओं और अन्य लोग केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल पर क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाते हैं। इनका इस बात पर जोर रहता है कि केंद्रीय मंत्री रहते हुए भी अनुप्रिया ने अपनी ससुराल के लिए क्या किया। वह चाहकर भी नहीं गिना पाएंगी।मानिकपुर विधानसभा में उपचुनाव के दौरान आनंद शुक्ला की जीत के बाद भी उनको इस बार टिकट न मिलना। यहां की सीट अपना दल के खाते में चली जाने के कई मायने हैं। स्थानीय और स्थायी के मुद्दे पर आनंद का जबर्दस्त विरोध तमाम लोगों ने किया। इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा। हालांकि इसके बाद टिकट किसको मिला और वह स्थानीय है या बाहरी। यह अलग मुद्दा है।
अपना दल (सोनेलाल) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की ससुराल चित्रकूट जिले के रामनगर ब्लाक में लौरी हनुमानगंज में है। हालांकि वह मिर्जापुर लोकसभा सीट से सांसद हैं। इस बार विधानसभा चुनाव में अपना दल (एस) को जो सीटें मिली हैं। एक चित्रकूट की मानिकपुर भी है। इस सीट से कौशांबी जिले के महिला गांव के अविनाश चंद्र द्विवेदी को प्रत्याशी बनाया गया है।अपना दल प्रत्याशी को इस बार इलाके में विरोध का सामना इसलिए करना पड़ रहा है कि ज्यादातर लोगों का सवाल होता है। अपना दल के भाजपा का अहम घटक होने के बाद भी इलाके के लिए अनुप्रिया ने क्या किया है। इसके अलावा पटेल, यादव, ब्राह्मण और अनुसूचित जाति का फैक्टर भी अविनाश के रास्ते में बाधाएं खड़ी कर रहा है।
वीर सिंह के मैदान में आते ही बिगड़ रहा समीकरण
सपा प्रत्याशी वीर सिंह पटेल के आ जाने से भी फर्क पड़ा है। ना-ना, हां-हां करते करते वीर सिंह का चुनावी मैदान में कूदना भी अविनाश की गणित गड़बड़ा सकता है। राजनीतिक जानकारों की माने तो एक तो बाहरी होना और दूसरा विकास का मुद्दा अविनाश के लिए दिक्कत का सबब बन सकता है।