द्वारका सेक्टर-6 कामाक्षी अपार्टमेंट की चित्रा विश्वनाथन ने अपने हुनर का परिचय देकर महिला सशक्तिकरण पर दिया बल ।
द्वारका सेक्टर-6 में कामाक्षी अपार्टमेंट में रहने वाली चित्रा विश्वनाथन ने अपने हाथों से बनाई हुई मूर्तियों की प्रदर्शनी को प्रस्तुत करते हुए यह साबित कर दिया कि कला (हुनर) कभी किसी का मोहताज नहीं होता । जब हमारी टीम चित्रा विश्वनाथन से मिलने पहुंची,तो हमने उनके हाथ की बनी हुई कई मूर्तियों का विश्लेषण किया जो अपने आप में एक अनुपम-प्रतिभा को प्रदर्शित करते नजर आ रही थी । वार्तालाप दौरान चित्रा विश्वनाथन जो मूल रूप से साउथ की हैं,हमे बताया वह एक गरीब परिवार से संबंधित थी और उन्होंने गरीबी रेखा में बचपन से अपने हाथों से हर काम को मेहनत से पूरा किया उसी मेहनत का नतीजा है आज वह इस मुकाम पर है कि अपने साथ सैंकडो लोगों को रोजगार का साधन जुटाने के साथ अपने देश की संस्कृति की धरोहर को जीवित रखने का काम कर रही हैं । इसके अलावा अपने-आप में एक बड़ी अहम बात यह है, उन्होंने आज तक इन सभी कामों के लिए कभी किसी से कोई प्रशिक्षण नहीं लिया । यह सिर्फ उनके मेहनत व निष्ठावान तरीके से काम करने का ही नतीजा है,आज वह एक अच्छी डांसर, पेंटर,कोरियोग्राफर,कृत्रिम-ज्वेलरी डिजाइनर (आर्टिस्ट) के अलावा सिलाई-बुनाई इत्यादि कई तरह के कामों को बखूबी तौर पर करती आ रही है । अपने आप में एक अजूबा है । हमारी मीडिया टीम से बातचीत दौरान चित्रा विश्वनाथन ने बताया कि गरीबी रेखा से उठकर इस मुकाम तक पहुंची हूं,इसलिए मेरी जिंदगी का एक मुख्य लक्ष्य अपने आस पास मे गरीब-बेरोजगार आर्थिक स्थिति से कमजोर लोगों जिसमें विशेषकर महिलाएं जो विधवा बेसहारा व आर्थिक तौर पर कमजोर है उनको मजबूती प्रदान करके महिला सशक्तिकरण को बल देना ही मेरी पहली प्राथमिकता रही है । मैं चाहती हूं,इस हुनर को अपने तक सीमित ना रखते हुए अपने समाज को किसी ना किसी बहाने से कुछ देकर जाऊ । उन्होंने देश की महिलाओं से अपील के तहत कहा,जरूरी नहीं है कि हर महिला पढ़-लिखकर नौकरी कर सके,यदि किसी भी तरह के हाथ का हुनर आपके पास है तो आप को अपनी प्रतिभा को बाहर निकालते हुए अपने अलावा अपने समाज को सुदृढ़ता प्रदान करने के लिए अपना प्रमुख योगदान देना चाहिए ।
मेरा यह मानना है,हर महिला अपने आप में एक कलाकार होती है,उसके अंदर कई तरह की कलाकृतियां छिपी रहती हैं सिर्फ उसे उजागर करने की जरूरत होती है । जिससे हर महिला अपने सशक्तिकरण के अलावा अपने परिवार को भी रोजगार माध्यम से सशक्त बना सकती है,जो कि आज की महंगाई के दौर में अत्यंत आवश्यक है । जिसके लिए मैं चाहती हूं हर महिला अपने आप को (नकारा) बेकार ना समझते हुए अपने हुनर को उजागर कर सक्षम महिला बने,इसमें जितना संभव होगा मेरा शत-प्रतिशत सहयोग रहेगा । जिसके लिए मैं हमेशा से प्रयासरत रही हूं और आगे भी रहूंगी ।
हमारी मीडिया टीम का चित्रा विश्वनाथन जैसी जाँबाज व सशक्त वीरांगनाओं को तहेदिल से सलाम ।