By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
Aanchalik KhabreAanchalik Khabre
  • होम
  • राज्य समाचार
    • दिल्ली के समाचार
    • महाराष्ट्र के समाचार
    • उत्तर प्रदेश के समाचार
    • उत्तराखंड के समाचार
    • गुजरात के समाचार
    • चंडीगढ़ के समाचार
    • छत्तीसगढ़ के समाचार
    • जम्मू-कश्मीर के समाचार
    • झारखंड के समाचार
    • पुणे के समाचार
    • बिहार के समाचार
    • मध्य प्रदेश के समाचार
    • राजस्थान के समाचार
    • हरियाणा के समाचार
    • हिमाचल प्रदेश के समाचार
  • गैजेट्स न्यूज़
  • जुर्म न्यूज़ हिंदी में
  • खेल समाचार
  • सेहत से जुड़ी खबरे
  • ताज़ा खबरें
Reading: प्रयागराज उत्तर प्रदेश में मां ने अस्पताल में प्रसव के बाद नवजात बेटे को बेचने के लिए लगाई कीमत, पहुंचे खरीदार, और फिर शनि केसरवानी बड़े बेटे की इलाज की खातिर एक मां ने अपने नवजात बेटे की बोली लगा दी। उसने कुछ देर पहले ही अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया था और इसके बाद उसने नवजात बच्चे को बेचने का एलान कर दिया। डेढ़ लाख रुपये तक की बोली लग गई थी। बच्चा बेचने के पीछे मां की बेबसी सुनकर लोगों का दिल पसीज गया। गरीबी जो न करा दे। रविवार को एक मां ने अस्पताल में पुत्र को जन्म देने के बाद अपनी ममता को ही बेचने का एलान कर दिया। अस्पताल में नवजात शिशु की कीमत लगने लगी। जानकारी मिली तो खरीदार भी पहुंचने लगे। अंतत: अस्पताल के चिकित्सकों और पैरा-मेडिकल स्टाफ ने मां को समझा बुझा कर बेटे को न बेचने के लिए राजी कर लिया। शिशु के पालन-पोषण के लिए अस्पतालकर्मियों ने दो हजार रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया है। आर्थिक तंगी की वजह से लाचार मां की यह कहानी मानवीय संवेदना को झकझोर देने वाली है। शहर के वीआईपी इलाके अशोकनगर से लगे नेवादा की एक महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी। इसके बाद उसे छावनी बोर्ड के अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां जच्चा-बच्चा वार्ड में उसने दोपहर करीब एक बजे पुत्र को जन्म दिया। कुछ देर बाद वह वह महिला अपने नवजात पुत्र को बेचने के लिए अस्पताल कर्मियों से बात करने लगी। जानकारी मिलने के बाद वार्ड आया और कुछ आशा बहुएं सक्रिय हो गईं। कुछ देर बाद ही अस्पताल में खरीदार पहुंचने लगे। पहले महिला ने अपने बेटे की कीमत 1.10 लाख लगाई। फिर सौदा बढ़ने पर कीमत 1.20 लाख और इसके बाद 1.50 लाख तक पहुंच गई। वार्ड में नवजात शिशु के सौदे की जानकारी जब चिकित्सकों को मिली तब वह महिला को समझाने में जुट गए। तीन बच्चों की इस मां का कहना था कि उसका दूसरा पुत्र विकलांग है। वह चौका-बर्तन कर किसी तरह परिवार का गुजारा करती है। उसके पति कारपेंटर हैं। लेकिन, मजदूरी से इतनी रकम नहीं मिल पाती, जिससे वह विकलांग बच्चे का उफचार करा सकें। ऐसे में बच्चे के उपचार के लिए वह इस शिशु को बेचना चाहती है। इस पर चिकित्सकों और कर्मियों ने उसे विकलांग बच्चे की दवा और नवजात शिशु के पालन के लिए दो हजार रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया। कागज पर लिखित तौर पर चिकित्सकों ने इस आशय का सहमति पत्र महिला को दिया, तब जाकर उसने बेटे को बेचने इरादा छोड़ा।
Share
Notification Show More
Aa
Aanchalik KhabreAanchalik Khabre
Aa
  • होम
  • राज्य समाचार
  • गैजेट्स न्यूज़
  • जुर्म न्यूज़ हिंदी में
  • खेल समाचार
  • सेहत से जुड़ी खबरे
  • ताज़ा खबरें
  • होम
  • राज्य समाचार
    • दिल्ली के समाचार
    • महाराष्ट्र के समाचार
    • उत्तर प्रदेश के समाचार
    • उत्तराखंड के समाचार
    • गुजरात के समाचार
    • चंडीगढ़ के समाचार
    • छत्तीसगढ़ के समाचार
    • जम्मू-कश्मीर के समाचार
    • झारखंड के समाचार
    • पुणे के समाचार
    • बिहार के समाचार
    • मध्य प्रदेश के समाचार
    • राजस्थान के समाचार
    • हरियाणा के समाचार
    • हिमाचल प्रदेश के समाचार
  • गैजेट्स न्यूज़
  • जुर्म न्यूज़ हिंदी में
  • खेल समाचार
  • सेहत से जुड़ी खबरे
  • ताज़ा खबरें
Have an existing account? Sign In
Follow US
© 2023 Anchalik Khabare. All Rights Reserved.
Aanchalik Khabre > Blog > राज्य समाचार > उत्तर प्रदेश के समाचार > प्रयागराज उत्तर प्रदेश में मां ने अस्पताल में प्रसव के बाद नवजात बेटे को बेचने के लिए लगाई कीमत, पहुंचे खरीदार, और फिर शनि केसरवानी बड़े बेटे की इलाज की खातिर एक मां ने अपने नवजात बेटे की बोली लगा दी। उसने कुछ देर पहले ही अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया था और इसके बाद उसने नवजात बच्चे को बेचने का एलान कर दिया। डेढ़ लाख रुपये तक की बोली लग गई थी। बच्चा बेचने के पीछे मां की बेबसी सुनकर लोगों का दिल पसीज गया। गरीबी जो न करा दे। रविवार को एक मां ने अस्पताल में पुत्र को जन्म देने के बाद अपनी ममता को ही बेचने का एलान कर दिया। अस्पताल में नवजात शिशु की कीमत लगने लगी। जानकारी मिली तो खरीदार भी पहुंचने लगे। अंतत: अस्पताल के चिकित्सकों और पैरा-मेडिकल स्टाफ ने मां को समझा बुझा कर बेटे को न बेचने के लिए राजी कर लिया। शिशु के पालन-पोषण के लिए अस्पतालकर्मियों ने दो हजार रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया है। आर्थिक तंगी की वजह से लाचार मां की यह कहानी मानवीय संवेदना को झकझोर देने वाली है। शहर के वीआईपी इलाके अशोकनगर से लगे नेवादा की एक महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी। इसके बाद उसे छावनी बोर्ड के अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां जच्चा-बच्चा वार्ड में उसने दोपहर करीब एक बजे पुत्र को जन्म दिया। कुछ देर बाद वह वह महिला अपने नवजात पुत्र को बेचने के लिए अस्पताल कर्मियों से बात करने लगी। जानकारी मिलने के बाद वार्ड आया और कुछ आशा बहुएं सक्रिय हो गईं। कुछ देर बाद ही अस्पताल में खरीदार पहुंचने लगे। पहले महिला ने अपने बेटे की कीमत 1.10 लाख लगाई। फिर सौदा बढ़ने पर कीमत 1.20 लाख और इसके बाद 1.50 लाख तक पहुंच गई। वार्ड में नवजात शिशु के सौदे की जानकारी जब चिकित्सकों को मिली तब वह महिला को समझाने में जुट गए। तीन बच्चों की इस मां का कहना था कि उसका दूसरा पुत्र विकलांग है। वह चौका-बर्तन कर किसी तरह परिवार का गुजारा करती है। उसके पति कारपेंटर हैं। लेकिन, मजदूरी से इतनी रकम नहीं मिल पाती, जिससे वह विकलांग बच्चे का उफचार करा सकें। ऐसे में बच्चे के उपचार के लिए वह इस शिशु को बेचना चाहती है। इस पर चिकित्सकों और कर्मियों ने उसे विकलांग बच्चे की दवा और नवजात शिशु के पालन के लिए दो हजार रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया। कागज पर लिखित तौर पर चिकित्सकों ने इस आशय का सहमति पत्र महिला को दिया, तब जाकर उसने बेटे को बेचने इरादा छोड़ा।
उत्तर प्रदेश के समाचार

प्रयागराज उत्तर प्रदेश में मां ने अस्पताल में प्रसव के बाद नवजात बेटे को बेचने के लिए लगाई कीमत, पहुंचे खरीदार, और फिर शनि केसरवानी बड़े बेटे की इलाज की खातिर एक मां ने अपने नवजात बेटे की बोली लगा दी। उसने कुछ देर पहले ही अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया था और इसके बाद उसने नवजात बच्चे को बेचने का एलान कर दिया। डेढ़ लाख रुपये तक की बोली लग गई थी। बच्चा बेचने के पीछे मां की बेबसी सुनकर लोगों का दिल पसीज गया। गरीबी जो न करा दे। रविवार को एक मां ने अस्पताल में पुत्र को जन्म देने के बाद अपनी ममता को ही बेचने का एलान कर दिया। अस्पताल में नवजात शिशु की कीमत लगने लगी। जानकारी मिली तो खरीदार भी पहुंचने लगे। अंतत: अस्पताल के चिकित्सकों और पैरा-मेडिकल स्टाफ ने मां को समझा बुझा कर बेटे को न बेचने के लिए राजी कर लिया। शिशु के पालन-पोषण के लिए अस्पतालकर्मियों ने दो हजार रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया है। आर्थिक तंगी की वजह से लाचार मां की यह कहानी मानवीय संवेदना को झकझोर देने वाली है। शहर के वीआईपी इलाके अशोकनगर से लगे नेवादा की एक महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी। इसके बाद उसे छावनी बोर्ड के अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां जच्चा-बच्चा वार्ड में उसने दोपहर करीब एक बजे पुत्र को जन्म दिया। कुछ देर बाद वह वह महिला अपने नवजात पुत्र को बेचने के लिए अस्पताल कर्मियों से बात करने लगी। जानकारी मिलने के बाद वार्ड आया और कुछ आशा बहुएं सक्रिय हो गईं। कुछ देर बाद ही अस्पताल में खरीदार पहुंचने लगे। पहले महिला ने अपने बेटे की कीमत 1.10 लाख लगाई। फिर सौदा बढ़ने पर कीमत 1.20 लाख और इसके बाद 1.50 लाख तक पहुंच गई। वार्ड में नवजात शिशु के सौदे की जानकारी जब चिकित्सकों को मिली तब वह महिला को समझाने में जुट गए। तीन बच्चों की इस मां का कहना था कि उसका दूसरा पुत्र विकलांग है। वह चौका-बर्तन कर किसी तरह परिवार का गुजारा करती है। उसके पति कारपेंटर हैं। लेकिन, मजदूरी से इतनी रकम नहीं मिल पाती, जिससे वह विकलांग बच्चे का उफचार करा सकें। ऐसे में बच्चे के उपचार के लिए वह इस शिशु को बेचना चाहती है। इस पर चिकित्सकों और कर्मियों ने उसे विकलांग बच्चे की दवा और नवजात शिशु के पालन के लिए दो हजार रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया। कागज पर लिखित तौर पर चिकित्सकों ने इस आशय का सहमति पत्र महिला को दिया, तब जाकर उसने बेटे को बेचने इरादा छोड़ा।

News Desk
Last updated: 2023/07/27 at 12:55 PM
News Desk 2 months ago
Share
#image_title
SHARE

शनि केसरवानी

बड़े बेटे की इलाज की खातिर एक मां ने अपने नवजात बेटे की बोली लगा दी। उसने कुछ देर पहले ही अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया था और इसके बाद उसने नवजात बच्चे को बेचने का एलान कर दिया। डेढ़ लाख रुपये तक की बोली लग गई थी। बच्चा बेचने के पीछे मां की बेबसी सुनकर लोगों का दिल पसीज गया।
गरीबी जो न करा दे। रविवार को एक मां ने अस्पताल में पुत्र को जन्म देने के बाद अपनी ममता को ही बेचने का एलान कर दिया। अस्पताल में नवजात शिशु की कीमत लगने लगी। जानकारी मिली तो खरीदार भी पहुंचने लगे। अंतत: अस्पताल के चिकित्सकों और पैरा-मेडिकल स्टाफ ने मां को समझा बुझा कर बेटे को न बेचने के लिए राजी कर लिया।
शिशु के पालन-पोषण के लिए अस्पतालकर्मियों ने दो हजार रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया है। आर्थिक तंगी की वजह से लाचार मां की यह कहानी मानवीय संवेदना को झकझोर देने वाली है। शहर के वीआईपी इलाके अशोकनगर से लगे नेवादा की एक महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी। इसके बाद उसे छावनी बोर्ड के अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां जच्चा-बच्चा वार्ड में उसने दोपहर करीब एक बजे पुत्र को जन्म दिया। कुछ देर बाद वह वह महिला अपने नवजात पुत्र को बेचने के लिए अस्पताल कर्मियों से बात करने लगी। जानकारी मिलने के बाद वार्ड आया और कुछ आशा बहुएं सक्रिय हो गईं। कुछ देर बाद ही अस्पताल में खरीदार पहुंचने लगे। पहले महिला ने अपने बेटे की कीमत 1.10 लाख लगाई। फिर सौदा बढ़ने पर कीमत 1.20 लाख और इसके बाद 1.50 लाख तक पहुंच गई।
वार्ड में नवजात शिशु के सौदे की जानकारी जब चिकित्सकों को मिली तब वह महिला को समझाने में जुट गए। तीन बच्चों की इस मां का कहना था कि उसका दूसरा पुत्र विकलांग है। वह चौका-बर्तन कर किसी तरह परिवार का गुजारा करती है। उसके पति कारपेंटर हैं। लेकिन, मजदूरी से इतनी रकम नहीं मिल पाती, जिससे वह विकलांग बच्चे का उफचार करा सकें।

ऐसे में बच्चे के उपचार के लिए वह इस शिशु को बेचना चाहती है। इस पर चिकित्सकों और कर्मियों ने उसे विकलांग बच्चे की दवा और नवजात शिशु के पालन के लिए दो हजार रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया। कागज पर लिखित तौर पर चिकित्सकों ने इस आशय का सहमति पत्र महिला को दिया, तब जाकर उसने बेटे को बेचने इरादा छोड़ा।

You Might Also Like

इंदौर में एम.पी. ट्रांसको ने आयोजित की बाह्य स्त्रोत कर्मचारियों के लिये जागरूकता कार्यशाला

करंट लगने से बालक झुलसा हालत गंभीर

उच्च प्राथमिक विद्यालय सिहौना में शिक्षा चौपाल का हुआ आयोजन

मल्लावा में चोरों की दस्तक से क्षेत्र में जागते रहो का माहौल शुरू हुआ

फिरौती मांगने के लिए की गई थी 03 वर्षीय मासूम की हत्या, हत्यारा गिरफ्तार

News Desk July 27, 2023 July 27, 2023
Share This Article
Facebook Twitter Email Print
Previous Article देश को आजादी, सुरक्षा एवं सम्मान दिलाने वाले वीर शहीदों के प्रति सदैव सम्मान की भावना रखनी चाहिए:- जिलाधिकारी
Next Article एम्स निर्माण को लेकर 31जूलाई को पूरे सहरसा में ऐतिहासिक बंदी -आनंद मोहन
Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

You must be logged in to post a comment.

© Anchali Khabare. All Rights Reserved.
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?