सच्चे गुरु की शरण मिले तो जीवन सफल बन जाता हैं -पूज्या सुदीसाजी महासतीयाजी
झाबुआ जिले के मेघनगर में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी आचार्य श्री उमेशमुनिजी म.सा. की 90 वीं जन्म जयन्ति अणु स्वाध्याय भवन पर बरवाला सम्प्रदाय के गच्छाधिपति पूज्य श्री सरदारमुनिजी म.सा. की आज्ञानुवर्तिनी विदुषी साध्वी पूज्या सुदिशा म. सा. ,पूज्या ऋजुताजी म.सा.आदि ठाणा 3 के सान्निध्य में मनाई गई । इस प्रसंग पर गुरुगुणग्राम करते हुए पूज्या सुदिशाजी म.सा. ने कहा कि गुरु मोक्ष का मार्ग दिखलाते है । जिसके जीवन में गुरु के प्रति श्रद्धा नहीं उसके लिए मोक्ष दूर है | लक्ष्य को आगे बढ़ाने का मार्ग गुरु से मिलता है। गुरु का सान्निध्य अनमोल है । गुरु जीवन का समाधान देते हैं साथ ही संकट के समय में समाधि से स्थिर भी करते हैं । अतः गुरु का उपचार चुकाना कठिन है। आचार्य उमेशमुनिजी म. सा. नम्र एवं सरल थे ।वे सदा समभाव में स्थिर रहते थे ।ऐसे गुरु हमको मिले यह हमारा सौभाग्य है । इस अवसर पर कई श्रावक श्राविकाओं ने तप के प्रत्याख्यान ग्रहण किये । आशा पीचा,श्वेता धोका,विनोद बाफना
ने स्तवन के माध्यम से
गुणानुवाद किया । प्रभावना हँसमुखलाल वागरेचा एवं सुभाष झामर परिवार की ओर से वितरित की गई। इस अवसर पर शंकर मंदिर स्थित राम -रोटी -अणु दरबार पर गरीबों व असहायों को भोजन वितरित किया गया जिसका लाभ विपुल धोका परिवार एवं गोविन्द्र चौहान परिवार व व्यास परिवार द्वारा तथा बस स्टैण्ड पर वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ द्वारा लिया गया।प्रतिवर्षानुसार गौतम प्रसादी वितरण का लाभ घर – घर हुआ। इसमे सैंकडों लोगों ने लाभ लिया ।
प्रतिवर्ष जन्म जयंति पर मिठाईयों का वितरण होता है …..जन जन की आस्था के केन्द्र पू० आचार्य श्री उमेशमुनिजी म.सा. का जन्म नब्बे वर्ष पूर्व थांदला नगर मे नानीबाई की कुक्षि से हुआ था। आपने श्रमण संघ के चतुर्थ आचार्य पद को सुशोभित किया । जैन समाज ही नही वरन अन्य समाजजन भी आपका श्रृद्धा से स्मरण करते हैं । इस अवसर पर देश के कई प्रांतो मे श्रद्धालुओं द्वारा प्रतिवर्ष जन्मोत्सव मनाते हैं जिसमे तप त्याग व प्रत्याख्यान करते हैं । जगह जगह स्टॉल लगाकर मिठाई आदि का वितरण किया जाता है ।