टीबी अब लाइलाज नहीं, ठीक हो जाता-आंचलिक ख़बरें-अश्विनी कुमार श्रीवास्तव

News Desk
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अधूरे इलाज से गंभीर हो जाता है क्षयरोग

क्षय रोगियों के लिए दवा का नियमित सेवन जरूरी

चित्रकूट: मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में आधा दर्जन क्षय रोगियों को पोषण किट वितरित की गई। क्षय रोग के ठीक होने तक नियमित रूप से दवा लेने के लिए कहा गया। चिकित्सक की सलाह के बिना किसी भी हालत में दवा खाना बंद न करे। अन्यथा रोग गंभीर हो जाएगा और अधिक समय तक दवा लेनी पड़ेगी। पोषण किट पाने वाले खोह के 54 वर्षीय टीबी मरीज ने बताया की पोषण किट में सभी को चना, मूंगफली, गुड़, अरहर दाल आदि दिया गया है। इसके साथ ही पूरी तरह से ठीक होने तक दवाई का सेवन करने की हिदायत दी गई।
सीएमओ ऑफिस में आयोजित कार्यक्रम में किट देने के पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. भूपेश द्विवेदी ने सभी टीबी मरीजों का हालचाल और दवा सेवन की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि टीबी अब लाइलाज नहीं है। छह महीने तक दवा का सेवन करें टीबी से मुक्त हो जाएंगे, लेकिन बीच में दवा खाना कतई बंद नहीं करना है।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. इम्तियाज अहमद ने बताया कि राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की पहल पर जिले में पाँच सौ से अधिक टीबी मरीजों को गोद लिया गया है। पोषण किट वितरण में उन्होंने क्षय रोगियों से कहा कि उनके परिवार या आसपड़ोस में यदि किसी व्यक्ति में टीबी के लक्षण दिखते हैं तो वह सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क जांच केंद्र में जांच कराने को कहें। साथ ही इसकी जानकारी गांव की आशा को दें।
—उप जिला क्षय रोग—-
डॉ. अरुण कुमार पटेल ने बताया कि सैकड़ों मरीज नियमित दवा के सेवन से ठीक हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि कुछ मरीजों ने बीच में दवा छोड़ कर गलती की जिससे उनका टीबी गंभीर हो गया। इसके कारण उन्हें अधिक दिनों तक नियमित रूप से दवा का सेवन करना पड़ा। आह्वान किया कि बीच में बगैर चिकित्सक की सलाह के दवा का सेवन बंद न करें।
—-यह है टीबी के लक्षण—-
डिप्टी डीटीओ ने बताया कि दो हफ्ते से अधिक समय तक खांसी आना, दो हफ्ते तक बुखार रहना, खांसी के साथ बलगम और खून आना, क्षय रोग के लक्षण हैं। इसके साथ ही सीने में दर्द होना, लगातार वजन का घटना भी क्षय रोग का लक्षण है। उपरोक्त लक्षण होने पर टीबी की जांच कराएं। सरकारी अस्पतालों में निशुल्क जांच की व्यवस्था है।
इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर के चैरिहा, डीपीएम आर के करवरिया, जिला समन्वयक क्षय रोग ज्ञान चंद्र शुक्ला आदि मौजूद रहे।

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