अलग से बनाया गया न्यूबॉर्न केयर कॉर्नर
जिन बच्चों में जन्मजात विकृति मिलती है उनकी सर्जरी या अन्य माध्यमों से उचित प्रबंधन किया जा रहा है। इसके लिए जिला अस्पताल अलग से न्यूबॉन केयर कॉर्नर भी स्थापित किया गया है। इसी तरह सिविल अस्पताल मेहर में भी गायनिक प्रभारी डॉ सीमांका गर्ग और शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ सुदीप अवधिया नेतृत्व में एक-एक शिशु की स्क्रीनिंग की जा रही है। उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल में एक दिन में 30 से 35 और सिविल अस्पताल मैहर में 8 से 10 प्रसव कराए जाते हैं।
सिविल अस्पताल मैहर भी पीछे नहीं
संस्थागत प्रसव के बाद नवजात शिशुओं की स्क्रीनिंग कर जन्मजात विकृति की पहचान सीएनएस (कंजेनाइटल न्यूवान स्क्रीनिंग ) में जिला अस्पताल और सिविल अस्पताल मैहर ने प्रदेश में नाम रोशन किया है।
कंजेनाइटल न्यूबोर्न स्क्रीनिंग में प्रदेश के 51 जिलों में सतना जिला अस्पताल और सिविल अस्पतालों मैहर सीएच को पहला स्थान मिला है। उपलिब्ध के बाद मिनश संचालक एनएचएम ने अवार्ड लेने के लिए संबंधित अधिकारी- पैरामेडिकल स्टाफ को भोपाल बुलाया
है। यहां में 1 दिसंबर को आयोजित राज्य स्तरीय प्रोग्राम में अवार्ड दिया जाएगा। सीएस डॉ केएल सूर्यवंशी ने बताया कि गायनिक विभाग प्रभारी डॉ सुनील पाण्डेय और एससीएनयू इंचार्ज डॉ विजेता राजपूत के समन्वस से अस्पताल में पैदा होने वाले एक-एक शिशु की स्क्रीनिंग कर जन्मजात विकृति की पहचान की जा रही है।
जिन लोगों को अवार्ड लेने के लिए भोपाल बुलाया गया है उनमें जिला अस्पताल से डॉ सुनील पाण्डेय, डॉ विजेता राजपूत, डॉ भूमिका जगवानी, नर्सिंग ऑफीसर ममता सोनी और सिविल अस्पताल मैहर से डॉ सुदीप अवधिया, डॉ सीमांका गर्ग और नर्सिंग ऑफीसर ओमना के नाम शामिल हैं।
अवार्ड लेने इन्हें बुलाया भोपाल