ऋतुमति अभियान के बारे में माननीया मंत्री स्मृति ईरानी को कराया अवगत
नई दिल्ली-अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी से मिलकर महिला संबंधित विषयों तथा समस्याओं को सामने रखा एवं उनके समाधानों को लेकर चर्चा की और साथ ही एक मांग पत्र भी सौंपा।
अपने मांगपत्र में अभाविप ने कोरोना की दूसरी लहर के कारण जिन छात्राओं की पढ़ाई बाधित हुई उन छात्राओं की शिक्षा के लिये विशेष वृत्ति का लाभ दिया जाए, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने तथा स्वरोजगार बढ़ाने हेतु सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थाओं के साथ योजना बनाई जाए ,कोरोना जन्य परिस्थितियों के कारण मानसिक स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए संस्थागत व्यवस्था का निर्माण किया जाए, महिलाओं की समस्याओं के तुरंत निवारण हेतु एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाए, छात्राओं की समुचित और बेहतर शिक्षा के लिए तहसील स्तर पर छात्राओं के लिये छात्रावास का निर्माण किया जाए, महिलाओं में खेल प्रतिभा खोज के संबंध में उचित व्यवस्था का निर्माण तथा उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था क्षेत्रीय स्तर पर की जाए, तहसिल स्तर पर छात्रवासों का निर्माण सुनिश्चित किया जाए ताकी सभी छात्राएं उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम हो सके। इसी क्रम में कामकाजी महिला आवास योजना भी आरम्भ की जाए, महिलाओं की सुरक्षा तथा स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक प्रसाधन की सुविधा बढ़ाई जानी जैसी माँगों को शामिल किया।
अभाविप ने अपने मांगपत्र में छात्राओं को सशक्त, सुरक्षित और स्वावलम्बी बनाने के लिए अभाविप के ‘मिशन साहसी’अभियान के तर्ज पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को भी ऐसे अभियान का आयोजन विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में आयोजन कराने की माँग को भी शामिल करा। प्रतिनिधि मण्डल ने मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन के आगामी अभियान ‘रितुमती’ से भी मंत्री महोदया को अवगत कराया।
अभाविप का मानना है कि विभिन्न कानूनों के बावजूद,महिला सुरक्षा अभी भी चिंता का विषय है जिसे ठीक करने की जरूरत है अतः महिलाओं संबधित मुद्दों को ध्यान में रखते हुए एक अलग टास्कफोर्स का निर्माण किया जाना चाहिए तथा बलात्कार, उत्पीड़न जैसे मामलों की जाँच के लिए उचित नीतियों का निर्माण होना चाहिए एवं महिलाओं कर्मचारियों के लिए समान और स्वस्थ वातावरण के लिए सभी सरकारी या गैर सरकारी संस्थाओं के परिसर में चाइल्ड केअर यूनिट्स की स्थापना को अनिवार्य किया जाना चाहिए ताकि क़ामकाजी महिलाओं के लिए बच्चों की देखभाल चिंता का विषय न बने।
प्रतिनिधि मण्डल का नेतृत्व कर रही राष्ट्रीय महामंत्री सुश्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि, “महिला शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य और स्वावलंबन अभाविप की प्राथमिकता है। निर्भया फंड का सदुपयोग तथा सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में चाइल्ड केयर यूनिट्स बनाने जैसे कार्यों को पूर्ण करने की त्वरित आवश्यकता है।”
महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी से जल्द से जल्द इन सुझावों पर विचार करने की मांग की।