जिले में सावन के त्योहारों को देखते हुए नकली मावा से बनी मिठाइयों से मिष्ठान्न भंडार भर रहे हैं। इसी तरह की मिठाई के लिए जिले में प्रसिद्ध दुकान ,गुप्ता मिष्ठान भंडार कचनी मोड का है इस दुकान में रोजाना हजारों लोग आया करते हैं आमलोगों को खाद्य पदार्थो मे गडबडी अाए दिन मीलती ही रहती हैं ईसी के साथ नकली मावा से बनी मिठाइयों मे कभी कभार किड़े,तार भी मीलते है।
यही नही कई दिन पुरानी मीठाईयो मे कैमीकल मिलाकर उसे ताजा बनाकर बेच रहा है ताकी कीसी भी हाल में बने पदार्थ को बेचा जा सके।
कचनी गुप्ता मिष्ठान भंडार के मालीक अजय कुमार गुप्ता को दिखाने पर बोलते है कि ए सब कुछ नहीं है लोग जहर भी खाकर पचा ले रहे हैं तो एक तार या पिन निगल जाने से क्या होगा?बर्तन साफ करते समय पड़ गया होगा ।जब बर्तन साफ करते समय तार या पिन मिठाई मे पड़ सकता है, मिठाई बनाते समय मख्खियां मिठाई मे पड़ जाएं, मिठाई मे खट्टी एवं बदबू आने लगे तो इसमें भला मिठाई दुकानदार की क्या गलती? मिठाई दुकानदार इन सबको तो थोड़ी देख सकता है इसके पास एक आदमी को देखने के लिए समय है?इसके पास बड़े बड़े नेता व अधिकारी आया करते हैं इसकी पहुंच भी कम नहीं है जिले के नेता सभी जानते हैं और सत्ता पक्ष के भी हैं विपक्ष के भी हैं इसका कोई क्या बिगाड़ सकता है? यह कहना है एक मजदूर का जिसने पेट पालने के लिए मजदूरी करने जा रहे मजदूरों की जिसने इस होटल में सुबह का नास्ता रोज इसी होटल में करते हैं जो भी मिलता है उसे प्रेम से खाकर चल देते हैं लेकिन आज इन्होंने रसगुल्ले मे तार देखा तो सेठ से बोल दिए लेकिन सेठ ने अपने अंदाज में जबाब देकर भगा दिया।
सवाल यह है कि ऐसे होटलों, मिष्ठान्नों के ऊपर मेहरबानी किसकी?क्या इन होटल व्यसाइईयों पर प्रशासन भी मेहरबान है?
नकली मावा से बनी मिठाइयों से मिष्ठान्न भंडार सजे-आँचलिक ख़बरें-अजय पांडेय

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