मुंबई में भारत जैन महामंडल का क्षमा पर्व
मुंबई। भारत जैन महामंडल दक्षिण मुंबई शाखा द्वारा क्षमापना (मिच्छामी डुक्कडम) एवं तपोनुमोदना कार्यक्रम का आयोजन मुंबई के श्री ब्रज मंडल बैंक्वेट हॉल में किया गया। यह आयोजन शाखा अध्यक्ष दिपेश जैन के नेतृत्व में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ
कार्यक्रम की शुरुआत मंच संचालक देवेन्द्र हरणेशा ने की। इस अवसर पर शाखा सचिव कंचन ललवाणी, निवर्तमान अध्यक्ष रमेश जैन, वर्तमान अध्यक्ष दिपेश जैन, मुख्य अतिथि जस्टिस के.के. तातेड (निवृत्त) और मुख्य वक्ता विक्की सर सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
जया जैन द्वारा नवकार महामंत्र के जाप के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
क्षमा पर्व पर प्रेरणादायी संबोधन
मुख्य अतिथि जस्टिस के.के. तातेड (निवृत्त) ने अपने संबोधन में कहा कि जैन धर्म का सबसे बड़ा महत्व जीव दया और क्षमा है। उन्होंने कहा, “अपने द्वारा की गई गलतियों के लिए क्षमा मांगना सबसे कठिन कार्य है, लेकिन जैन धर्म सिखाता है कि क्षमा वीरों का आभूषण है।”
मुख्य वक्ता विक्की सर ने अपने विचार रखते हुए तप के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि तप करना बेहद कठिन है क्योंकि इसमें जिह्वा का स्वाद त्यागना पड़ता है। उन्होंने जीवरासी सात लाख सूत्र का उल्लेख करते हुए सभी जीवों से क्षमा मांगने के महत्व को समझाया।
कार्यक्रम की सफलता
इस आयोजन को सफल बनाने में शाखा के पूर्व अध्यक्षों और पदाधिकारियों ने अहम भूमिका निभाई। उनकी अथक मेहनत से कार्यक्रम शानदार रूप से संपन्न हुआ।
कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित रहे –
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पूर्व अध्यक्ष: मांगीलाल मेहता, मुकेश जैन, राकेश सोलंकी, राजेश गाड़िया
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उपाध्यक्ष: भारती जैन
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सह सचिव: हितेश मेहता
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कोषाध्यक्ष: जिनेन शाह
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सह कोषाध्यक्ष: भावना शाह
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आमंत्रित सदस्य: महेश संघवी, मंगलचंद सेठ, विक्की राणावत
सभी पदाधिकारियों और सदस्यों के सहयोग से कार्यक्रम ने नई ऊंचाइयों को छुआ।
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