Jhansi UP | Crime News | में देर रात एनकाउंटर: कुख्यात ‘पिस्टन गिरोह’ का सरगना रसीद गिरफ्तार | UP Police

News Desk
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झांसी में देर रात एनकाउंटर: कुख्यात ‘पिस्टन गिरोह’ का सरगना रसीद गिरफ्तार
मध्यप्रदेश से तस्करी कर लाई जा रही भैंसों के साथ पकड़ा गया पिस्टन गिरोह
गोलियों की गूंज से थर्राया झांसी: रसीद उर्फ पिस्टन के पैर में लगी गोली
पिस्टन गिरोह का आतंक खत्म: सरगना रसीद घायल, साथी सलमान ने किया सरेंडर
40 से ज्यादा मुकदमों का गुनहगार ‘पिस्टन’ आखिरकार पुलिस के शिकंजे में
भैंस तस्करी का काला कारोबार: झांसी पुलिस की बहादुरी ने किया भंडाफोड़
पिस्टन गिरोह पर बड़ी कार्रवाई: एसओजी और रक्सा पुलिस की संयुक्त घेराबंदी
झांसी पुलिस की बड़ी कामयाबी: एनकाउंटर में कुख्यात रसीद पिस्टन घायल
झांसी में देर रात एनकाउंटर: कुख्यात ‘पिस्टन गिरोह’ का अंत!
गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंजा झांसी, पुलिस और पशु तस्करों में मुठभेड़

झांसी की सड़कों पर उस रात सन्नाटा पसरा था। हर कोई नींद के आगोश में था, लेकिन पुलिस के जांबाज़ जवान जाग रहे थे। अचानक सायरन की गूंज और गोलियों की तड़तड़ाहट से शहर दहल उठा।
रात के लगभग 2:30 बजे, एसओजी टीम और रक्सा पुलिस ने बाजना रोड पर पशु तस्करों को घेर लिया। सूचना थी कि मध्यप्रदेश से चोरी कर लाई गईं भैंसों से भरी पिकअप गाड़ी झांसी के रास्ते निकलेगी। पुलिस ने घेराबंदी की, लेकिन तस्करों ने पुलिस टीम को देखते ही फायरिंग शुरू कर दी।

‘पिस्टन गिरोह’ के कुख्यात रसीद का खौफनाक अंत

फायरिंग के बीच पुलिस ने भी जवाबी गोलीबारी शुरू की। गोलियों की आवाज़ ने माहौल को और भी भयावह बना दिया। तभी एक गोली कुख्यात तस्कर रसीद उर्फ पिस्टन के पैर में लगी और वह ज़मीन पर ढेर हो गया।
पिस्टन गिरोह का सरगना रसीद उर्फ पिस्टन न सिर्फ पशु तस्करी बल्कि कई अन्य आपराधिक गतिविधियों में भी शामिल रहा है। उस पर 40 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं और वह ‘पिस्टन गिरोह’ के नाम से कुख्यात गैंग चलाता है।

गिरोह का खात्मा और साथी का समर्पण

गिरफ्तारी के दौरान उसका साथी सलमान, गोलियों की बारिश देखकर कांप उठा और डर के मारे सरेंडर कर दिया। पुलिस ने सलमान को तत्काल हिरासत में ले लिया।
मौके पर मौजूद अधिकारियों ने बताया कि पिकअप वाहन से आधा दर्जन भैंसें भी बरामद की गईं, जिन्हें तस्करी कर ले जाया जा रहा था।

पिस्टन गिरोह के आतंक का अंत: एसपी सिटी का बयान

एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि रसीद उर्फ पिस्टन झांसी और आसपास के इलाकों में आतंक का पर्याय बन चुका था। पशु चोरी, तस्करी और कई संगीन अपराधों में उसका नाम प्रमुखता से आता था।
पुलिस ने बताया कि रसीद का गिरोह ‘पिस्टन गिरोह’ के नाम से जाना जाता था, जिसमें कई शातिर अपराधी शामिल थे। रसीद ने अपने नाम का आतंक फैलाने के लिए ‘पिस्टन’ नाम को अपनाया और अपने हर अपराध में पिस्टल का इस्तेमाल करता था।
सूचना के पीछे की कहानी: कैसे हुई घेराबंदी?

एसओजी टीम को सूचना मिली थी कि कुछ कुख्यात पशु तस्कर मध्यप्रदेश से चोरी कर भैंसों को झांसी की ओर ले जा रहे हैं। सूचना मिलते ही एसओजी टीम और रक्सा पुलिस ने मिलकर योजना बनाई और बाजना रोड पर पिकेट लगाई।
पुलिस ने जैसे ही संदिग्ध पिकअप गाड़ी को रुकने का इशारा किया, तस्करों ने गोलीबारी शुरू कर दी। लेकिन पुलिस ने हिम्मत न हारते हुए जवाबी फायरिंग की। इसी दौरान पिस्टन के पैर में गोली लगी और उसका साथी सलमान घबरा कर सरेंडर कर गया।

अस्पताल में भर्ती और आगे की जांच

रसीद उर्फ पिस्टन को घायल अवस्था में तुरंत पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों के मुताबिक उसकी हालत स्थिर है, लेकिन पैर में गोली लगने के कारण उसे सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है।
वहीं, पुलिस अब पिस्टन गिरोह के अन्य सदस्यों का पता लगाने में जुट गई है। गिरोह के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए पुलिस ने कई इलाकों में छापेमारी शुरू कर दी है।

अपराध का काला चेहरा: पिस्टन गिरोह के कारनामे

पिस्टन गिरोह का नाम सुनते ही लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते थे। रसीद और उसका गिरोह न केवल पशु तस्करी बल्कि चोरी, लूट और गैंगवार में भी शामिल थे।
गांवों से पशुओं को चुराकर उन्हें सीमावर्ती इलाकों में बेचने का गंदा धंधा पिस्टन गिरोह का मुख्य काम था। इसके अलावा, कई बार ये गिरोह गांव वालों को डरा-धमकाकर फिरौती भी वसूलता था।

अंत में, न्याय की जीत

झांसी पुलिस ने एक बार फिर दिखा दिया कि कानून के हाथ लंबे होते हैं। पिस्टन गिरोह का सरगना रसीद अब पुलिस की गिरफ्त में है और उसके साथी सलमान ने भी आत्मसमर्पण कर दिया।
पुलिस की इस साहसिक कार्रवाई से झांसी के लोगों में सुरक्षा का भाव फिर से जाग उठा है। अपराधियों के हौसले पस्त हो गए हैं और पुलिस की सक्रियता ने जनता का विश्वास बढ़ाया है।

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