खबर गाजीपुर के जमानिया से है तहसील में भट्ठा संचालकों की बैठक की गई जहां पर सर्वसम्मति से तहसील जमानिया के पदाधिकारियों का चयन किया गया जो निर्विरोध हैं जिसमें अध्यक्ष पद पर बिपिन बिहारी राय उर्फ बबलू राय उपाध्यक्ष पद पर काशी यादव महामंत्री पद पर कमल कांत राय व कोषाध्यक्ष पद पर विजेंद्र कुशवाहा को चुना गया.
बैठक में जिला भट्ठा संघ के महामंत्री लल्लन सिंह भी मौजूद रहे. मुख्य रूप से बृजलाल राय अटल राय अजय राय शशिकांत राय आदि लोग मौजूद रहे ललन सिंह ने बताया कि जिस प्रकार से भट्ठा संचालकों पर खास तौर पर जमानिया में प्रशासन द्वारा उत्पीड़न किया जा रहा है. पोलूशन बोर्ड के मानक के अनुसार हम सभी संचालकों को एनओसी प्राप्त होती है. साथ ही उन्होंने बताया कि कोयला एक ऐसा पदार्थ है जिसका ईट भट्टे मे 60% लागत लगती है. आज आलम यह है कि कोयले का रेट दोगुना हो चुका है. पिछली बार जो कोयला 8000 मेट्रिक टन था वह कोयला 13000 से 14000 मेट्रिक टन हो चुका है. इतना भट्ठा का व्यापार करना बहुत ही मुश्किल है क्योंकि कोविड-19 की वजह से भट्ठा व्यवसाय घाटे में चल रहा है. वही बिपिन बिहारी राय उर्फ बबलू ने कहा कि गाजीपुर में सात तहसील है लेकिन जमानिया में भट्ठा संचालकों पर प्रशासन द्वारा लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है. जिसके खिलाफ आज बैठक में प्रशासन के उत्पीड़न के खिलाफ निंदा भी की गई. उन्होंने बताया की कभी भट्टे के मजदूरों को तो कभी भट्ठा संचालकों के ट्रैक्टर ट्राली को बंद करके पुलिस द्वारा जबरन प्रताड़ित किया था. साफ तौर पर पैसे के लिए किया जाता है. इस तरह का उत्पीड़न हम बर्दाश्त नहीं करेंगे.
उन्होंने बताया कि मैन्युफैक्चरर्स सेक्टर को 40 लाख सालाना टर्नओवर पर जीएसटी कर मुक्त है. लेकिन भट्ठा संचालकों पर 20 लाख टर्नओवर पर ही कर मुक्त किया गया. जो ईट भट्ठा संचालकों के साथ घोर अन्याय है. सामान्य रूप से ईटों पर कर दर 5% है जो 12% किए जाने का प्रस्ताव है जिससे सीधा प्रभाव ईट की कीमतों पर पड़ेगा.
एसडीएम जमानिया ने बताया कि भट्ठा संचालकों पर कोई उत्पीड़न नहीं होता है. भट्ठा संचालकों का रॉयल्टी पेपर जमा होता है. नियम है कि जिस भी ट्रैक्टर से वह मिट्टी ढुलाई करते हैं उस रॉयल्टी के कागज को साथ में लेकर चलना चाहिए यदि यह नहीं होगा तो अन्य लोगों का यही कहना होता है की मिट्टी का अवैध खनन हो रहा है. इसलिए पुलिस प्रशासन उसे रोकती है इस पर भट्ठा संचालकों को लगता है कि उनका उत्पीड़न हो रहा है. जो कागज लेकर चलेगा उन्हें नहीं रोका जाएगा रोका उन्हीं को जाता है जो ओवरलोडिंग चलते हैं. भट्ठा संचालक यदि रॉयल्टी नहीं जमा करेगा किसी भी प्रकार का खनन नहीं करने दिया जाएगा.
भट्ठा संचालकों की बैठक आयोजित हुई-आँचलिक ख़बरें-महताब आलम

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