पूर्व मंत्री के खिलाफ कोतवाली में मामला दर्ज बड़बोलपन पूर्व मंत्री ने कलेक्टर के खिलाफ अससंदीय भाषाओं का किया था इस्तेमाल,जिला प्रशासन ने दर्ज कराया मामला।।
ऑंचलिक खबरें अपनो की खबर आप तक ब्यूरो चीफ अजय पाण्डेय कि रिपोर्ट
सिंगरौली 26 जुलाई। कलेक्टर के खिलाफ अससंदीय एवं अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करने वाले बड़बोलपन विवादित पूर्व मंत्री बंशमणि प्रसाद वर्मा के खिलाफ अंतत: जिला प्रशासन ने कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराया है। जहां कोतवाली पुलिस ने पूर्व मंत्री व कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता बंशमणि प्रसाद वर्मा के खिलाफ भादवि की धारा 294,504 के तहत मामला दर्ज किया है।
गौरतलब हो कि शुक्रवार को कांग्रेसियों ने बढ़ती महंगाई एवं बिजली की अघोषित कटौती,मनमानी बिल वसूली को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर कलेक्टे्रट प्रांंगण के बाहर ज्ञापन सौंपने पहुंचे थे। ज्ञापन लेने जब अपर कलेक्टर डीपी बर्मन पहुंचे तो वहां मौजूद कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री बंशमणि प्रसाद वर्मा अपना आपा खोते हुए कलेक्टर के खिलाफ असंसदीय,अमर्यादित,अशोभनीय भाषाओं का इस्तेमाल करते हुए उलटा सीधा बोलने लगे। ज्ञापन लेने के बाद एडीएम वापस आ गए लेकिन पूर्व मंत्री के इस बड़बोलेपन असंसदीय भाषा को मीडिया कर्मियो ने अपने कैमरे में कैद कर लिया। जहां दो दिनो तक जिला प्रशासन इस मामले में इस मामले में अनजान बना रहा। जैसे ही पूर्व मंत्री के अशब्द भाषाओं का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ। जिला प्रशासन भी हरकत में आया और कोतवाली पहुंच पूर्व मंत्री बंशमणि प्रसाद वर्मा के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। कोतवाली पुलिस के मुताबिक जिला प्रशासन की रिपोर्ट पर कांग्रेस पार्टी के नेता व पूर्व मंत्री के खिलाफ भादवि की धारा 294,504 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना शुरू कर दी गई है।
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क्या है 504 की धारा
इस संबंध में कानूनी जानकार बताते हैं कि भादवि की धारा 504 के अनुसार जो कोई भी किसी व्यक्ति को उकसाने के इरादे से जान बुझकर उसका अपमान करे,इरादतन या यह जानते हुए कि इस प्रकार की उकसाहट उस व्यक्ति को लोकशांति भंग करने,या अन्य अपराध का कारण हो सकती है,जो किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है या आर्थिक दंड या दोनो से दण्डित किया जाएगा। साथ ही किसी को उकसा कर लोकशांति भंग करने की इरादा रखते हुए जान बुझकर अपमान करना,इसमें बतौर सजा के रुप में दो वर्ष कारावास या जुर्माना या दोनो हो सकेगी। यह एक जमानती,गैर-संज्ञेय अपराध है और किसी भी न्यायाधीश द्वारा विचारणीय है।
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गुटो में बंटी कांग्रसियों का दो मत
ज्ञापन सौंपने के वक्त जब यह वाक्या एडीएम के सामने हुआ उस दौरान कांग्रेस पार्टी के कई नेता मौजूद थे। लेकिन बड़बोलपन पूर्व मंत्री को रोकने तक का प्रयास नही किए। बल्कि वहां मौजूद अधिकांश नेता मौन धारण किए थे। पूर्व मंत्री के द्वारा कलेक्टर को असंसदीय,अपमानित भाषाओं का इस्तेमाल किए जाने के बाद कुछ कांग्रेसियों ने एक साहसी और जुझारु नेता बताने का प्रयास किया है। जबकि दूसरे गुट के कांग्रेसियों ने पूर्व मंत्री को नसीहत भी दिया है और कहा कि सबके लिए लक्ष्मण रेखाएं खींची गई है । उसका उल्लंघन नही करना चाहिए। लोकतंत्र में विरोध करने का सबको अधिकार है लेकिन हमे सीमाओं को नही लांघना चाहिए। यहां पर पूर्व मंत्री ने गलत किया है।
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48 घंटे बाद प्रशासन की खुली नींद
सोशल मीडिया में जब यह मामला तूल पकड़ा और प्रिंट मीडिया में भी पूर्व मंत्री के करतूतों को सार्वजनिक किया तो जिला प्रशासन करीब 48 घंटे बाद जागा। और कोतवाली में पूर्व मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दिया गया है। हालाकि सदर विधायक रामलल्लू बैस व भाजपा जिला महामंत्री विनोद चौबे ने कल रविवार की शाम पूर्व मंत्री के खिलाफ तीखा हमला बोलते हुए उनके इस असंसदीय भाषाओं की आलोचना कर कांग्रेस पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि कांग्रेस का असली चाल,चरित्र चेहरा उजागर हो गया है।
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इनका कहना है
जिला प्रशासन की रिपोर्ट पर कांग्रेस नेता बंशमणि वर्मा के खिलाफ कोतवाली में मामला पंजीबद्ध कर लिया गया है।
बीरेन्द्र कुमार सिंह
पुलिस अधीक्षक,सिंगरौली