Jhunjhunu जिले में ओला परिवार का वर्चस्व बना रहा है
Jhunjhunu। शेखावाटी क्षेत्र को राजस्थान प्रदेश में कांग्रेस का गढ़ माना जाता है वहीं शेखावाटी के Jhunjhunu जिले में ओला परिवार का वर्चस्व बना रहा है। कांग्रेस के कद्दावर नेता स्व. पदमश्री शीशराम ओला शेखावाटी के एक क्षत्रप नेता के रूप में ख्याति प्राप्त रहे हैं।
शीशराम ओला Jhunjhunu जिले से 5 बार विधायक रहे अब शीशराम ओला की राजनीतिक विरासत उनके पुत्र बृजेन्द्र ओला संभाले हुए हैं। बृजेन्द्र ओला झुंझुनू से लगातार तीन बार विधायक बनकर विधानसभा में Jhunjhunu सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। यह विधानसभा चुनाव ओला का 7 वां चुनाव है ओला तीन जीत से पहले तीन चुनाव हार भी चुके हैं।

वर्तमान कांग्रेस सरकार में ओला सचिन पायलट समर्थक हैं जो परिवहन एवं सडक़ सुरक्षा मंत्री है जो Jhunjhunuसीट से चुनावी मैदान में डटे हुए हैं। झुंझुनू ओला परिवार का मजबूत गढ़ रहा है यहां से शीशराम ओला ने तीन चुनाव जीते है। Jhunjhunu की 66 साल की सियासत में हुए 15 चुनावों में कांग्रेस 12 दफा जीत दर्ज की है वहीं 1952 से 1985 तक लगातार 8 चुनाव जीत का रिकॉर्ड भी कांग्रेस के नाम है।
झुंझुनू विधानसभा क्षेत्र से भाजपा को एक बार 2003 के चुनाव सुमित्रा सिंह ने पहली दफा जीत दिलाई और वसुंधरा राज्य सरकार में विधानसभा स्पीकर बनी। सुमित्रा सिंह से पूर्व 1993 में शीशराम ओला के विधायक चुने जाने के बाद सांसद बनने के बाद हुए उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी के रूप में डॉ मूलसिंह शेखावत ने कमल खिलाया था।
भारतीय जनता पार्टी से प्रत्याशी निषित कुमार उर्फ बबलू चौधरी पिछले काफी समय से क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्रों में काफी सक्रिय

झुंझुनू विधानसभा सीट का चुनाव फिलहाल त्रिकोणीय बना हुआ है भारतीय जनता पार्टी से प्रत्याशी निषित कुमार उर्फ बबलू चौधरी पिछले काफी समय से क्षेत्र में सक्रिय वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में काफी भागदौड़ भी कर रहे हैं जबकि शहरी मतदाता उनसे दूरी बनाए हुए है।
निषित कुमार 2018 के चुनाव में भी भाजपा टिकट के दावेदार थे टिकट ना मिलने पर बगावत कर चुनाव लड़ा और 29410 मत प्राप्त किए थे उसी प्रदर्शन के चलते इस बार भाजपा ने उन्हें पार्टी प्रत्याशी बनाया है।
गत विधानसभा चुनाव में पार्टी ने राजेन्द्र भाम्बू को टिकट दिया था ऐन वक्त पर मिली टिकट के चलते भाम्बू 35612 मतों के साथ दूसरे नम्बर पर रहे। भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने गत चुनाव में पार्टी उम्मीदवार राजेन्द्र भाम्बू को इस बार टिकट नहीं दिया जबकि वह साढ़े 4 साल जिला मुख्यालय व क्षेत्र में सक्रिय रहे साथ में पार्टी कार्यक्रमों में शामिल रहे वहीं जिला उपाध्यक्ष भाजपा भी रहे। विधानसभा सीट झुंझुनू में इस वक्त त्रिकोणीय मुकाबला बना हुआ है मतदान के दिन मतदाता किसे देंगे तरजीह उसी के सिर सजेगा जीत का सेहरा।
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