सैकड़ों नही हजारो सम्मान से सम्मानित डाक्टर प्रशांत जी गायकवाड़ नागपुर की शान है आप महान तबला वादक है आपके शिष्य पूरी दुनिया में परचम लहरा रहे हैं।
त्यागी जी के राष्ट्र प्रेम ने आकर्षित किया मुझे
डाक्टर प्रशांत जी गायकवाड़ ने बताया कि त्यागी जी के कार्य को किसी सराहना या तारीफ की आवश्यकता ही नहीं है जिस तरह सूर्य अपनी गति से चलता रहता है वैसे ही कर्मयोगी पृकृति पुत्र त्यागी जी पृकृति के अनुरूप चल ही रहे है लोगो की मानसिकता छोटी होगी तो बङी चीज कैसै समझ सकते हैं मैने दुनिया देखी है बिना मतलब कोई किसी को पानी नही पिलाता उस जमाने मे त्यागी जी अपना पेट काट कर जरूरतमंद लोगो की हर तरह की सेवा कर रहे है चाहे वह भोजन वस्र शिक्षा और संस्कार कुछ भी हो त्यागी जी के द्वारा हर वपल लोगों को सहयोग मिल रहा है दुनिया के दूसरे संतों को सीख लेनी चाहिए त्याग कोई दिखावटी चीज नहीं है ।
त्यागी जी ने किया है विकारो का त्याग न कि विचारो का
यदि कोई बिना आडंबर बिना चंदा के इतनी सब कर पा रहा है तो निश्चित ही उसमें दैवीय शक्ति निहित है मैने बहुत नजदीक से समझा है त्यागी जी को उनके विचारो को उनकी कार्यशैली को मै उनका सच्चा सहयोगी हूँ हृदय से तन मन धन विचार सब कुछ समर्पित है धरती पर स्वर्ग निर्माण हेतु मै कलियुग मै ऐसी तपस्या करने वाले संत को बारंबार नमन करता हूँ।
माँ का पूजन, प्रसाद और ध्यान से मिली अद्भुत शक्ति
हमने सपरिवार माँ भद्रकाली केरल वाली माता की पूजा आरती की त्यागी जी के साथ प्रसाद पाया और रात्रि मे ध्यान किया सुबह ध्यान किया यहा अलौकिक शक्ति है सचमुच जिसकी ऊर्जा से ही कर्मयोगी पृकृति पुत्र त्यागी जी इतना बङा कुछ कर पा रहे हैं और त्यागी जी अपने कार्य मे हर पल सफल है उन्हे किसी प्रमाणपत्र की आवश्यकता नही है
त्यागी जी ने की डाक्टर साहब की विदाई
त्यागी जी महाराज ने बताया कि डाक्टर साहब बङे सरल सहज है और वे सबको अपने जैसा ही देखते है उनकी गुणवत्ता अद्भुत है समूचे समाज जागरण की मशाल जला रहे हैं आप ।
बेटी बचाओ अभियान के महाराष्ट्र के सच्चे अधिकारी है आप
ढेरों संस्थाओ के सहयोगी है आप आपका चिन्तन पवित्र है शुभकामनाएं हृदय से डाक्टर साहब ने त्यागी जी को भारत सम्मान पत्र से सम्मानित किया और त्यागी जी ने वस्र सहित स्वर्ग आश्रम का सम्मान पत्र भेट किया और सच्चे कार्य ऐसे ही फले फूले इस हेतु संकल्प लिया राष्ट्र रक्षा विश्व कल्याण हेतु समर्पित त्यागी जी के इस कार्य को जन जन तक पहुँचाने का भी डाक्टर साहब ने संकल्प लिया और त्यागी जी को महाराष्ट्र आमंत्रित किया।