मध्य प्रदेश: खस्ताहाल अवस्था में हैं सरकारी अस्पताल. मरीजों का हुआ बुरा हाल-आँचलिक ख़बरें-अजय पांडेय

News Desk
42 Min Read
hs

स्वास्थ्य विभाग के सरकारी हॉस्पिटल में घन घोर लापरवाही का कारण गोपनीयता वा सूत्रों की सपोर्ट से यह मालूम पड़ा है.कि भ्रष्टाचारी एवं गरीब एवं गंभीर मरीजों के जो पेमेंट देने में भ्रष्टाचार के लावा अन्य घनघोर अव्यवस्था हो रही है वह डॉक्टर श्री आरडी चौरसिया जी ही करवा रहे हैं. क्योंकि इनके नॉलेज में सारी बात होने के बावजूद भी डिलीवरी होने वाली महिलाओं से फिर भी पैसा आठवां जा रहा है मध्यप्रदेश के सैकड़ों महिला गंभीर मरीज मरीज को चक्कर कटवा रहे हैं.जानबूझकर सील लगाकर नहीं देते हैं.हमेशा मीटिंग के नाम पर लोग गोल हो जाते हैं काम नहीं कर रहे हैं.सरकार की कमी बतला रहे हैं कि कर्मचारियों की भारी कमी है.जो कि जरूरत से ज्यादा लोगों को प्राइवेट मैं भर रखे हैं.आज इन कर्मचारियों के कार्यों का परीक्षण गंभीर विषय है.यह एक बहुत ही गंभीर विषय है कि जिस संस्थान में लोग कार्यरत रहकर भी उसी संस्थान की व्यवस्था को अव्यवस्था बतलाते हैं कभी दबी जुबां पर अपने डॉक्टरों की और अपने जिम्मेदार अधिकारियों की और संस्थान में रहकर सरकार से पेमेंट पाते हैं और उन्हीं की बुराई कर रहे हैं कि सरकारी व्यवस्था ऐसी ही होती है यह बोलकर यहां के लोग बोल कर भ्रमित फैलाते हैं.ऐसे घनघोर लापरवाह कर्मचारियों पर कार्यवाही होना चाहिए.समाज के सभी वर्गों का यही मानना है कि आज ही जितने भी पेशेंट एडमिट है उनसे इस हॉस्पिटल की सच्चाई जाने कि यहां पर कितनी घनघोर लापरवाही हो रही है और कितनी सुविधा हमको दी जा रही है इसका खुलासा करना बहुत ही जरूरी है पर यह बात एडमिट हुए पेशेंट से अच्छा कोई गवाह नहीं दे सकता है.एक बड़ी बात यह भी है कि सरकारी अस्पतालों में जहां भी अच्छे अधिकारी कर्मचारी होते हैं उनकी भ्रष्ट लोग हमेशा शिकायत करते रहते हैं इसलिए सबसे बड़ा मेन पॉइंट एडमिट गंभीर मरीज से ज्यादा अच्छा आपको इनकी सारी हकीकत इलाज करवाने वाला स्वयं एडमिट हो तो बताएगा कि यहां पर मेरे साथ क्या व्यवहार किया गया है और मेरे परिजनों से इलाज के दौरान नए जाए क्या हुआ है हकीकत वही माननीय होना चाहिए दरअसल ऐसा कभी भी नहीं किया जाता है और मरीजों के साथ जो आमानवीय व्यवहार भी कितना होता है इसका खुलासा होना बहुत जरूरी है क्योंकि सरकारी संस्थानों को बदनाम हमारे ही चंद इक्का-दुक्का लोग ही गलत संदेश दे रहे हैं.

hospiऔर दूसरी बात इनकी गवाही भी जिनकी डिलीवरी इस हॉस्पिटल में हुई है.वह खुद ही बता सकते हैं कि यहां पर क्या उस मरीज पर बीती है.बाकी बाहर का आदमी जो कुछ भी बताएगा उतना सही नहीं माना जाएगा.मरीज कई बार एडमिट होकर बहुत सी कमियां नहीं बता पाता है इसलिए जिस मरीज ने सुल्तानिया जनाना हॉस्पिटल में अपना इलाज करवाकर छुट्टी हो गई हो फिर वहां कि आप उन परिवार जनों से पूरी जानकारी लेंगे हॉस्पिटल के बाहर घर पहुंचने पर वह बहुत ही विस्तारपूर्वक वहां की एक लंबी दासता आपको बताएगा कि यहां पर कितना बड़ा धोखा दिया जाता है.मरीज को और किस प्रकार का इलाज किया जाता है और डिलीवरी के बाद कैसे तड़पा तड़पा कर गरीब गंभीर मरीजों से पैसा लेने के लिए कितना ज्यादा परेशान किया जाता है यह सब बात छुट्टी होने के बाद जब गरीब मरीज घर पहुंच गया हो फिर आप उससे उनका बयान लीजिए सार्वजनिक चौराहे पर भी इनकी सारी सच्चाई हर चौराहे पर ही पता लग जाएगी.महिलाओं के डिलीवरी के बाद सरकार द्वारा दिए जाने वाला भुगतान की छवि खराब करने में मैन वजह है
डाक्यूमेंट्स हाथो हाथ जमा करने के बावजूद भी समय पर भुगतान नहीं होने देने का आरोप सिर्फ और सिर्फ डॉ आर डी चौरसिया को ही इसका खोर लापरवाह अधिकारी घोषित कर रहे हैं.डॉक्टर चौरसिया के इशारों पर ही लोगों को दिए जाने वाला सहयोग किसी ना किसी कारण पर परेशान करने का षड्यंत्र बताया जा रहा है कि आपके पास सील लगे डाक्यूमेंट्स नहीं है तो कागज पूरे नहीं है मामूली मामूली चीज पर बहुत ही ज्यादा प्रदेश की जनता को दुखी और परेशान करने में नंबर वन पर है डॉक्टर चौरसिया ऐसा भी आरोप लगाया गया है.वह मरीज परिवार जिनका पेमेंट समय पर नहीं होने दिया जा रहा है.और जानबूझकर बहुत ही दूर से गरीब मरीज बाहर का भोपाल आता है.इन्होंने उन्हें परेशान करने का भी आरोप लगा रहे हैं प्रदेशभर के सैकड़ों करीब गंभीर महिलाएं यह बात समाज के अनेक जागरूक कर्मठ संस्थानों के नॉलेज में आने के बाद अब वरिष्ठ शासन-प्रशासन के नालेज में लाने की अब मुहिम छेड़ गई है
सरकार की इतनी सुंदर शानदार गरीब मरीज को 16000 रुपए देने की योजना को बदनाम करने में डॉक्टर चौरसिया का नाम ही सबसे ज्यादा अस्पताल में भर्ती मरीज उन्हीं को ठहरा रहे हैं.डॉक्टर चौरसिया के इशारों पर लोगों को परेशान किया जा रहा है.जितने भी प्राइवेट कर्मचारी है उनके इशारों पर ही नाच रहे हैं और वह उनके काम भरते हैं और वह उनके कान भरते हैं गरीब मरीजों को परेशान करने के लिए दोनों एक दूसरे को मिस गाइड कर गंभीर महिला मरीज को जमकर परेशान करने का एक मिशन बन चुका है फुल तानिया जनाना हॉस्पिटल भोपाल राजधानी में बहुत ही गंभीर और शर्मनाक बात है डॉक्टर चौरसिया जी को इस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है
महिलाओं को बार-बार परेशान करना यह डॉक्टर आईडी चौरसिया की निजी सोच मनमानी के चलते पिछले 5 महीनों में जो घनघोर लापरवाही एवं महिलाओं के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के जिम्मेदार डॉक्टर श्री आईडी चौरसिया पर डिलीवरी होने के बाद नाजायज रुपयों की मांग करने के साथ-साथ भेदभाव एवं उन्हें सरकार द्वारा रूपेश 16000 का भुगतान करने में देरी की वजह भी डॉक्टर चौरसिया पर अनेक लोगों ने निशाना साधा है ऐसे इनके प्राइवेट कर्मचारियों का भी अंदरूनी सपोर्ट है कि अधिकारियों की वजह से हम लोग सही तरीके से ईमानदारी से काम नहीं कर पा रहे हैं इन्होंने अपनी मनमानी करने के वजह से गरीब गंभीर महिला मरीज को समय पर उनका भुगतान हम लोग नहीं कर पा रहे हैं जब से आई डी चौरसिया जी यहां पर पदस्थ है.यहां सब गैर जिम्मेदार एवं लापरवाह अधिकारियों की उदासीनता का बहुत बड़ा कारण होने के कारण प्रदेश की महिलाएं आज सरकार की बड़ी-बड़ी योजनाओं से वंचित ही हो रही है और इसका नुकसान भी हो रहा है और सरकार की बदनामी के साथ हकदार को हक नहीं मिल रहा है यही वजह है ऑनलाइन पर एक नहीं सैकड़ों लोग शिकायत कर रहे हैं उसके बाद में भी डॉक्टर चौरसिया जी कुंभकरण की नींद सो रहे हैं.यदि डॉक्टर आईडी चौरसिया के प्रति कार्यवाही नहीं हुई तो प्रदेश में अनेक संगठन जो महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य कर रहे हैं उन्हें कोई बड़ा कदम उठाना पड़ेगा जिससे डॉक्टरों की नहीं मात्र चौरसिया डॉक्टर जैसे लोगों की छवि के साथ स्वास्थ्य विभाग की भी छवि खराब होगी साथ में नाम जुड़ा रहेगा मध्य प्रदेश सरकार का इसलिए हमें बहुत ही सावधानी से और इमानदारी से जो प्रदेश की गरीब महिला मरीज है उनके प्रति जांच करें ताकि योजनाओं का लाभ सही और समय पर क्यों नहीं दिया जा रहा है बाद में झूठे आरोप भी डॉक्टर चौरसिया जी लगा रहे हैं ऐसा वह अपनी तरीके से पता लगा है कि आप उन्हें डाक्यूमेंट्स की कमी के कारण ही उलझा सकते हैं और वही कार्य जमकर चल रहा है या मनमानी ही है.डॉक्टर चौरसिया का मरीजों के प्रति जरा सा भी गंभीरता दिखाई नहीं पड़ती है टोटल प्राउडली घमंडी अपने आप को बहुत ही ज्यादा अकड़बाज एवं कठोरता वाला व्यवहार करने वाले डॉक्टर साबित कर रहे हैं मरीज जिसकी शिकायत सैकड़ों लोग ऑनलाइन कर ही रहे हैं फिर भी इनके समझ में नहीं आ रही है प्रदेश की सुल्तानिया जनाना हॉस्पिटल की दुर्दशा बिगाड़ने में भोपाल राजधानी का नंबर वन हॉस्पिटल में लाकर खड़ा कर दिया है इसे लापरवाही का संज्ञान लोग देने लगे हैं.यदि डॉक्टर चौरसिया के प्रति यही आरोप लगाया गया है कि जब से सुल्तानिया में आए हैं यहां पर घनघोर लापरवाही व भ्रष्टाचार गरीबों के साथ में अन्याय और गुमराह करने वाला पक्षपात करने वाला सुल्ताना जनाना हॉस्पिटल राजधानी का सबसे भ्रष्ट अस्पतालों में लाकर खड़ा कर दिया है जिनकी वजह से आज महिलाएं डिलीवरी होने के बाद उन्हें नाजायज पैसा वसूला जा रहा है गोपनीय तरीका से जब तक आप ₹500 या ₹1000 या ₹2000 नहीं देंगे तब तक आपका बच्चा उन्हीं के कस्टडी में रख दिया जाता है यह जानकारी मिलने के बाद रूह कांपने लग रही है लोगों की कि क्या सरकारी अस्पताल में अब यह रवैया होने लगा है पहले इक्का-दुक्का लोग ही परेशान होते थे अब जबरदस्त लापरवाही देखने को मिल रही है लेट आना और जल्दी जाना खानापूर्ति करना इनकी मैन चाल कामयाब हो रही है जो आम लोगों की विचारधारा से बिल्कुल विपरीत है यह एक बहुत ही बड़ी शर्मनाक बात साबित हो रही है.चौरसिया पर मरीज एवं मरीज परिजन बिल्कुल भी नहीं कर रहा है उनकी घोर लापरवाही को देखते हुए यह बात भी साबित हो रही है कि हमीदिया में कभी सुना था कि यहां पर भी कुछ डॉक्टर लोग लेट आने में एक नाम आपका भी था आजवा सुल्तानिया जनाना हॉस्पिटल से जुड़ गया है इसे लोग बहुत अच्छा नहीं मान रहे हैं.लोगों का ऐसा मानना है कि यह सब पांच महीने के अंदर ही तानाशाह जैसा माहौल उत्पन्न हो गया है.मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के सुल्तानिया जनाना हॉस्पिटल में ताना साहू की बिल्कुल नहीं चलने देंगे कोई भी तानाशाही नहीं चलेगी शिवा नियम और कानून का ही यहां पर बोलबाला रहेगा गरीब गंभीर मरीज महिलाओं के प्रति कार्य किए जाने वाला एक शानदार हॉस्पिटल राजधानी का गौरव है इस पर किसी भी तानाशाह की बिल्कुल नहीं चलेगी किसी ने भी कहीं भी कितनी भी तानाशाही चलाई होगी चाहे भोपाल के मसूर हमीदिया हॉस्पिटल में मगर सुल्तानिया में बिल्कुल नहीं होने दिया जाएगा ऐसा यहां के अनेक महिला संगठनों का मानना है.सम्मानीय स्वास्थ्य विभाग एवं सम्मानीय मध्य प्रदेश शासन प्रशासन एवं बहुत ही अदब और आदर्श से मध्य प्रदेश के प्रथम नागरिक एवं परम सम्मानीय श्रद्धेय महामहिम राज्यपाल महोदय जी से इनकी उच्च स्तर पर सार्वजनिक पारदर्शिता व ईमानदार अधिकारियों से ईमानदारी के साथ एक बार उच्च स्तर पर जांच की मांग करते हैं.क्योंकि भोपाल के मशहूर और गरीबों के हित में कार्य करने वाला हमीदिया गांधी हॉस्पिटल के अंदर आपकी छवि किसी से छुपी नहीं है.क्योंकि इनकी सोच इनकी नियत महिलाओं के प्रति कितना साफ है यह एक चिंता का विषय का एक बड़ा सवाल पैदा होता है इन्हें यहां की जिम्मेदारी देने के बाद हॉस्पिटल की व्यवस्था चारों तरफ से चरमरा गई है.भ्रष्टाचारी चरम सीमा पर है इन्होंने अपने दलाल कर्मचारियों को सक्रिय कर लिया है इस वजह से ऐसे ईमानदार अधिकारी के प्रति बिल्कुल उचित स्तर पर जांच होना सौभाग्य है.यह राष्ट्रीय एवं स्वास्थ्य विभाग के फेवर में होगी या जांच इनके कार्य कलाप की जानकारी सरकार को मालूम पड़ना चाहिए.आज तक कितने अधीक्षक आए और उन्होंने अपनी छवि सचमुच में सरकारी सेवाओं में देखकर एक नया स्थान उन्हें मिला है.उनसे विपरीत आज मध्य प्रदेश की राजधानी सुल्तानिया जनाना हॉस्पिटल की व्यवस्था बिल्कुल विपरीत कर दिए हैं.घनघोर लापरवाही गंदगी और गरीब महिला के डिलीवरी होने के बाद लगभग डिलीवरी होने वाली महिलाओं से डिलीवरी के बाद उनके परिजनों से एक मोटी रकम मिठाई एवं चाय के नाम पर वसूली जा रही है.यह आरडी चौरसिया जी पर इस प्रकार की बातें उनके बढ़ावा देने के लिए भोपाल में इलाज करवाने वाले अनेक गंभीर गरीब महिला मरीज के जुबां पर है कम से कम 500 रुपए प्रति डिलीवरी होने वाली महिलाओं से वसूला जा रहा है
जानबूझकर जो कानून के विरुद्ध है जिसके वजह से आज तक लगभग ऑनलाइन शिकायत 500 से ऊपर हो चुकी है 5 महीने में आप लापरवाही भ्रष्टाचारी दुर्दशा की हालत पर अंकुश दिन पर दिन बढ़ते ही जा रहा है ऐसे ईमानदार अधिकारियों को यहां पर बिठाया गया है और शायद यह सब बात गलत है तो इसे उच्च स्तर पर जांच होनी चाहिए ऐसी मांग भोपाल की महिला संगठन एवं समाजसेवी संगठन स्वास्थ्य विभाग एवं उच्च अधिकारी एवं मानव अधिकार आयोग से चाहता है.महामहिम से विनती करता है कि अविलंब भ्रष्टाचारी करने वाले जो भी संबंधित अधिकारी के वजह से हमारे यहां शिकायत बढ़ रही है उस पर ध्यान देने की आवश्यकता है जिससे प्रदेश सरकार की छवि को सुधारा जा सके और भ्रष्टाचारी कर्मचारियों पर ही कार्रवाई हो क्योंकि स्वास्थ्य विभाग में बड़ी संख्या में बहुत लगन शील ईमानदार ऊर्जा वाहन लोकप्रिय गरीब जनता की सेवा करने वाले कर्मचारी अधिकारी एवं मंत्री विधायक सांसद चिंतित रहते हैं और इमानदारी से कार्य कर रहे हैं फिर भला एक ही आदमी पर क्यों सवाल उठ रहा या एक गंभीर विषय है तो किसी की छवि को बेहतर करने के लिए और उनके सम्मान के लिए या जांच करना बहुत जरूरी हो गया है सरकारी संस्थाओं में बड़ी संख्या में ईमानदार लगन शील लोक कार्य कर रहे हैं इक्का-दुक्का लोग अपने संस्था को बदनाम करने में ध्यान नहीं देते हैं और अपने चाटू खोर कर्मचारी अधिकारियों को बढ़ावा देते हैं इसके वजह से इक्का-दुक्का लोगों को मौका देने की वजह से स्वास्थ्य विभाग बदनाम हो रहा है.बताया गया था कि इन्हीं की मेहरबानी से लोक लापरवाही बरत रहे हैं लेट आना जल्दी भाग जाना और स्वास्थ्य विभाग की बुराई करना कि यहां पर संसाधन सरकार ने उपलब्ध नहीं कराए हैं मैं क्या करूं यह बोलकर टारगेट बनाते हैं.सरकार को बदनाम करने का इस पर एक चिंता का विषय है इन्हें अपने विभाग की चिंता ना होते हुए यह अपने निजी स्वार्थ अपनी जय जय कार करवाने के लिए अपने चंद मुट्ठी भर इक्का-दुक्का लोगों को बढ़ावा दे रहे हैं जिसकी वजह से बहुत ही ज्यादा कार्य करने वाले व्यक्ति की हमेशा शिकायत करवाना भी इनके व्यवहार में सम्मिलित है या जानकारी भी प्राप्त हुई है.इसीलिए माननीय मान्यवर महोदय से निवेदन है कि जो भी व्यक्ति सरकारी संस्था में गलत काम कर रहा हो स्वास्थ्य विभाग काया प्रदेश सरकार को नुकसान पहुंचाने वाले कार्य कर रहे हैं जिससे सालाना करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद रिजल्ट सरकार के विपरीत जा रहा है इस वजह से दोषी व्यक्तियों पर कार्यवाही करना बहुत जरूरी माना जाता है इसीलिए हाथ से प्रदेश व देश और राष्ट्र की चिंता करते हुए यह संदेश जिम्मेदार व्यक्तियों को अपनी जिम्मेदारी का कर्तव्य निभाना चाहिए जिससे हमारी छवि साफ है सुरक्षित रहे और हम समाज की संस्था की देश की प्रदेश की और गरीब महिला के इलाज में पूरा विधिवत तरीके से सहयोग करने में कामयाब हो सके हमारी सरकार इस लिहाज के हिसाब से या संदेश आप सभी मान्यवर के संज्ञान में लाना बहुत जरूरी है
अन्यथा कोई बड़ा नुकसान ना हो सके और स्वच्छता के नाम पर यहां पर जीरो है चौतरफा गंदगी और इनके खुद के यश मेल चारों तरफ फैले हुए हैं
जिनकी वजह से आज स्वास्थ्य व्यवस्था में गिरावट आई है या चिंता का विषय है लोगों की साफ छवि को बनाने के लिए ऑनलाइन शिकायतों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है एक तो सबसे ज्यादा महिलाओं के डिलीवरी के बाद ₹500 या उससे बढ़कर हजार रुपए या ₹2000 तक जानबूझकर बहुत ही गरीब लोगों से लिए जा रहा है
बहुत बड़ा अपराध है जब से डॉ आर डी चौरसिया जी आए हैं तब से यह लापरवाही बहुत ही ज्यादा बढ़ गई है और लोगों को डिलीवरी के पैसे जानबूझकर नहीं दिए जाने कभी शिकायत आई है छोटी-छोटी बातों को लेकर आज दिनांक तक लोगों के 2018 के पेमेंट तक नहीं करवाए गए हैं या इन पर आरोप लगाया गया है यह सब आईडी चौरसिया जी की है इन्होंने ही कर्मचारियों को मना कर रखा है जब तक मैं नहीं चाहूं किसी का पेमेंट नहीं होना चाहिए आधे से ज्यादा लोग पढ़े लिखे लोग नहीं हैं पूरे डॉक्यूमेंट जमा करने के बाद भी उन्हें सील मोहर नहीं लगा कर दी जाती है उनके डाक्यूमेंट्स पर और उन्हें परेशान किया जा रहा है बार-बार बुलवाकर यह आरोप सुल्तानिया हॉस्पिटल के संबंधित कर्मचारी लिया वरिष्ठ अधिकारियों पर भोपाल की जनता ही नहीं संपूर्ण इलाज करवाने वाली महिलाओं के तरफ से शिकायत मिली है.इस पर बहुत ही गंभीरतापूर्वक ध्यान देने की आवश्यकता है और रुके हुए पेमेंट को अविलंब गरीब संबंधित बीमार मरीजों को दिया जाए यही विनम्र विनती निवेदन है स्वास्थ्य विभाग की जय हो ईमानदार अधिकारियों की जय हो तुम अंदर कर्मचारियों की जय हो मध्य प्रदेश सरकार की जय हो स्वास्थ्य विभाग की अनेक अनेक सुविधाओं के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री बधाई के पात्र हैं वरिष्ठ अधिकारी बधाई के पात्र हैं स्वास्थ विभाग के और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के साथ-साथ संपूर्ण सुल्तानिया जनाना हॉस्पिटल के बहुत ही कर्मठ ईमानदार कर्मचारी अधिकारी को भी बधाई दिया जाता है बहुत-बहुत धन्यवाद आप सभी लोगों का स्वास्थ्य विभाग के सरकारी हॉस्पिटल में घन घोर लापरवाही का कारण गोपनीयता वा सूत्रों की सपोर्ट से यह मालूम पड़ा है.कि भ्रष्टाचारी एवं गरीब एवं गंभीर मरीजों के जो पेमेंट देने में भ्रष्टाचार के अलावा अन्य घनघोर अव्यवस्था हो रही है वह डॉक्टर श्री आरडी चौरसिया जी ही करवा रहे हैं.क्योंकि इनके नॉलेज में सारी बात होने के बावजूद भी डिलीवरी होने वाली महिलाओं से फिर भी पैसा आठवां जा रहा है
मध्यप्रदेश के सैकड़ों महिला गंभीर मरीज मरीज को चक्कर कटवा रहे हैं
जानबूझकर सील लगाकर नहीं देते हैं.हमेशा मीटिंग के नाम पर लोग गोल हो जाते हैं काम नहीं कर रहे हैं.सरकार की कमी बतला रहे हैं कि कर्मचारियों की भारी कमी है.जो कि जरूरत से ज्यादा लोगों को प्राइवेट मैं भर रखे हैं.आज इन कर्मचारियों के कार्यों का परीक्षण गंभीर विषय है.यह एक बहुत ही गंभीर विषय है कि जिस संस्थान में लोग कार्यरत रहकर भी उसी संस्थान की व्यवस्था को अव्यवस्था बतलाते हैं कभी दबी जुबां पर अपने डॉक्टरों की और अपने जिम्मेदार अधिकारियों की और संस्थान में रहकर सरकार से पेमेंट पाते हैं और उन्हीं की बुराई कर रहे हैं कि सरकारी व्यवस्था ऐसी ही होती है यह बोलकर यहां के लोग बोल कर भ्रमित फैलाते हैं.ऐसे घनघोर लापरवाह कर्मचारियों पर कार्यवाही होना चाहिए.समाज के सभी वर्गों का यही मानना है कि आज ही जितने भी पेशेंट एडमिट है उनसे इस हॉस्पिटल की सच्चाई जाने कि यहां पर कितनी घनघोर लापरवाही हो रही है और कितनी सुविधा हमको दी जा रही है इसका खुलासा करना बहुत ही जरूरी है पर यह बात एडमिट हुए पेशेंट से अच्छा कोई गवाह नहीं दे सकता है.एक बड़ी बात यह भी है कि सरकारी अस्पतालों में जहां भी अच्छे अधिकारी कर्मचारी होते हैं उनकी भ्रष्ट लोग हमेशा शिकायत करते रहते हैं इसलिए सबसे बड़ा मेन पॉइंट एडमिट गंभीर मरीज से ज्यादा अच्छा आपको इनकी सारी हकीकत इलाज करवाने वाला स्वयं एडमिट हो तो बताएगा कि यहां पर मेरे साथ क्या व्यवहार किया गया है और मेरे परिजनों से इलाज के दौरान नए जाए क्या हुआ है हकीकत वही माननीय होना चाहिए दरअसल ऐसा कभी भी नहीं किया जाता है और मरीजों के साथ जो आमानवीय व्यवहार भी कितना होता है इसका खुलासा होना बहुत जरूरी है क्योंकि सरकारी संस्थानों को बदनाम हमारे ही चंद इक्का-दुक्का लोग ही गलत संदेश दे रहे हैं
और दूसरी बात इनकी गवाही भी जिनकी डिलीवरी इस हॉस्पिटल में हुई है.वह खुद ही बता सकते हैं कि यहां पर क्या उस मरीज पर बीती है.बाकी बाहर का आदमी जो कुछ भी बताएगा उतना सही नहीं माना जाएगा.मरीज कई बार एडमिट होकर बहुत सी कमियां नहीं बता पाता है इसलिए जिस मरीज ने सुल्तानिया जनाना हॉस्पिटल में अपना इलाज करवाकर छुट्टी हो गई हो फिर वहां कि आप उन परिवार जनों से पूरी जानकारी लेंगे हॉस्पिटल के बाहर घर पहुंचने पर वह बहुत ही विस्तारपूर्वक वहां की एक लंबी दासता आपको बताएगा कि यहां पर कितना बड़ा धोखा दिया जाता है.मरीज को और किस प्रकार का इलाज किया जाता है और डिलीवरी के बाद कैसे तड़पा तड़पा कर गरीब गंभीर मरीजों से पैसा लेने के लिए कितना ज्यादा परेशान किया जाता है यह सब बात छुट्टी होने के बाद जब गरीब मरीज घर पहुंच गया हो फिर आप उससे उनका बयान लीजिए सार्वजनिक चौराहे पर भी इनकी सारी सच्चाई हर चौराहे पर ही पता लग जाएगी.महिलाओं के डिलीवरी के बाद सरकार द्वारा दिए जाने वाला भुगतान की छवि खराब करने में मैन वजह है.डाक्यूमेंट्स हाथो हाथ जमा करने के बावजूद भी समय पर भुगतान नहीं होने देने का आरोप सिर्फ और सिर्फ डॉ आर डी चौरसिया को ही इसका खोर लापरवाह अधिकारी घोषित कर रहे हैं
डॉक्टर चौरसिया के इशारों पर ही लोगों को दिए जाने वाला सहयोग किसी ना किसी कारण पर परेशान करने का षड्यंत्र बताया जा रहा है कि आपके पास सील लगे डाक्यूमेंट्स नहीं है तो कागज पूरे नहीं है मामूली मामूली चीज पर बहुत ही ज्यादा प्रदेश की जनता को दुखी और परेशान करने में नंबर वन पर है डॉक्टर चौरसिया ऐसा भी आरोप लगाया गया है.वह मरीज परिवार जिनका पेमेंट समय पर नहीं होने दिया जा रहा है.और जानबूझकर बहुत ही दूर से गरीब मरीज बाहर का भोपाल आता है.इन्होंने उन्हें परेशान करने का भी आरोप लगा रहे हैं प्रदेशभर के सैकड़ों करीब गंभीर महिलाएं यह बात समाज के अनेक जागरूक कर्मठ संस्थानों के नॉलेज में आने के बाद अब वरिष्ठ शासन-प्रशासन के नालेज में लाने की अब मुहिम छेड़ गई है.सरकार की इतनी सुंदर शानदार गरीब मरीज को 16000 रुपए देने की योजना को बदनाम करने में डॉक्टर चौरसिया का नाम ही सबसे ज्यादा अस्पताल में भर्ती मरीज उन्हीं को ठहरा रहे हैं.डॉक्टर चौरसिया के इशारों पर लोगों को परेशान किया जा रहा है.जितने भी प्राइवेट कर्मचारी है उनके इशारों पर ही नाच रहे हैं और वह उनके काम भरते हैं और वह उनके कान भरते हैं गरीब मरीजों को परेशान करने के लिए दोनों एक दूसरे को मिस गाइड कर गंभीर महिला मरीज को जमकर परेशान करने का एक मिशन बन चुका है फुल तानिया जनाना हॉस्पिटल भोपाल राजधानी में बहुत ही गंभीर और शर्मनाक बात है डॉक्टर चौरसिया जी को इस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है.महिलाओं को बार-बार परेशान करना यह डॉक्टर आईडी चौरसिया की निजी सोच मनमानी के चलते पिछले 5 महीनों में जो घनघोर लापरवाही एवं महिलाओं के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के जिम्मेदार डॉक्टर श्री आईडी चौरसिया पर डिलीवरी होने के बाद नाजायज रुपयों की मांग करने के साथ-साथ भेदभाव एवं उन्हें सरकार द्वारा रूपेश 16000 का भुगतान करने में देरी की वजह भी डॉक्टर चौरसिया पर अनेक लोगों ने निशाना साधा है ऐसे इनके प्राइवेट कर्मचारियों का भी अंदरूनी सपोर्ट है कि अधिकारियों की वजह से हम लोग सही तरीके से ईमानदारी से काम नहीं कर पा रहे हैं इन्होंने अपनी मनमानी करने के वजह से गरीब गंभीर महिला मरीज को समय पर उनका भुगतान हम लोग नहीं कर पा रहे हैं जब से आई डी चौरसिया जी यहां पर पदस्थ है.यहां सब गैर जिम्मेदार एवं लापरवाह अधिकारियों की उदासीनता का बहुत बड़ा कारण होने के कारण प्रदेश की महिलाएं आज सरकार की बड़ी-बड़ी योजनाओं से वंचित ही हो रही है और इसका नुकसान भी हो रहा है और सरकार की बदनामी के साथ हकदार को हक नहीं मिल रहा है यही वजह है ऑनलाइन पर एक नहीं सैकड़ों लोग शिकायत कर रहे हैं उसके बाद में भी डॉक्टर चौरसिया जी कुंभकरण की नींद सो रहे हैं.यदि डॉक्टर आईडी चौरसिया के प्रति कार्यवाही नहीं हुई तो प्रदेश में अनेक संगठन जो महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य कर रहे हैं उन्हें कोई बड़ा कदम उठाना पड़ेगा जिससे डॉक्टरों की नहीं मात्र चौरसिया डॉक्टर जैसे लोगों की छवि के साथ स्वास्थ्य विभाग की भी छवि खराब होगी साथ में नाम जुड़ा रहेगा मध्य प्रदेश सरकार का इसलिए हमें बहुत ही सावधानी से और इमानदारी से जो प्रदेश की गरीब महिला मरीज है उनके प्रति जांच करें ताकि योजनाओं का लाभ सही और समय पर क्यों नहीं दिया जा रहा है बाद में झूठे आरोप भी डॉक्टर चौरसिया जी लगा रहे हैं ऐसा वह अपनी तरीके से पता लगा है कि आप उन्हें डाक्यूमेंट्स की कमी के कारण ही उलझा सकते हैं और वही कार्य जमकर चल रहा है या मनमानी ही है.डॉक्टर चौरसिया का मरीजों के प्रति जरा सा भी गंभीरता दिखाई नहीं पड़ती है टोटल प्राउडली घमंडी अपने आप को बहुत ही ज्यादा अकड़बाज एवं कठोरता वाला व्यवहार करने वाले डॉक्टर साबित कर रहे हैं मरीज जिसकी शिकायत सैकड़ों लोग ऑनलाइन कर ही रहे हैं फिर भी इनके समझ में नहीं आ रही है प्रदेश की सुल्तानिया जनाना हॉस्पिटल की दुर्दशा बिगाड़ने में भोपाल राजधानी का नंबर वन हॉस्पिटल में लाकर खड़ा कर दिया है इसे लापरवाही का संज्ञान लोग देने लगे हैं.यदि डॉक्टर चौरसिया के प्रति यही आरोप लगाया गया है कि जब से सुल्तानिया में आए हैं यहां पर घनघोर लापरवाही व भ्रष्टाचार गरीबों के साथ में अन्याय और गुमराह करने वाला पक्षपात करने वाला सुल्ताना जनाना हॉस्पिटल राजधानी का सबसे भ्रष्ट अस्पतालों में लाकर खड़ा कर दिया है जिनकी वजह से आज महिलाएं डिलीवरी होने के बाद उन्हें नाजायज पैसा वसूला जा रहा है गोपनीय तरीका से जब तक आप ₹500 या ₹1000 या ₹2000 नहीं देंगे तब तक आपका बच्चा उन्हीं के कस्टडी में रख दिया जाता है यह जानकारी मिलने के बाद रूह कांपने लग रही है लोगों की कि क्या सरकारी अस्पताल में अब यह रवैया होने लगा है पहले इक्का-दुक्का लोग ही परेशान होते थे अब जबरदस्त लापरवाही देखने को मिल रही है लेट आना और जल्दी जाना खानापूर्ति करना इनकी मैन चाल कामयाब हो रही है जो आम लोगों की विचारधारा से बिल्कुल विपरीत है यह एक बहुत ही बड़ी शर्मनाक बात साबित हो रही है.चौरसिया पर मरीज एवं मरीज परिजन बिल्कुल भी नहीं कर रहा है उनकी घोर लापरवाही को देखते हुए यह बात भी साबित हो रही है कि हमीदिया में कभी सुना था कि यहां पर भी कुछ डॉक्टर लोग लेट आने में एक नाम आपका भी था आजवा सुल्तानिया जनाना हॉस्पिटल से जुड़ गया है इसे लोग बहुत अच्छा नहीं मान रहे हैं.लोगों का ऐसा मानना है कि यह सब पांच महीने के अंदर ही तानाशाह जैसा माहौल उत्पन्न हो गया है.मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के सुल्तानिया जनाना हॉस्पिटल में ताना साहू की बिल्कुल नहीं चलने देंगे कोई भी तानाशाही नहीं चलेगी शिवा नियम और कानून का ही यहां पर बोलबाला रहेगा गरीब गंभीर मरीज महिलाओं के प्रति कार्य किए जाने वाला एक शानदार हॉस्पिटल राजधानी का गौरव है इस पर किसी भी तानाशाह की बिल्कुल नहीं चलेगी किसी ने भी कहीं भी कितनी भी तानाशाही चलाई होगी चाहे भोपाल के मसूर हमीदिया हॉस्पिटल में मगर सुल्तानिया में बिल्कुल नहीं होने दिया जाएगा ऐसा यहां के अनेक महिला संगठनों का मानना है.सम्मानीय स्वास्थ्य विभाग एवं सम्मानीय मध्य प्रदेश शासन प्रशासन एवं बहुत ही अदब और आदर्श से मध्य प्रदेश के प्रथम नागरिक एवं परम सम्मानीय श्रद्धेय महामहिम राज्यपाल महोदय जी से इनकी उच्च स्तर पर सार्वजनिक पारदर्शिता व ईमानदार अधिकारियों से ईमानदारी के साथ एक बार उच्च स्तर पर जांच की मांग करते हैं.क्योंकि भोपाल के मशहूर और गरीबों के हित में कार्य करने वाला हमीदिया गांधी हॉस्पिटल के अंदर आपकी छवि किसी से छुपी नहीं है.क्योंकि इनकी सोच इनकी नियत महिलाओं के प्रति कितना साफ है यह एक चिंता का विषय का एक बड़ा सवाल पैदा होता है इन्हें यहां की जिम्मेदारी देने के बाद हॉस्पिटल की व्यवस्था चारों तरफ से चरमरा गई है.भ्रष्टाचारी चरम सीमा पर है इन्होंने अपने दलाल कर्मचारियों को सक्रिय कर लिया है इस वजह से ऐसे ईमानदार अधिकारी के प्रति बिल्कुल उचित स्तर पर जांच होना सौभाग्य है.यह राष्ट्रीय एवं स्वास्थ्य विभाग के फेवर में होगी या जांच इनके कार्य कलाप की जानकारी सरकार को मालूम पड़ना चाहिए.आज तक कितने अधीक्षक आए और उन्होंने अपनी छवि सचमुच में सरकारी सेवाओं में देखकर एक नया स्थान उन्हें मिला है.उनसे विपरीत आज मध्य प्रदेश की राजधानी सुल्तानिया जनाना हॉस्पिटल की व्यवस्था बिल्कुल विपरीत कर दिए हैं.घनघोर लापरवाही गंदगी और गरीब महिला के डिलीवरी होने के बाद लगभग डिलीवरी होने वाली महिलाओं से डिलीवरी के बाद उनके परिजनों से एक मोटी रकम मिठाई एवं चाय के नाम पर वसूली जा रही है.यह आरडी चौरसिया जी पर इस प्रकार की बातें उनके बढ़ावा देने के लिए भोपाल में इलाज करवाने वाले अनेक गंभीर गरीब महिला मरीज के जुबां पर है कम से कम 500 रुपए प्रति डिलीवरी होने वाली महिलाओं से वसूला जा रहा है.जानबूझकर जो कानून के विरुद्ध है जिसके वजह से आज तक लगभग ऑनलाइन शिकायत 500 से ऊपर हो चुकी है 5 महीने में आप लापरवाही भ्रष्टाचारी दुर्दशा की हालत पर अंकुश दिन पर दिन बढ़ते ही जा रहा है ऐसे ईमानदार अधिकारियों को यहां पर बिठाया गया है और शायद यह सब बात गलत है तो इसे उच्च स्तर पर जांच होनी चाहिए ऐसी मांग भोपाल की महिला संगठन एवं समाजसेवी संगठन स्वास्थ्य विभाग एवं उच्च अधिकारी एवं मानव अधिकार आयोग से चाहता है.महामहिम से विनती करता है कि अविलंब भ्रष्टाचारी करने वाले जो भी संबंधित अधिकारी के वजह से हमारे यहां शिकायत बढ़ रही है उस पर ध्यान देने की आवश्यकता है जिससे प्रदेश सरकार की छवि को सुधारा जा सके और भ्रष्टाचारी कर्मचारियों पर ही कार्रवाई हो क्योंकि स्वास्थ्य विभाग में बड़ी संख्या में बहुत लगन शील ईमानदार ऊर्जा वाहन लोकप्रिय गरीब जनता की सेवा करने वाले कर्मचारी अधिकारी एवं मंत्री विधायक सांसद चिंतित रहते हैं और इमानदारी से कार्य कर रहे हैं फिर भला एक ही आदमी पर क्यों सवाल उठ रहा या एक गंभीर विषय है तो किसी की छवि को बेहतर करने के लिए और उनके सम्मान के लिए या जांच करना बहुत जरूरी हो गया है सरकारी संस्थाओं में बड़ी संख्या में ईमानदार लगन शील लोक कार्य कर रहे हैं इक्का-दुक्का लोग अपने संस्था को बदनाम करने में ध्यान नहीं देते हैं और अपने चाटू खोर कर्मचारी अधिकारियों को बढ़ावा देते हैं इसके वजह से इक्का-दुक्का लोगों को मौका देने की वजह से स्वास्थ्य विभाग बदनाम हो रहा है.बताया गया था कि इन्हीं की मेहरबानी से लोक लापरवाही बरत रहे हैं लेट आना जल्दी भाग जाना और स्वास्थ्य विभाग की बुराई करना कि यहां पर संसाधन सरकार ने उपलब्ध नहीं कराए हैं मैं क्या करूं यह बोलकर टारगेट बनाते हैं.सरकार को बदनाम करने का इस पर एक चिंता का विषय है इन्हें अपने विभाग की चिंता ना होते हुए यह अपने निजी स्वार्थ अपनी जय जय कार करवाने के लिए अपने चंद मुट्ठी भर इक्का-दुक्का लोगों को बढ़ावा दे रहे हैं जिसकी वजह से बहुत ही ज्यादा कार्य करने वाले व्यक्ति की हमेशा शिकायत करवाना भी इनके व्यवहार में सम्मिलित है या जानकारी भी प्राप्त हुई है.इसीलिए माननीय मान्यवर महोदय से निवेदन है कि जो भी व्यक्ति सरकारी संस्था में गलत काम कर रहा हो स्वास्थ्य विभाग काया प्रदेश सरकार को नुकसान पहुंचाने वाले कार्य कर रहे हैं जिससे सालाना करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद रिजल्ट सरकार के विपरीत जा रहा है इस वजह से दोषी व्यक्तियों पर कार्यवाही करना बहुत जरूरी माना जाता है इसीलिए हाथ से प्रदेश व देश और राष्ट्र की चिंता करते हुए यह संदेश जिम्मेदार व्यक्तियों को अपनी जिम्मेदारी का कर्तव्य निभाना चाहिए जिससे हमारी छवि साफ है सुरक्षित रहे और हम समाज की संस्था की देश की प्रदेश की और गरीब महिला के इलाज में पूरा विधिवत तरीके से सहयोग करने में कामयाब हो सके हमारी सरकार इस लिहाज के हिसाब से या संदेश आप सभी मान्यवर के संज्ञान में लाना बहुत जरूरी है.अन्यथा कोई बड़ा नुकसान ना हो सके और स्वच्छता के नाम पर यहां पर जीरो है चौतरफा गंदगी और इनके खुद के यश मेल चारों तरफ फैले हुए हैं.जिनकी वजह से आज स्वास्थ्य व्यवस्था में गिरावट आई है या चिंता का विषय है लोगों की साफ छवि को बनाने के लिए ऑनलाइन शिकायतों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है एक तो सबसे ज्यादा महिलाओं के डिलीवरी के बाद ₹500 या उससे बढ़कर हजार रुपए या ₹2000 तक जानबूझकर बहुत ही गरीब लोगों से लिए जा रहा है.बहुत बड़ा अपराध है जब से डॉ आर डी चौरसिया जी आए हैं तब से यह लापरवाही बहुत ही ज्यादा बढ़ गई है और लोगों को डिलीवरी के पैसे जानबूझकर नहीं दिए जाने कभी शिकायत आई है छोटी-छोटी बातों को लेकर आज दिनांक तक लोगों के 2018 के पेमेंट तक नहीं करवाए गए हैं या इन पर आरोप लगाया गया है यह सब आईडी चौरसिया जी की है इन्होंने ही कर्मचारियों को मना कर रखा है जब तक मैं नहीं चाहूं किसी का पेमेंट नहीं होना चाहिए आधे से ज्यादा लोग पढ़े लिखे लोग नहीं हैं पूरे डॉक्यूमेंट जमा करने के बाद भी उन्हें सील मोहर नहीं लगा कर दी जाती है उनके डाक्यूमेंट्स पर और उन्हें परेशान किया जा रहा है बार-बार बुलवाकर यह आरोप सुल्तानिया हॉस्पिटल के संबंधित कर्मचारी लिया वरिष्ठ अधिकारियों पर भोपाल की जनता ही नहीं संपूर्ण इलाज करवाने वाली महिलाओं के तरफ से शिकायत मिली है.इस पर बहुत ही गंभीरतापूर्वक ध्यान देने की आवश्यकता है और रुके हुए पेमेंट को अविलंब गरीब संबंधित बीमार मरीजों को दिया जाए यही विनम्र विनती निवेदन है स्वास्थ्य विभाग की जय हो ईमानदार अधिकारियों की जय हो तुम अंदर कर्मचारियों की जय हो मध्य प्रदेश सरकार की जय हो स्वास्थ्य विभाग की अनेक अनेक सुविधाओं के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री बधाई के पात्र हैं वरिष्ठ अधिकारी बधाई के पात्र हैं स्वास्थ विभाग के और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के साथ-साथ संपूर्ण सुल्तानिया जनाना हॉस्पिटल के बहुत ही कर्मठ ईमानदार कर्मचारी अधिकारी को भी बधाई दिया जाता है बहुत-बहुत धन्यवाद आप सभी लोगों का

Share This Article
Leave a Comment