‘कुछ अच्छा करोना’ ग्रुप ने बढ़ाए लोगों की मदद के लिए हाथ-आँचलिक ख़बरें-राजेश शर्मा

News Desk
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किन्नर समुदाय और सेक्स वर्कर्स की जरूरतों को किया पूरा

कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को रोक दिया, फ्रंट लाइन वर्कर्स ने लोगों के कीमती जीवन को बचाने की पूरी कोशिश की, कई ऐसे लोग थे जिन्होंने बिना किसी स्वार्थ के मानवता की सेवा की और संकट की इस घड़ी में जरूरतमंदों की मदद के लिए हाथ बढ़ाकर दुनिया में बदलाव लाने की कोशिश की।

एनसीआर के एक ग्रुप ‘कुछ अच्छा करो ना’ (डू समथिंग गुड) ने समाज कल्याण के लिए शुरुआत की, इसका एकमात्र उद्देश्य था संकट में आए लोगों की मदद करना और उन्हें बुनियादी सुविधाएं देना।

चार दोस्तों ने ‘कुछ अच्छा करोना’ (डू समथिंग गुड) ग्रुप को शुरू किया और ये ग्रुप अप्रैल-2019 में तब अस्तित्व में आया जब देश कोविड की दूसरी घातक लहर का सामना कर रहा था। पिछले साल लगाए गए लॉकडाउन ने देश के नागरिकों को बुरी तरह से प्रभावित किया था। इस दौरान कई एनजीओ और स्वयंसेवकों से लोगों को मदद मिली, किन्नर समुदाय और सैक्स वर्कर को इस दौरान पूरी तरह से भगवान के भरोसे छाेड़ दिया गया।
उनके मुश्किल समय में ‘कुछ अच्छा करो ना’ ग्रुप के संस्थापक उनके बचाव में आए। मिस. हरप्रीत के गुप्ता (आंतरेप्रेण्योर), मिस. नताशा भसीन कुकरेजा (शैमैनिक हीलर), मिस. कनिका गुप्ता (बिजनेस एनालिस्ट@थॉटवर्क्स) और मिस्टर अर्चित गोयल (बिजनेस स्ट्रैटेजिस्ट@गूगल) समाज में बदलाव लाने के इरादे से आगे आए और किन्नर समुदाय व सैक्स वर्कर्स की मदद की पेशकश की।

‘कुछ अच्छा करोना’ (डू समथिंग गुड) ग्रुप के मेंबर्स ने कहा कि पुरानी कहावत में विश्वास करते हुए, ‘ए स्टिच इन टाइम सेव्स नाइन'(यदि आप किसी समस्या को तुरंत सुलझा लेते हैं तो यह बाद में बहुत सारे अतिरिक्त काम बचा सकता है), हमने प्रोजेक्ट के शुरुआत में सभी जगह से जानकारी एकत्रित की कि हम कैसे लोगों की जरूरत को पूरा कर सकते हैं और कैसे अस्पतालों में वेंटीलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर, आईसीयू बेड, ऑक्सीजन कंसेनट्रेटर्स, इंजेक्शन आदि बेड के साथ मुहैया करा सकते हैं। हम लोगों की जरूरत पर उन्हें प्रतिक्रिया दे रहे थे और साथ में वोलेंटियर्स की एक टीम के साथ लोगों के जीवन को बचाने की कोशिश कर रहे थे। हम अपने स्रोतों की मदद करते हुए इस काम को किया। इसके बाद हमने कठिन समय के दौरान जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए धन जुटाने का भी फैसला किया।
ग्रुप समान समान विचारधारा वाले लोगों की मदद से अपना नेटवर्क बनाता चला गया और अब ग्रुप ज्यादा से ज्यादा लोगों को मदद की पेशकश करने के काबिल था। बच्चों के लिए किताबें, सूखे राशन की किटें और एलपीजी सिलेंडर को उन्होंने जरूरतमंदों तक समय पर व जितने की उन्हें जरूरत थी उतना पहुंचाया, वे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कुछ हिस्सों में किन्नर समुदाय और सैक्स वर्कर्स को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करते रहे। सार्थक योग ट्रस्ट, एवी-द राइजिंग स्टार अन्य सहित एनजीओ ने जरूरतमंदों के लिए भोजन उपलब्ध कराने के लिए ग्रुप का समर्थन किया।

कई तरह के जागरुकता अभियान के साथ ग्रुप ने समर्थन जुटाने का प्रयास किया और ग्रुप कंपनियों, ऑर्गेनाइजेशन, इंस्टीट्यूशन और एंप्लॉयर्स(नियोक्ताओं) से अपील करता है कि वे आगे आएं और बेरोजगारी से लड़ने के लिए इन लोगों का समर्थन करें व जीवन यापन के लिए नौकरी देना उन्हें शुरू करें। ग्रुप ने सीनियर डॉक्टर्स, मेडिकल काउंसलर्स, कोविड एजुकेटर्स और मेडिकल बैकग्राउंड के साथ जुड़े लोगों की मदद से कोविड-19 के बारे में सवालों के जवाब देने और रोगियों को बीमारी से जल्दी ठीक होने में मदद करने के लिए इंफॉर्मेटिव सेशन(सूचनात्मक सत्र) (निःशुल्क) आयोजित किए। इससे वे बिमारी को समय पर पहचान सके, उसका टेस्ट कर सके और उसका इलाज भी समय पर ले सके। इसके अलावा उदार चिकित्सकों, डांस शिक्षकों और योग इंस्ट्रक्टर्स(प्रशिक्षकों) के सहयोग से रोगियों के लिए सास लेने के व्यायाम, लाफ्टर योग सेशन, ध्यान और कई उपचार पद्धतियों का आयोजन भी किया गया।

लोगों की मदद करने के एकमात्र उद्देश्य से ग्रुप ने नौकरियों और अन्य करियर के अवसरों के लिए मदद देने की अपील की है ताकि किन्नर समुदाय के सदस्य और सैक्स वर्कर्स आसानी से अपना गुजारा कर सकें।

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