Kedarnath byelection : उत्तराखंड की सबसे चर्चित सीट बन चुकी केदारनाथ विधानसभा सीट पर जीत हासिल करना कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। इसलिए सरकार ने पिछले कुछ दिनों में रुद्रप्रयाग और केदारनाथ में कई कार्यक्रम आयोजित करके अपना खजाना खोल दिया है, जबकि कांग्रेस ने केदारनाथ यात्रा का आयोजन करके पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने की शुरुआत पहले ही कर दी थी।
Kedarnath byelection में बीजेपी किसे बनाएगी उम्मीदवार
हालांकि, दोनों पक्षों की चिंता यह है कि क्या भाजपा केदारनाथ की सीट बचा पाएगी, जो पीएम मोदी की भावनाओं से बहुत जुड़ी हुई है। दिवंगत शैला रानी रावत की बेटी, जो पिछले कुछ समय से खुद को शैलपुत्री ऐश्वर्या रावत के नाम से सोशल मीडिया पर प्रचारित कर रही हैं, अचानक उम्मीदवारों की लंबी सूची के बावजूद क्षेत्र में सक्रिय हो गई हैं। ऐसा लगता है कि पार्टी ने उन्हें अंदर से हरी झंडी दे दी है। ऐसे में सहानुभूति की सुनामी के बीच भाजपा को जीत की राह आसान होने की उम्मीद है। Kedarnath byelection
धामी सरकार उत्तराखंड वासियों के लिए पूरी तरह समर्पित
केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत के निधन के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के निवासियों को आश्वासन दिया कि वे उनके निर्वाचित होने तक उनके विधायक के रूप में काम करेंगे। अपने वादे के अनुरूप मुख्यमंत्री ने केदारघाटी, तल्ला नागपुर, कालीमठ घाटी और मध्यमहेश्वर घाटी के लिए कई विकास परियोजनाओं का निर्माण शुरू कर दिया है।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले रुद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ विकासखंड में गुप्तकाशी-जाखधार-त्यूड़ी मोटर मार्ग से देवर मोटर मार्ग के 8.5 किमी हिस्से के डामरीकरण और सौंदर्यीकरण के लिए 4 करोड़ 71 लाख की मंजूरी दी गई है। इसके अलावा अगस्त्यमुनि विकासखंड के अंतर्गत गढ़ी से धारतोलिया मोटर मार्ग के 4.5 किमी हिस्से का सुधारीकरण और डामरीकरण किया जाएगा, जिसके लिए 3 करोड़ 68 लाख का बजट तय किया गया है। सूत्रों के अनुसार करीब 92 हजार मतदाताओं वाले इस क्षेत्र में उपचुनाव होना है और कुछ ही घंटों में चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है। Kedarnath byelection
कांग्रेस को है बाबा केदारनाथ पे पूरा भरोसा
Kedarnath byelection में कांग्रेस के पास खोने को कुछ नहीं है, लेकिन एक बड़ा लाभ होने की संभावना है, क्योंकि बद्रीनाथ जीतने के बाद पार्टी पूरी तरह से लड़ाई में जुटने का इरादा रखती है। इस उपचुनाव में चेहरा कौन होगा, यह अहम सवाल है। इसके अलावा कांग्रेस में सौ बीमार और एक अनार है, जिससे तोड़फोड़ और बगावत की संभावना बढ़ जाती है। इसे देखते हुए प्रदेश कांग्रेस सतर्कता से आगे बढ़ती दिख रही है।
हाल ही में प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा की हरिद्वार से केदारनाथ तक की पदयात्रा ने भी लोगों में उत्साह पैदा किया है, लेकिन परिणाम से ही तय होगा कि उसे कितने वोट और समर्थन मिलते हैं। सरकार की ओर से बयानबाजी खूब हो रही है, क्योंकि खबरों के मुताबिक अगले 48 घंटों में केदारनाथ उपचुनाव की घोषणा हो सकती है। देखना दिलचस्प होगा कि बाबा का आशीर्वाद किसे मिलता है। Kedarnath byelection
YouTube:@Aanchalikkhabre
Facebook:@Aanchalikkhabre
Twitter:@Aanchalikkhabre
इसे भी पढ़े – BJP Prepares For Bypolls: क्या योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में बदलाव ला सकते हैं?