अभाविप-डुसु ने की डीयू कुलपति के साथ अहम बैठक-आँचलिक ख़बरें-राजेश शर्मा

News Desk
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नई दिल्ली (राजेश शर्मा)- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद तथा दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर योगेश सिंह एवं अन्य सम्बंधित अधिकारी से मिलकर दिल्ली विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2021-2022 में प्रवेश के लिए जारी की गई कट ऑफ में अनियमितता तथा अन्य प्रवेश प्रक्रिया संबंधित समस्याओं पर बात की तथा साथ ही साथ कुलपति को अपना ज्ञापन भी सौंपा।

ज्ञात हो की प्रवेश प्रक्रिया में दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा शैक्षणिक सत्र 2021-2022 में दाखिले के लिए जारी की गई कट-ऑफ में अनियमितता के विरोध में अभाविप का प्रदर्शन गत 4 अक्टूबर से जारी है तथा अभाविप की मांग है कि दिल्ली विश्वविद्यालय को नामांकन प्रक्रिया में राजकीय बोर्ड के अंको को समानीकरण करके दाखिला दिया जाए। इन्ही मांगो को लेकर आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद तथा दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ का प्रतिनिधि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी जी के नेतृत्व में दिल्ली विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति डॉ योगेश सिंह से मिलकर प्रवेश प्रक्रिया में चल रही गड़बड़ी तथा भेदभाव से कुलपति एवं प्रशासन से विस्तृत चर्चा की।
विश्वविद्यालय के कुलपति ने सभी अड्मिशन में जाँच का आश्वासन दिया एवं यह भी बताया कि सभी अड्मिशन अनंतिम (provisional) हैं और देशभर के छात्रों का हित ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय कार्य करेगा। विश्वविद्यालय ने विभिन्न बोर्ड के विषयों को प्राप्त equivalance की भी जाँच कराने की बात कही।
अभाविप दिल्ली के प्रांत मंत्री एवं राष्ट्रीय मीडिया संयोजक सिद्धार्थ यादव ने कहा, “हमारी कुलपति से लगभग 1 घंटा मुलाक़ात हुई जिसमें हमने प्रशासन के समक्ष सभी विषयों को रखा। कुलपति महोदय ने लापरवाही स्वीकार करते हुए छात्रहित में फ़ैसले का आश्वासन दिया। हम प्रशासन के साथ मिलकर समाधान खोजना चाहते हैं। अगर प्रशासन इसमें विफल होगा तो हम छात्रसंघ के माध्यम से कोर्ट का रास्ता भी अपनाएँगे।
अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री सुश्री निधि त्रिपाठी जी ने कहा , “दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले प्रतिष्ठित संस्थान जिस प्रकार शत् प्रतिशत कट-ऑफ़ जारी कर रहे हैं, इससे वित्तीय रूप से निम्न वर्ग से आने वाले छात्र-छात्राओं के साथ पक्षपात हुआ है। प्रतिष्ठित संस्थानों से शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार हर विद्यार्थी को है। प्रशासन को इस मामले का संज्ञान लेकर शीघ्र सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया है एवं लापरवाही हेतु जवाबदेही तय करने की बात भी कही है।”

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