झुंझुनू-एसपी गौरव यादव ने एक साल के काम-काज का दिया लेखा-जोखा-आँचलिक ख़बरें-संजय सोनी

News Desk
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हादसों की संख्या में आई कमी, 2012 के आंकड़ों तक पहुंची मौतें

झुंझुनू।एसपी गौरव यादव ने गुरुवार को अपने कार्यालय में झुंझुनू पुलिस को लेकर किए गए कार्य,उपलब्धि और अपराध के अन्य आंकड़ों का लेखा जोखा पत्रकारों के समक्ष पेश किया।उन्होंने बताया कि हादसों की संख्या लगातार बढ़ रही थी। जिसे भी कम किया गया। 2019 में हादसों में 236 लोगों की जान गई। जबकि इससे पहले यह आंकड़ा 2012 में था। सात सालों में यह आंकड़ा 321 तक पहुंचा। लेकिन झुंझुनू में आदर्श ट्रेफिक जोन तथा आई एम सेफ अभियान का असर रहा। लोगों ने ट्रेफिक नियमों का पालन किया और कम हादसे हुए।उन्होंने बताया कि इस अभियान को पीएचक्यू द्वारा भी ना केवल सराहा गया। बल्कि आई एम सेफ अभियान को सोशल मीडिया पर काफी समर्थन मिला। जिसे वर्ष 2020 में भी जारी रखा जाएगा।

19 बदमाश होंगे जिला बदर

2019 में बदमाशों पर कड़ी नजर झुंझुनू पुलिस की रही।यही कारण है कि कोई बड़ा मामला पेंडिंग नहीं है।केवल और केवल झुंझुनूं शहर में की गई वारदात में शामिल योगेश चारणवासी और साल के अंत में सुलताना में हुई डकैती को छोड़ दिया जाए तो हर बड़ी से बड़ी वारदात का झुंझुनू पुलिस ने राजफाश किया है।उन्होंने बताया कि बदमाशों पर नजर रखने और उनका क्राइम रिकॉर्ड दुरूस्त करते 2018 तक जहां झुंझुनू में 174 हिस्ट्रीशीटर थे।वहीं अकेले 2019 में अब तक के सर्वाधिक 22 बदमाशों की हिस्ट्रीशीट खोली गई साथ ही 19 बदमाशों को गुंडा एक्ट में जिला बदर करवाने तथा तीन बदमाशों को राजपासा के तहत जेल भिजवाने के लिए जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष इस्तगासे भिजवाए जा चुके है। उन्होंने बताया कि हार्डकोर अपराधियों की संख्या भी अब जिले में सात से बढ़कर 14 हो गई है।इन आदतन और शातिर बदमाशों को इसलिए अलग-अलग सूचियों में डलवाया गया है।ताकि समय-समय और नियमित रूप से इन पर और इनके द्वारा किए जाने वाले अपराधों पर फोकस किया जा सके।

कानून व्यवस्था को बिगडऩे नहीं दिया

एसपी गौरव यादव ने अपनी प्रेस वार्ता जिले में 2019 में कानून व्यवस्था से शुरू की। उन्होंने बताया कि 2019 का साल पुलिस के लिए काफी चुनौतीपूर्ण था।क्योंकि पहले लोकसभा फिर मंडावा उप चुनाव थे और इसके बाद निकाय चुनाव।लेकिन सभी जगहों पर चुनाव भी शांति से निपटे और कहीं पर भी पुर्नमतदान और विवाद की स्थिति भी पैदा नहीं हुई। इसी तरह से गुर्जर आंदोलन भी शांति से निपटा और जिले का सबसे संवेदनशील नवलगढ़ का गैर जुलूस भी पहली बार शांति से निपटा। उन्होंने बताया कि गैर जुलूस से पूर्व पुलिस द्वारा अश्लील भाषा का उपयोग ना करने की मुहिम रंग लाई और इससे एक नई सकारात्मक परंपरा नवलगढ़ में शुरू हो सकी।

30 प्रतिशत मामले झूठे निकले

एसपी गौरव यादव ने बताया कि 2019 में 2018 के मुकाबले 1700 के करीब एफआईआर ज्यादा दर्ज की गई। यह प्रतिशत करीब करीब 37 प्रतिशत था। क्योंकि हमारा मकसद था कि परिवादी द्वारा दी जाने वाली रिपोर्ट पर एफआईआर दर्ज हो और इसके बाद यदि मामले झूठे निकलते है तो उसमें एफआर लगें। यही कारण रहा कि एक ओर जहां 37 प्रतिशत मामले ज्यादा दर्ज किए गए तो वहीं 30 प्रतिशत के करीब मामले झूठे निकले। लेकिन पीएचक्यू के निर्धारित मापदंडों से अच्छा परफोरमेंस करते हुए झुंझुनू पुलिस की पेंडेंसी 8.32 प्रतिशत रही। जो एक अच्छा एचीवमेंट है।इसके लिए झुंझुनू पुलिस के कांस्टेबल से लेकर एएसपी तक के अधिकारियों ने अच्छा काम किया।

जीणी मामला खोलना सबसे बड़ी उपलब्धि

एसपी गौरव यादव ने बताया कि 2019 में झुंझुनू पुलिस ने काफी महत्वपूर्ण मामलों का खुलासा किया है। यदि योगेश चारणवासी की गिरफ्तारी और सुलताना में 30 दिसंबर को हुई वारदात को छोड़ दिया जाए तो पूरे वर्षभर में हुए सभी बड़े क्राइम पुलिस ने खोले है। इनमें सबसे बड़ा अपराध था दिल्ली के युवक का जीणी में मर्डर कर लाश को जला देना। इस मामले में लाश पूरी तरह से जल गई थी। केवल एक टुकड़े के सहारे झुंझुनू पुलिस आरोपी तक पहुंची।वहीं पचेरी में आरएसी के जवान की हत्या में डॉग स्कवायड की भूमिका को भी एसपी ने उल्लेखनीय किया। साथ ही पचेरी में एक सात साल के बच्चे का गायब होना और दो बच्चों का मर्डर मामला सुलझाना भी पुलिस की बड़ी उपलब्धि था।

जतिन सोनी मामले में भी काफी अच्छी रही उपलब्धि

एसपी गौरव यादव ने बताया कि जतिन सोनी मामले में केवल एक आरोपी का नाम सामने था। बावजूद इसके पुलिस ने उसके पांच साथियों को और टटोला और उन्हें गिरफ्तार कर 90 से 95 प्रतिशत तक की रिकवरी भी कर ली है। जो कहीं कम उपलब्धि नहीं है। लेकिन योगेश चारणवासी पुलिस के लिए 2020 में चुनौती है। जिसे जनवरी में ही पकड़कर पूरा करने की उम्मीद है।

हथियारों की धरपकड़,दोगुनी तक पहुंची

एसपी गौरव यादव ने बताया कि अपराधियों पर लगाम कसने के अलावा हथियारों की जब्ती के लिए भी विशेष फोकस रहा। वर्ष 2018 में जहां आम्र्स एक्ट के 32 मामले दर्ज किए गए थे। वहीं इस बार यह संख्या बढ़कर 47 हुई। इसके अलावा फायर आम्र्स की बात करें तो पिछले साल 24 हथियार जब्त किए गए थे। लेकिन इस बार यह संख्या करीब करीब दोगुनी 46 तक पहुंची। इसके अलावा संगठित अपराध पर भी फोकस रहा। एनडीपीएस के मामले पिछले साल के मुकाबले ज्यादा दर्ज किए गए। वहीं अवैध शराब के मामले भी ज्यादा दर्ज किए गए।

छोड़ा नहीं छोटे से लेकर बड़ा ‘वांटेड’

एसपी गौरव यादव ने बताया कि वर्ष 2019 की सबसे बड़ी उपलब्धि ‘वांटेड 20 को पकडऩे में रही। जिला स्तर पर दो बार टॉप-20 वांटेड अपराधियों की सूची तैयार की गई और टीम ने अच्छा काम किया। दोनों ही बार सभी के सभी वांटेड धरे गए। अब 2020 के लिए नई सूची तैयार करवाई जा रही है। इसके अलावा थाना और वृत्त स्तर पर तैयार की गई टॉप-10 वांटेड में भी 70 प्रतिशत को गिरफ्तार किया गया है।वहीं अन्य ने खुद ही आकर सरेंडर कर दिया। इसके अलावा रेंज स्तरीय टॉप टेन के तीन तथा प्रदेश स्तर के टॉप टेन के दो आरोपियों को भी झुंझुनू पुलिस ने दबोचा है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा स्थायी वारंटियों को भी पकडऩे में झुंझुनू पुलिस ने अच्छा काम किया है।एक जनवरी 2019 को 1139 स्थायी वारंटी थे। लेकिन 31 दिसंबर 2019 को 1104 वारंटी ही बचे। जबकि एक साल में 600 से 700 नए वारंटी सामने आते है। लेकिन इस बार झुंझुनू पुलिस ने स्थायी वारंटियों की संख्या में पहली बार कटौती करते हुए इन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाया है।

अमरसिंह और कुलदीप को पकडऩे में सफलता

एसपी गौरव यादव ने बताया कि खेतड़ी थाना क्षेत्र के बदमाश अमरसिंह फणिया और नवलगढ़ थाना क्षेत्र के बदमाश कुलदीपसिंह झाझड़ को पकडऩे में झुंझुनू पुलिस ने बड़ी सफलता प्राप्त की।दोनों ही आरोपी प्रदेश स्तरीय टॉप टेन वांटेड में शामिल थी।इन दोनों में अमरसिंह ने जहां प्रदेश में कहीं ना कहीं हर दूसरे दिन कोई वारदात की।वहीं उसका झुंझुनू में उसका कोई खास रिकॉर्ड नहीं था। वहीं कुलदीपसिंह झाझड़ ने तो झुंझुनू जिले में कभी भी वारदात नहीं की। फिर भी झुंझुनू के रहने वाले इन दोनों अपराधियों ने प्रदेश में पुलिस की नाक में दम कर रखा था और झुंझुनू को अपनी शरणस्थली बना रखा था। जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया।

चार दिन बिताए पुलिस ने गाड़ी में ही

एसपी गौरव यादव ने बताया कि प्रदेश में किसी ना किसी कोने में हर दूसरे दिन वारदात करने वाले अमरसिंह फणिया को गिरफ्तार करने के लिए झुंझुनू पुलिस ने करीब तीन से चार दिन केवल और केवल गाड़ी में ही बिताए और उसका पग-पग पर पीछा किया। अमरसिंह पर ना केवल जयपुर रेंज,बल्कि अजमेर,जोधपुर और बीकानेर रेंज में कई मामले थे।

वीरेंद्रसिंह गोठड़ी के गांव पहुंची झुंझुनू पुलिस

एसपी गौरव यादव ने बताया कि हरियाणा के बदमाश वीरेंद्रसिंह गोठड़ी को लेकर हौव्वा बना था कि उसके गांव में तो हरियाणा पुलिस भी नहीं जा सकती। गांव के लोग पुलिस को वापिस नहीं आने देते। लेकिन झुंझुनू में एक डबल मर्डर मामले में वीरेंद्र गोठड़ी वांछित था। इसलिए झुंझुनू पुलिस ने किसी हौव्वे की परवाह किए बगैर सात से आठ बार ना केवल उसके गांव में,बल्कि उसके घर में दबिश दी और सर्च भी किया।इसके बाद झुंझुनू पुलिस ने ही उसे गिरफ्तार किया और उसके घर से हथियार तक बरामद किए।

गैंगवार की प्लानिंग को किया फेल

एसपी गौरव यादव ने बताया कि प्रो पुलिसिंग की तर्ज पर काम करते हुए झुंझुनू पुलिस ने कई बार झुंझुनू में होने वाली गैंगवार की प्लानिंग को फेल किया। उन्होंने बताया कि अजय जैतपुरिया और मिंटू मोडसिया गैंग में चल रही गैंगवार के तार झुंझुनू से भी जुड़े थे। अजय जैतपुरिया गैंग के तीन-चार बदमाश मिंटू मोडसिया गैंग के लोगों पर कोर्ट में हमला करने वाले थे।लेकिन उनकी प्लानिंग को झुंझुनू पुलिस ने फेल किया और उन्हें गिरफ्तार किया।इसके अलावा मिंटू मोडसिया गैंग के सदस्यों द्वारा झुंझुनू जिले में पैदा किए जाने वाले खौफ का खात्मा किया गया। पिलानी में एक व्यापारी को धमकी देने मामले में मोडसिया गैंग के गुर्गों को भी गिरफ्तार किया गया।

प्रदेश स्तर पर सराहे गए झुंझुनूं के नवाचार

एसपी गौरव यादव ने बताया कि प्रदेश स्तर पर झुंझुनू के नवाचार सशक्त नारी अभियान और मैत्री अभियान को सराहा गया।वहीं स्कूलों में बच्चों के बीच जाकर उन्हें अपनी शिकायतें और समस्या बताने के लिए मजबूत किया गया। यही कारण है कि सैनिक स्कूल जैसे मामले भी सामने आ पाए।वहीं आज महिलाएं और छात्राएं,अपनी सुरक्षा को लेकर और अपने अधिकारों के प्रति काफी जागरूक हुई है।दिवाली पर ड्यूटी प्वाइंट पर जाकर जवानों को मिठाई के साथ-साथ दिवाली पर दी गई बधाई भी काफी सराही गई है।

‘टरकाने’ की शिकायतें हो गई है अब बंद

एसपी गौरव यादव ने बताया कि जब उन्होंने ज्वाइन किया था तो अकसर शिकायतें आती थी कि उन्हें एसएचओ से मिलने नहीं दिया गया और एफआईआर दर्ज नहीं हुई। लेकिन अब उन्होंने सभी थानों के मुख्य दरवाजे से लेकर एसएचओ के चैंबर तक सीसीटीवी कैमरे लगा दिए है।वहीं सभी को ताकिद किया गया है कि कोई भी परिवादी आए।उसे एसएचओ द्वारा सुना जाएगा और उसके बाद कार्रवाई की जाएगी।एफआईआर दर्ज करने में भी कोताही नहीं होगी।इसके बावजूद दो-तीन शिकायतें आई थी।लेकिन उन्हें चेतावनी दी गई तो अब ऐसी शिकायतें ना के बराबर हो गई है।

चोरियों का राजफाश,साइबर क्राइम की नॉलेज प्राथमिकता होंगे

एसपी गौरव यादव ने बताया कि साल 2020 के लिए पुलिस मुख्यालय द्वारा तो प्राथमिकताएं निर्धारित की गई है। लेकिन जिला स्तर पर पुलिस की प्राथमिकताएं तैयार की गई है। इनमें सर्वाधिक फोकस चोरियों और नकबजनी के मामलों में 100 फीसदी राजफाश और सतर्क पुलिसिंग के अलावा साइबर अपराध रोकने के लिए जागरूकता और इसे समझने के लिए पुलिस अधिकारियों को नॉलेज दिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से जिला पुलिस ने तीन प्राथमिकताएं तय की है। जिसमें टॉप 10, उद्घोषित, मफरूर एवं स्थायी वारंटी संबंधित अपराधियों की धरपकड़ के संबंध में अत्यधिक कार्रवाई करना पहला बिंदु है। इसके अलावा संपत्ति संबंधी अपराधों की रोकथाम के लिए, अपराधियों की धरपकड़ करना, संपत्ति संबंधी अपराधों में चालानी व बरामदगी प्रतिशत में अत्यधिक वृद्धि करना दूसरा बिंदु रहेगा। इसी तरह तीसरा और महत्वपूर्ण बिंदु जिले के पुलिस अनुसंधान अधिकारियों को साइबर क्राइम संबंधी अपराधों के बारे में ट्रेनिंग दिलवाई जाकर साइबर क्राइम संबंधी अपराधों के अनुसंधान में दक्ष बनाना होगा।

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