Kumbharam Lift परियोजना को लेकर युद्ध स्तर पर कार्रवाई होनी चाहिए

Aanchalik khabre
By Aanchalik khabre
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Kumbharam Lift परियोजना को लेकर टेंडर प्रक्रिया हो चुकी है

भजनलाल शर्मा सरकार यदि इस मानवीय मुद्दे पर संवेदनशील है तो चुनावी मोड से बाहर निकल कर Kumbharam Lift परियोजना को लेकर युद्ध स्तर पर कार्रवाई करें क्योंकि पिलानी विधानसभा के लिए इस समस्या का समाधान केवल और केवल Kumbharam Lift परियोजना ही है । यमुना जल की मृग मरीचिका में आवाम को न भटकाएं ।

Kumbharam Lift

भाजपा नेता भजनलाल शर्मा सरकार की आमजन की समस्यायों को लेकर कितनी संवेदनशील है उसका अंदाजा उनकी सरकार के जलदाय विभाग के मंत्री के उस बयान से लगाया जा सकता है जो पीने के पानी को लेकर त्राहि-त्राहि कर रही जनता के ज़ख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है । विदित हो शेखावाटी अंचल खासकर पिलानी विधानसभा क्षेत्र कि आवाम पीने के पानी के लिए हाहाकार कर रही है ।

इस समस्या को लेकर लोकसभा चुनावों में भावी सांसद ने यमुना जल समझोते को लेकर बहुत उत्साहित नजर आ रहे थे और उन्होंने यमुना जल का पानी शेखावाटी को जल्द ही दिलवाने का वादा किया था । लेकिन उनके ही मंत्री का बयान विरोधाभास लिए है और उनके बयान से यह झलक मिलती है कि वह समझोता एक ढिंढोरा था । इस भंयकर गर्मी के मौसम में पीने के पानी को लेकर जनमानस का पारा चढ़ा हुआ है ।

प्रशासन केवल कागजों में जमा खर्च करके समस्या का समाधान निकालने में लगा हुआ है । एक समाचार के अनुसार पिलानी की 73 प्रतिशत समस्या का समाधान कागजों मे कर दिया है । पानी को लेकर जनता में आक्रोश है व सड़कों पर प्रदर्शन को मजबूर हैं सरकार की तरफ से ऐसे बयान आना उस आक्रोश रूपी आग में घी डालने का काम कर रहे हैं । क्या सरकार इस जन आक्रोश के ज्वालामुखी के फटने का इंतजार कर रही है ?

सरकार में बैठे नुमाइंदों को सोचना चाहिए कि जन आक्रोश से सियासत की चूले हिलने में समय नहीं लगता है ।सवाल सत्ता से ही किए जाते रहे हैं और भविष्य में भी सत्ता किसी की भी हो उसी से किये जायेंगे । आयुष अंतिमा हिन्दी समाचार पत्र ने इस ज्वलंत मुद्दे को लेकर तत्कालीन विधायक जेपी चंदेलिया के झूठ का पर्दाफाश किया था कि Kumbharam Lift परियोजना को लेकर टेंडर प्रक्रिया हो चुकी है

व Kumbharam Lift परियोजना का पानी जल्द ही पिलानी विधानसभा को मिलेगा । इस मुद्दे को लेकर जिला कलेक्टर का कार्य सराहनीय है जो इस मानवीय मुद्दे पर संवेदनशील है लेकिन अधिकारियों की अकर्मण्यता व भ्रष्टाचार ने उनके मिशन पर ब्रेक लगाने का काम किया है । इसका प्रमाण है कि जलदाय विभाग के दो अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है ।

क्या कारण बताओ नोटिस इस समस्या का समाधान है ? जब सरकार में बैठे नुमाइंदे इस तरह के गैर जिम्मेदाराना बयान देते हैं तो अधिकारियों की क्या बात करें क्योंकि यह अधिकारी भी उन्हीं की मेहरबानी से टिके हुए हैं ।

                                                                                                                     झुन्झुनू(चंद्रकांत बंका)
         

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