झुंझुनू।झुंझुनू जिलेेे की पहचान बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ वाले अग्रणी जिलोंं में है।हमारी भी बेटियां बेटों से कम नहीं है वाली कहावत चरितार्थ की है हीरवाना गांव निवासी अध्यापक खेमचंद कड़ाला ने। कड़ाला ने अपनी पुत्री सुप्रिया कड़ाला की घोड़ी पर बैठा कर गाजे-बाजे के साथ बिंदोरी निकाली,तथा समाज में बेटियों को अग्रणी स्थान देने की मिसाल पेश कर समाज को बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच रखते उन्हें मुख्य धारा में सर्वोच्च स्थान दे।सरस्वती पब्लिक उच्च माध्यमिक विद्यालय के निदेशक खेमचंद कड़ाला ने बताया कि वे पुत्र और पुत्री में कोई अंतर नहीं मानते इसी कारण उन्होंने अपनी पुत्री को उच्च शिक्षा दिलवाई अब शादी के अवसर पर पुत्र की तरह घोड़ी पर बैठा कर बिंदोरी निकाली और समाज को संदेश दिया की वह भी अपनी लाडो को बेटो से कम ना समझे।
झुंझुनू-लाडो को घोड़ी पर बैठा कर निकाली बिंदोरी-आंचलिक ख़बरें-संजय सोनी
