लोकमान्य बालगंगाधर तिलक को उनकी 156वीं जयन्ती पर कोटि- कोटि सादर नमन-आँचलिक ख़बरें-एस जेड मालिक

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Bal Gangadhar Tilak

 

देशभक्ति की भावना से ओत- प्रोत कएक ऐसे स्वतंत्रता सेनानी जिन्होंने “पूर्ण स्वराज” के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। आज कृतज्ञ राष्ट्र उनके इस योगदान को सदैव स्मरण कर रहा है।
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के शीर्षस्थ नेता , प्रखर वक्ता और विलक्षण प्रतिभा के धनी लोकमान्य तिलक ने देश में सांस्कृतिक और सामाजिक चेतना का सूत्रपात किया। स्वतंत्रता संग्राम के तीन विभूतियों “बाल-पाल-लाल”में से एक लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक,वेद-वेदांतों के मर्मज्ञ थे।१९०६ में अंग्रेज़ सरकार ने तिलक को ब्रिटिश सरकार के विरोध के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया। फिर सुनवाई के दौरान उन्हें ६ साल के लिए सज़ा सुनाई गई, जहाँ उन्हें मांडले (बर्मा) जेल ले ज़ाया गया। जेल में उन्होंने अपना अधिकतर समय पाठन-लेखन में बिताया करते थे।उन्होंने कई पुस्तकों के अलावा,अपनी प्रसिद्ध पुस्तक “गीता रहस्य” इसी दौरान लिखी।
लोकमान्य तिलक ने दो मराठी भाषा में “केसरी” व “मराठा” नाम से अंग्रेज़ी भाषा की साप्ताहिकी समाचारपत्र का प्रकाशन किया। जिसका सम्पादन खुद उन्होंने किया।जल्दी ही दोनों समाचार पत्र जनता में बहुत लोकप्रिय हो गए। इसके माध्यम से तिलक ने अंग्रेजों के ख़िलाफ़ कई क्रांतिकारी लेख लिखें । इन्हीं लेखों की वजह से उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा।
उन्होंने सबसे पहले ब्रिटिश राज के खिलाफ “पूर्ण स्वराज्य” की माँग की, और कहा कि “पूर्ण स्वराज” हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है।🇮🇳लोकमान्य तिलक ने राष्ट्रवाद की भावना को जगाने के लिए जन जागृति का कार्यक्रम महाराष्ट्र में ‘गणेश उत्सव’ तथा ‘शिवाजी उत्सव’मनाना प्रारंभ किया। इन त्योहारों के माध्यम से जनता में देशप्रेम और अंग्रेजों के अन्यान्य के विरुद्ध संघर्ष का साहस भरा।
लोकमान्य तिलक ने सन १८८० में “ न्यू इंगलिश स्कूल”जिसे कुछ सालों बाद “फग्युसन कालेज” के नाम से स्थापना किया।भारत में शिक्षा के सुधार के लिए डेक्कन एजुकेशन सोसाइटी की स्थापना १८८४ में की जिसका उद्देश्य देश की युवाओं को उच्च शिक्षा प्रदान करना था।
स्वतंत्रता संग्राम यादगार समिति परिवार लोकमान्य तिलक की १६५वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। हम मानते हैं कि असंख्य भारतीयों के भीतर देशप्रेम की भावना जगाकर और समाज के सभी वर्गों के लोगों को सफलतापूर्वक एक जुट किया।ऐसे महान देशप्रेमी और आजादी के दीवाने को कोटि कोटि सादर नमन|

 

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