संगम त्रिपाठी
जबलपुर – संस्कारधानी के हस्ताक्षर श्री मदन श्रीवास्तव ने कवि संगम त्रिपाठी को अपनी कृति टुकड़ा टुकड़ा आकाश भेंट की। मदन श्रीवास्तव की कृति में कविता की महफिल सजाई गई है, तो आंसुओं का, आहों का लेखा जोखा भी रखा गया है। टुकड़ा टुकड़ा आकाश मदन श्रीवास्तव जी की भावनाओं का अथाह सागर है।
सादे समारोह में मदन श्रीवास्तव जी ने अपनी कृति कवि संगम त्रिपाठी को श्री गणेश श्रीवास्तव प्यासा जबलपुरी की उपस्थिति में दिनांक 28.07.2023 को भेंट की।
कवि संगम त्रिपाठी ने कहा कि टुकड़ा टुकड़ा आकाश मदन श्रीवास्तव जी की अनमोल कृति है जो कि असंख्य तारों सा स्वयं प्रकाशित है।
अपना सब कुछ छोड़कर बस कुछ मुखौटे ले लिये,
कितना कुछ खोया है इस सांचे में ढलने के लिए।मदन श्रीवास्तव ने अपनी कृति भेंट की
संगम त्रिपाठी
जबलपुर – संस्कारधानी के हस्ताक्षर श्री मदन श्रीवास्तव ने कवि संगम त्रिपाठी को अपनी कृति टुकड़ा टुकड़ा आकाश भेंट की। मदन श्रीवास्तव की कृति में कविता की महफिल सजाई गई है, तो आंसुओं का, आहों का लेखा जोखा भी रखा गया है। टुकड़ा टुकड़ा आकाश मदन श्रीवास्तव जी की भावनाओं का अथाह सागर है।
सादे समारोह में मदन श्रीवास्तव जी ने अपनी कृति कवि संगम त्रिपाठी को श्री गणेश श्रीवास्तव प्यासा जबलपुरी की उपस्थिति में दिनांक 28.07.2023 को भेंट की।
कवि संगम त्रिपाठी ने कहा कि टुकड़ा टुकड़ा आकाश मदन श्रीवास्तव जी की अनमोल कृति है जो कि असंख्य तारों सा स्वयं प्रकाशित है।
अपना सब कुछ छोड़कर बस कुछ मुखौटे ले लिये,
कितना कुछ खोया है इस सांचे में ढलने के लिए।