दीपेंद्र कुमार
पिछ्ले चार महीने से आँखों में धूल झोंक रहे हैं ये दो चैन स्नेचर और सहरसा पुलिस हाथ पर हाथ धर कर बैठी हुईं हैं आखिर कौन दे रहा है पनाह ? ऎसे कई सवाल सहरसा पुलिस की कार्यशैली व्यवस्था पर उठ रहे हैं जब की खुले आम शहर मे दिन में ही दोनों चेन स्नेचर घटना को अभी तक दे रहे हैं अंजाम, ऐसे कई विडियो फुटेज, फोटो मीडिया और सहरसा पुलिस के भी पास हैं जिसमें अप्रैल महिने से ही यह दोनो चैन स्नेचर्स ने शहर मे कई चैन छिनतई घटना को दिया हैं अंजाम, कई ने थाने में आवेदन भी दिया तो कई ने चुप्पी साध ली और कई ने एफआईआर भी दर्ज की
आखिए सहरसा पुलिस क्यों नहीं कर रही हैं गिरफ़्तार,? अपराधियों में क्योँ नहीं दिख रहा हैं लेडी सिंघम लिपि सिंह वाला ख़ौफ़ ?
आख़िर क्या हो गया हैं सहरसा पुलिस को ?
क्या सहरसा पुलिस के पास पर्याप्त पुलिस नहीं है या टेक्निकल टीम की कमी हैं ?
हाल में ही रेफूजी कॉलोनी चौक पर भी घटना घटित हुई जब की रेफूजी कॉलोनी चौक पर सनोज यादव कांड के समय पुलिस चौकी की बात कहीं गयी थी इतने दिनों से क्योँ नहीं की गई पुलिस चौकी की ब्यबस्था ?
जिला प्रशाशन से अनुरोध है शहर के मुख्य चौक चौराहे पर पुलिस चौकी और सीसीटीवी की व्यवस्था करवाई जाए ताकि शहरवाशी सुकून से ज़िन्दगी जी सके,महावीर चौक पर हुई चेन स्नेचर घटना का पुत्री के पिता के द्वारा थाने में एफआईआर दर्ज कर दिया गया है चेन स्नेचर का फोटो और वीडियो भी साथ में दिया गया है जिसका केस संख्या 499/23 है देखना दिलचस्प होगा केस में सहरसा पुलिस को सफलता मिल पाती है या नहीं हालांकि कई घंटे होने को है इस केस के आईओ ने अभी तक अनुसंधान भी नहीं किया है