प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था किसी से छुपी नहीं है. स्कूल से लेकर कॉलेजों तक का हाल-बेहाल है. कहीं भवन जर्जर है, तो कहीं शिक्षकों की कमी है, तो कहीं परिसर में सुविधाओं का घोर अभाव है. ऐसा ही कुछ हाल मधेपुरा स्थित डायट भवन(जिला एवं शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान) में दिख रहा है.बीते 6 सालों से डायट के नए भवन निर्माण कार्य चल रहा है. जिस कारण पुराने भवन में ही प्रशिक्षण का कार्य चल रहा है. जिसकी वजह से छात्रों और शिक्षकों की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जर्जर भवन में सुविधाओं का घोर अभाव है. नतीजतन प्रशिक्षण लेने आने वाले छात्र-छात्राएं मोटी रकम देकर प्राइवेट हॉस्टलों में रहने को मजबूर हैं.दिव्यांग छात्रा रिंकी कुमारी ने बताया कि बरसात के दिनों में हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है हमारे लिए कोई भी सुविधा नहीं है। लड़कियों को हॉस्टल के बाहर रहकर पढ़ाई करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्राचार्य अरविंद कुमार भारती ने बताया कि बिहार के सभी डायट भवन बन चुके है।लेकिन मधेपुरा जिले में अब तक बनकर तैयार नहीं हुआ। संस्था के द्वारा कई बार आश्वाशन दिए जा चुके हैं लेकिन हमें नहीं लगता कि यह में समय रहते 2 सालों में भी हमें मिल पाएगा।