खंगार क्षत्रिय परिहार समाज के संस्थापक Maharaja Khet Singh Khangar की जयंती सोमवार को समारोह पूर्वक मनाई गई
भितरवार। खंगार क्षत्रिय परिहार समाज के संस्थापक Maharaja Khet Singh Khangar की जयंती सोमवार को समारोह पूर्वक मनाई गई। इस दौरान समाज बंधुओ के द्वारा आकर्षक झांकियों से सजी हुई बैंड बाजे की धुन और रंग बिरंगी आतिशबाजी के बीच Maharaja Khet Singh Khangar जी का चल समारोह निकाला गया जिसका जगह-जगह समाज बंधुओ के अलावा कई सनातनियों के द्वारा पुष्प वर्षा और जलपान कराते हुए स्वागत किया तो वही झांकियां की आरती उतार कर पूजा अर्चना की गई।
![Maharaja Khet Singh Khangar की जयंती सोमवार को समारोह पूर्वक मनाई गई 2 Maharaja Khet Singh Khangar की जयंती समारोह](https://aanchalikkhabre.com/wp-content/uploads/2023/12/IMG-20231225-WA0033.jpg)
सोमवार को Maharaja Khet Singh Khangar की जयंती महोत्सव के अवसर पर नगर और क्षेत्र के खंगार क्षत्रिय परिहार समाज द्वारा Maharaja Khet Singh Khangar की जयंती महोत्सव बड़े ही धूमधाम से उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस दौरान समाज बंधुओ के द्वारा श्री गोलेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण पर सामूहिक रूप से एकत्रित होकर महाराजा खेत सिंह खंगार के छायाचित्र पर पूजा अर्चना की गई।
तत्पश्चात गोलेश्वर महादेव मंदिर से बैंड बाजा और ढोल नगाड़ों की धुन पर समाज बंधुओ के द्वारा विशाल चल समारोह आकर्षक विभिन्न स्वरूपों से सजी झांकियों के साथ निकाला गया जो नगर करेरा तिराहा और मैन तिराहा होते हुए नया बस स्टैंड पहुंचा जहां से पुराना बस स्टैंड के समीप स्थित एक निजी लॉज निकाले गए चल समारोह का समापन किया गया।
इस दौरान चल समारोह का नगर में जगह-जगह समाज बंधुओ के अलावा नगर के कई सनातनियों के द्वारा पूजा अर्चना करते हुए और पुष्प वर्षा कर स्वागत किया तो वहीं चल समारोह के दौरान जगह-जगह रंग बिरंगी आतिशबाजी के साथ समाज के नौजवान युवा चल समारोह में नाचते गाते हुए और महाराजा खेत सिंह की जय जयकार करते हुए साथ चल रहे थे।
वही समापन अवसर पर आए सामाजिक नेताओं और समाज के प्रबुद्ध जनों के द्वारा खंगार क्षत्रिय परिहार समाज के इतिहास के संबंध में बताया कि समाज का इतिहास बहुत प्राचीन और गौरवपूर्ण रहा है। समाज के लोग बहुत ही संघर्षील रहे हैं। खंगार समाज ने हमेशा विदेशी आक्रमण कार्यों से लड़ाई लड़ी है।
आज जरूरत है तो Maharaja Khet Singh Khangar के पराक्रम को याद करने और समाज को मुख्य धारा से जोड़ने की जरूरत है। समाज जब ही मुख्य धारा से जुड़ेगा जब समाज का प्रत्येक बेटा और बेटी पूर्ण शिक्षा प्राप्त होंगे इसके लिए समाज को संगठित होकर सामाजिक जन चेतना का कार्य चलाना होगा जिससे कि समाज का प्रत्येक व्यक्ति शिक्षित हो।
समाज में फैली विभिन्न सामाजिक रूढ़िवादी कुप्रथाओं को भी बंद करने की जरूरत है और समाज के निर्बल व्यक्ति को भी समाज के बलशाली वर्ग के समान ही अधिकार प्राप्त हो। इस दौरान सामूहिक रूप से महा आरती करते हुए प्रसादी का वितरण कराया गया। इस दौरान कई सैकड़ो की तादाद में खंगार क्षत्रिय परिहार समाज के लोग मौजूद रहे।
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