दीपक विश्वकर्मा की रिपोर्ट
स्थान… एमसीबी जिला छत्तीसगढ़
लोकेशन …जनकपुर, भरतपुर खंडगवा, मनेंद्रगढ़
गांव में आमदनी का जरिया बना महुआ सुबह से महुआ बीने में जुट रहे लोग ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोग इन दिनों सुबह से ही अपने पूरे परिवार के साथ महुआ बीने निकल जाते हैं बच्चे बूढ़े महिलाएं युवा सभी मिलकर महुआ बिनते हैं गांव में महुआ जीविकोपार्जन का मुख्य जरिया है ग्रामीण क्षेत्र में लोग महुआ को बेच कर अपने घर की छोटी-मोटी जरूरतों को पूरा करते हैं इस तरह महुआ ने वनांचल क्षेत्र में लोगों के चेहरे पर खुशी बिखेर दी है हालांकि मार्च महीने में कोई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण महुआ के पैदावार पर असर पड़ा है
आमदनी का जरिया बना महुआ
जिले के वनांचल एवं ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोग के लिए महुआ इन दिनों आमदनी का जरिया बना हुआ है महुआ को बेचकर अपनी जरूरतों के सामान खरीदते हैं सुबह महुआ बीनने के बाद अपने घर में ले जाकर सुखाते हैं सुखाने के बाद बेचकर अपनी जरूरते पूरी करते हैं
आमदनी का अतिरिक्त जरिया बन गया हुआ
पूरा परिवार मिलकर बिनते महुआ
ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएं बच्चे और बुजुर्ग सभी मिलकर महुआ बीनने का काम करते हैं सुबह से ही टोकरी लेकर के जंगल की तरफ महुआ बीने निकल पडते हैं और दोपहर तक महुआ बीनते हैं इन दिनों ज्यादा महुआ बीनने की होड़ ग्रामीणों के बीच लगी रहती है यहां के जंगल में महुआ प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।