गर्मी के तल्ख और तीखे तेवर में जहाँ शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में जलसंकट को लेकर हाहाकार मचा हुआ है वहीं खंडवा जिला जेल भी इससे अछूता नही रहा. करीब डेढ़ सौ साल पुरानी इस जेल में जल संकट गहराने के बाद जेल में तैनात प्रहरियों से लेकर कैदी तक सभी परेशान है.
खंडवा की 150 साल पुरानी इस जेल में इस बार गर्मी ने ऐसा रौद्र रूप दिखाया है की यहाँ बूँद-बूँद पानी के लिए कैदी से लेकर प्रहरी सभी तरस रहे हैं. जेल में मौजूद तीन-तीन ट्यूबवेल पूरी तरह से सूख चुके हैं. 200 कैदियों की क्षमता वाले इस जेल में व्यवस्था के अभाव में शुरू से ही दुगुने से भी ज्यादा कैदी रह रहे हैं. लिहाजा बैरक में व्यवस्था संभालने में प्रहरियों को काफी कठिनाई होती है. इधर जल संकट के कारण जेल के अंदर एक-एक बाल्टी पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. फिलहाल नगर निगम के टेंकर के माध्यम से 581 कैदियों की प्यास बुझाई जा रही है.
ज्ञात हो की जेल अधीक्षक ने जल संकट से निपटने के लिए जेल के अंदर कैदियों को पानी की बर्बादी को रोकने के लिए सख्त हिदायत दी है. जिसमे सजा तक का प्रवधान किया गया है. हालांकि जल संकट देखते हुए कैदियों ने खुद पानी का अपव्यय कम कर दिया है. बहरहाल, खंडवा जेल से कैदियों के फरार होने की घटना के बाद भी लाख दावों के बावजूद यहाँ व्यवस्था में कोई परिवर्तन नही हो पाया है. जरूरत है सैकड़ों साल पुरानी इस जेल की व्यवस्था को दुरुस्त करने की, अन्यथा अव्यवस्था और जल संकट इस भीषण गर्मी में कोई बड़ा रूप न ले ले.