NALSA क्या है?
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) की स्थापना विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत समाज के कमजोर वर्गों को नि:शुल्क विधिक सेवाएं प्रदान करने और विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान हेतु लोक अदालतों के आयोजन के लिए की गई है।
NALSA की स्थापना और उद्देश्य
न्यायमूर्ति भूषण रमकृष्ण गवई, भारत के मुख्य न्यायाधीश, इसके संरक्षक प्रमुख (Patron-in-Chief) हैं।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, NALSA के कार्यकारी अध्यक्ष (Executive Chairman) हैं।
NALSA का मुख्यालय सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया, तिलक मार्ग, नई दिल्ली – 110001 में स्थित है। NALSA नागरिक सेवा केंद्र जैसलमेर हाउस, मान सिंह रोड, नई दिल्ली – 110011 में स्थापित किया गया है, जो सभी कार्य दिवसों में कार्यालय समय पर कार्यरत रहता है।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की भूमिका
हर राज्य में, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन किया गया है ताकि NALSA की नीतियों और निर्देशों को लागू किया जा सके तथा राज्य में लोगों को नि:शुल्क विधिक सेवाएं प्रदान की जा सकें और लोक अदालतों का आयोजन किया जा सके।
NALSA योजना के लाभ किन्हें मिलते हैं?
NALSA (राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण) योजना के तहत, समाज के कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सेवाएं प्रदान की जाती हैं, ताकि वे न्याय तक पहुंच सुनिश्चित कर सकें। इसके तहत, कानूनी सहायता, सलाह और प्रतिनिधित्व प्रदान किया जाता है, साथ ही लोक अदालतों के माध्यम से विवादों का सौहार्दपूर्ण समाधान भी किया जाता है।
समाज के कमजोर वर्गों को कानूनी सहायता
कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सहायता, जिसमें वकील की सेवाएं, अदालत में प्रतिनिधित्व और कानूनी सलाह शामिल हैं, प्रदान की जाती है।
लोक अदालतों के माध्यम से विवादों का समाधान
लोक अदालतों का आयोजन किया जाता है, जो विवादों को सुलझाने का एक वैकल्पिक और त्वरित तरीका है।
विधिक सहायता कैसे प्राप्त करें?
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
NALSA (राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण) योजना के तहत विधिक सहायता प्राप्त करने के लिए, आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए, NALSA की वेबसाइट पर जाएं और “ऑनलाइन आवेदन” लिंक पर क्लिक करें।
ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया
आप अपने नजदीकी कानूनी सेवा प्राधिकरण (जैसे, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण या राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण) में संपर्क कर सकते हैं और वहां उपलब्ध आवेदन पत्र भरकर जमा कर सकते हैं।
फ्री कानूनी सलाह कहां से लें?
NALSA योजना के लाभ के तहत, मुफ्त कानूनी सलाह प्राप्त करने के लिए आप अपने नजदीकी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA), उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति, या राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (SLSA) के कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। आप नालसा की वेबसाइट या संबंधित राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की वेबसाइट पर भी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
पीड़ितों को मुआवजा कैसे मिलता है?
NALSA (राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण) योजना के तहत, पीड़ितों को मुआवजा प्राप्त करने के लिए, उन्हें संबंधित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) में आवेदन करना होता है।
आवेदन की प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज
आवेदन के साथ, पीड़ितों को अपनी पहचान, अपराध का विवरण, और चोटों या नुकसान के प्रमाण जैसे दस्तावेज जमा करने होते हैं।
DLSA की भूमिका और राज्य सरकार द्वारा मुआवजा वितरण
DLSA आवेदन की जांच करता है और यदि मुआवजा देने की सिफारिश करता है, तो राज्य सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार मुआवजा वितरित किया जाता है।
नालसा और सालसा में अंतर
NALSA क्या है?
नालसा (NALSA) का मतलब है राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण।
SALSA क्या है?
सालसा (SALSA) का मतलब है राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण। नालसा, भारत सरकार का एक संगठन है जो कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए 1987 में स्थापित किया गया था। यह समाज के कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सेवाएं प्रदान करता है और लोक अदालतों का आयोजन करता है।
जघन्य अपराधों में मुआवजा योजना
भारत में, कानून अपराध के पीड़ितों को मुआवज़ा देने के लिए कई प्रावधान प्रदान करता है, यह सुनिश्चित करता है कि पीड़ितों को हुए नुकसान के लिए वित्तीय सहायता मिले। मुआवज़ा न्यायालय द्वारा या विशिष्ट सरकारी योजनाओं के माध्यम से दिया जा सकता है।
लोक अदालत का फायदा कैसे लें?
NALSA (राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण) योजना के तहत, लोक अदालत का लाभ उठाने के लिए, आपको NALSA या राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (SALSA) से संपर्क करना होगा। आप या तो अदालत में लंबित मामलों को लोक अदालत में भेज सकते हैं या पूर्व-मुकदमेबाजी चरण में विवादों का समाधान कर सकते हैं।
मुफ्त कानूनी सहायता के लिए आय सीमा
इसमें कहा गया है कि जिन लोगों की वार्षिक आय संबंधित राज्य सरकार द्वारा निर्धारित राशि से कम है, यदि मामला सुप्रीम कोर्ट के अलावा किसी अन्य अदालत में है, और 5 लाख रुपये से कम है, यदि मामला सुप्रीम कोर्ट में है, तो वे मुफ्त कानूनी सहायता के लिए पात्र हैं।
कानूनी साक्षरता और जागरूकता कार्यक्रम
कानूनी साक्षरता कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को उनके अधिकारों और कानूनी प्रक्रियाओं के बारे में जागरूक किया जाता है।
विशेष योजनाएं: लक्षित समूहों के लिए
NALSA विभिन्न लक्षित समूहों के लिए विशेष योजनाएं चलाता है, जैसे कि:
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महिलाओं
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बच्चों
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वरिष्ठ नागरिक
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अनुसूचित जातियों और जनजातियों
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एसिड हमले के पीड़ित
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तस्करी के शिकार लोग
आपदा पीड़ितों के लिए कानूनी सेवाएं
आपदा पीड़ितों को कानूनी सहायता प्रदान की जाती है, ताकि वे राहत और पुनर्वास के लिए सरकार द्वारा घोषित योजनाओं का लाभ उठा सकें।
नशा पीड़ितों के लिए सहायता
नशा पीड़ितों को कानूनी सेवाएं प्रदान की जाती हैं, ताकि वे नशा मुक्ति और पुनर्वास के लिए आवश्यक सहायता प्राप्त कर सकें।
गरीबी उन्मूलन योजनाओं के लिए सहयोग
NALSA गरीबी उन्मूलन योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए भी कानूनी सहायता प्रदान करता है।
NALSA योजना का मुख्य उद्देश्य
न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करना
समाज के कमजोर वर्गों को न्याय तक पहुंच सुनिश्चित करना।
कानूनी अधिकारों की रक्षा करना
कमजोर वर्गों के कानूनी अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें सशक्त बनाना।
सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना
सामाजिक न्याय को बढ़ावा देना और सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करना।
विवादों का सौहार्दपूर्ण समाधान
विवादों को सुलझाने के लिए लोक अदालतों का उपयोग करना, जिससे अदालतों पर बोझ कम हो।
निष्कर्ष: न्याय सबके लिए
NALSA योजना, समाज के कमजोर वर्गों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो उन्हें न्याय और कानूनी सहायता प्रदान करके सशक्त बनाने में मदद करती है।
हाल ही में आयोजित जागरूकता कार्यशाला – शाजापुर (मध्य प्रदेश)
जघन्य अपराध पीड़ितों के लिए जागरूकता कार्यशाला आयोजित
आंचलिक संवाददाता
शाजापुर/ मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर 23 जुलाई 2025 को सीसीटीवी कंट्रोल रूम में म.प्र. अपराध पीड़ित प्रतिकर योजना 2015 पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यशाला आयोजित हुई।
कार्यक्रम का संचालन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश आनंद कुमार तिवारी के मार्गदर्शन में हुआ।
मुख्य अतिथि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव नमिता बौरासी और विशिष्ट अतिथि जिला विधिक सहायता अधिकारी शिखा शर्मा रहीं।
कार्यशाला में जिले के सभी थानों से आए पुलिस अधिकारियों और विवेचकों को योजना की जानकारी दी गई।
नमिता बौरासी ने सालसा, नालसा, लोक अदालत, मध्यस्थता सेवा और हेल्पलाइन 15100 की जानकारी दी तथा बताया कि बलात्कार, हत्या, एसिड अटैक जैसे जघन्य अपराधों में पीड़ितों को आर्थिक सहायता और पुनर्वास हेतु विशेष प्रावधान हैं।
शिखा शर्मा ने बताया कि जिला स्तरीय समिति पीड़िता को हुई हानि के आधार पर मुआवजे की पुष्टि करती है।
साथ ही महिला पुनर्वास नियम 2018 के तहत सामाजिक और मानसिक सहयोग पर भी मार्गदर्शन दिया गया।
कार्यशाला में सभी थाना प्रभारी और पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।
FAQs (Frequently Asked Questions)
Q1: NALSA योजना क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?
उत्तर: NALSA (राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण) योजना का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को नि:शुल्क कानूनी सहायता प्रदान करना और उनके अधिकारों की रक्षा करना है।
Q2: NALSA के तहत कौन-कौन से लाभ मिलते हैं?
उत्तर: इसके तहत मुफ्त कानूनी सलाह, वकील की सेवाएं, लोक अदालत के जरिए विवाद समाधान, और पीड़ितों के लिए मुआवजा योजना जैसे लाभ मिलते हैं।
Q3: क्या बलात्कार, हत्या या एसिड अटैक पीड़िता को NALSA योजना में मदद मिलती है?
उत्तर: हाँ, ऐसे जघन्य अपराधों में पीड़ितों को आर्थिक सहायता और पुनर्वास का प्रावधान होता है, जिसकी पुष्टि जिला स्तरीय समिति करती है।
Q4: NALSA योजना का लाभ उठाने के लिए कहां संपर्क करें?
उत्तर: आप अपने जिले के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) से संपर्क कर सकते हैं या NALSA की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
Q5: क्या NALSA योजना में आय सीमा होती है?
उत्तर: हाँ, यदि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित नहीं है, तो राज्य सरकार द्वारा निर्धारित आय सीमा के अंतर्गत आने वाले व्यक्ति पात्र होते हैं। सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामलों के लिए यह सीमा ₹5 लाख तक है।
Q6: महिला पुनर्वास नियम 2018 क्या है और यह कैसे मदद करता है?
उत्तर: यह नियम मानसिक, सामाजिक और आर्थिक स्तर पर पीड़ित महिलाओं को पुनर्वास सहायता प्रदान करता है, जैसे कि परामर्श, आश्रय और मुआवजा।
Q7: हेल्पलाइन 15100 किसके लिए है?
उत्तर: यह हेल्पलाइन नि:शुल्क कानूनी सहायता और विधिक जानकारी के लिए है, जिसे आम नागरिक कभी भी संपर्क कर सकते हैं।