जैसे जैसे समय बीत रहा है वैसे-वैसे नर्मदा विकराल रूप धारण करती करती जा रही है, नर्मदा के विक्राल जल सेलाब में न आसियाने बचे नही बचे हजारो कि आबादी वाले गांव सब हुवे जलमग्न, एक तरफ जिंदगियां दाव पर है वही छत खाना और पीने के पानी के लाले पड़ गए है जाए तो जाए कहा डूबप्रभावित ,चारो तरफ पानी ही पानी है जमीन नजर नही आती है,आखिर कब डूबप्रभावित का आदर्श पुनर्वास नीति के लाभ कब मिलेगा,आखिर कब तक तरसना पड़ेगा डूब इलाको के वाशिन्दों को ,मांगे कब पूरी होगी ,लोगो को मजबूरन जान जोखिम में डाल कर भूखे प्यासे ओर खुले आसमान के नीचे जीवन बसर करना पड़ रहा है ।
गुजरात सरकार की जिद कहि मध्य प्रदेश की जनता की जान की दुश्मन बन बैठी है लगातार जल व्रद्धि ने नर्मदा किनारे बसे लोगो को त्राहि माम मचा दिया है ।
आखिर क्यों नही हो रही मांगे पूरी क्यों कसौटी पर चढ़ा रखा है क्या है शासन की मनसा क्यों नही हो रही है आदर्श पुनर्वास के नाम पर सरदार सरोवर बांध से डूब प्रभावितों के लीये अरबो रुपये खर्च किये पर डूब प्रभावितो को उनके हक का मुवावजा देने में शासन कई सालों से विचार ही कर रही है ,सरदार पटेल कि मूर्ति बनाने में 300 करोड़ खर्च कर दिए डूब प्रभावितो को 150 करोड़ देने में सालों गुजरने के बाद भी विचार करना उनके साथ अन्याय है आखिर क्यों नही करते मांगे पूरी कारण कोई समझ नही पाया क्या मनसा है केंद्र सरकार की सब की समझ से बाहर है
ओम्कारेश्वर- नर्मदा नदी का कहर, कई गाँव हुए जलमग्न-आंचलिक ख़बरें-ज्ञान प्रकाश शर्मा

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