रायबरेली (नसीराबाद) – केंद्र और राज्य सरकारें स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर बड़े-बड़े वादे करती हैं, लेकिन रायबरेली के नसीराबाद स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की वास्तविकता इन दावों को झुठलाती नज़र आ रही है। यहाँ न तो पर्याप्त स्टाफ है और न ही आपातकालीन सेवाएँ, जिससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सुविधाओं का हाल: आईसीयू तक नहीं
नसीराबाद के इस स्वास्थ्य केंद्र में रोज़ाना सैकड़ों मरीज पहुँचते हैं। बुखार, खांसी-जुकाम जैसी मौसमी बीमारियों के लिए दवाइयाँ तो मिल जाती हैं, लेकिन गंभीर रोगियों और दुर्घटनाग्रस्त मरीजों के लिए आईसीयू या आपातकालीन विभाग उपलब्ध नहीं है। ऐसे मामलों में मरीजों को सीधे रायबरेली जिला अस्पताल रेफर किया जाता है।
स्टाफ की भारी कमी
वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष कुमार ने स्पष्ट किया कि केंद्र में केवल 13 स्थायी कर्मचारी हैं, जबकि 17 अस्थायी स्टाफ पर काम चल रहा है। सफाईकर्मी और डॉक्टर भी ठेके पर नियुक्त किए जाते हैं। सेवानिवृत्ति या मृत्यु के बाद नई नियुक्तियाँ नहीं हो रही हैं, जिससे सेवा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।
परिवार नियोजन पर विशेष ध्यान
डॉ. आशीष कुमार ने बताया कि केंद्र में महिला और पुरुष नसबंदी पर विशेष जोर दिया जाता है। नसबंदी के लिए प्रेरित करने पर आशा कार्यकर्ताओं को मानधन दिया जाता है, क्योंकि उन्हें नियमित वेतन नहीं मिलता। ठंड के मौसम में नसबंदी के मामले अधिक आते हैं, और यह केंद्र सरकार की जनसंख्या नियंत्रण योजनाओं का हिस्सा है।
समस्या के समाधान के सुझाव
स्थानीय नागरिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि नसीराबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्टाफ की संख्या बढ़ाना, आईसीयू की सुविधा उपलब्ध कराना और साफ-सफाई के लिए स्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति अत्यंत आवश्यक है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बेहतर हो सकेगी।
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