Amroha Up News : उत्तर प्रदेश के अमरोहा जनपद में Stray Animals Attack दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, जिससे किसानों से लेकर आम आदमी तक परेशान हैं। खेती में हो रहे भारी नुकसान के बाद अब एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया है। हसनपुर तहसील क्षेत्र के गांव रुखालू में एक आवारा सांड ने 50 वर्षीय महिला की जान ले ली, और यह घटना न केवल ग्रामीणों के लिए दुखदायी है बल्कि पूरे जिले में इस समस्या को लेकर चिंता और गुस्सा भी पैदा कर रही है।
Stray Animals Attack: एक परिवार की त्रासदी
रुखालू गांव में एक दर्दनाक घटना ने पूरे गांव को झकझोर दिया। नरेशपाल और उनकी पत्नी इंद्रवती, जो खेतों में काम कर रहे थे, अचानक आवारा सांड के हमले का शिकार हो गए। यह घटना उस समय घटी जब इंद्रवती अपने पति के साथ खेत में काम कर रही थीं। हमले में महिला का पेट बुरी तरह से फट गया और बाद में उनकी मौत हो गई। हालांकि, आसपास के ग्रामीणों और उनके पति ने तुरंत सांड को भगाया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। मौत ने एक परिवार को हमेशा के लिए झकझोर दिया था।
Stray Animals attack in Amroha: किसानों के लिए बढ़ती समस्या
इस घटना ने अमरोहा के किसानों और ग्रामीणों के बीच आतंक और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है। ये आवारा पशु खेती में नुकसान के साथ-साथ जानमाल का खतरा भी उत्पन्न कर रहे हैं। आए दिन ऐसी घटनाएं हो रही हैं, जिससे ना केवल फसलें नष्ट हो रही हैं, बल्कि लोग भी जख्मी हो रहे हैं। कई बार हमलों में किसानों और अन्य लोगों की जान तक चली जाती है, जैसे कि इस मामले में इंद्रवती की जान गई।
किसान की जिंदगी पर खतरा: आवारा पशुओं का बढ़ता आतंक
ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई नई घटना नहीं है। आए दिन आवारा पशु खेतों में घुसकर किसानों की फसलें तबाह करते हैं। कई बार इन पशुओं ने किसान परिवारों को हमला कर घायल किया है। लेकिन प्रशासन द्वारा इस समस्या को गंभीरता से न लिया जाना अब घातक साबित हो रहा है। गांववाले अधिकारियों से बार-बार गुहार लगाते रहे हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। नतीजतन, आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या अब एक बहुत बड़ी समस्या बन गई है।
Stray Animals Attack in Uttar Pradesh: शासन-प्रशासन की लापरवाही
गांव के लोग बताते हैं कि कई बार अधिकारियों से आवारा पशुओं को पकड़ने की मांग की गई है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। यहां तक कि जब इन पशुओं को गौशालाओं में भेजने की कोशिश की जाती है, तो गौशाला वाले उन्हें लेने के लिए पैसे और भूसा की मांग करते हैं। गांववालों को मजबूरी में चंदा इकट्ठा करना पड़ता है, ताकि गौशालाओं में इन पशुओं को भेजा जा सके। लेकिन यह सवाल उठता है कि प्रशासन की जिम्मेदारी क्यों नहीं निभाई जा रही है। आखिर क्यों सरकार और अधिकारी इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान नहीं दे रहे हैं?
Stray Animals Attack: गांववालों की संघर्ष की दास्तान
रुखालू गांव के लोगों का गुस्सा और आक्रोश अब फूट पड़ा है। वे कहते हैं कि हमने कई बार अधिकारियों से आवारा पशुओं को पकड़ने की मांग की है, लेकिन हर बार हमें सिर्फ आश्वासन ही मिलता है। नतीजतन, हम अपनी मेहनत से उगाई फसलें खोते जा रहे हैं और जान का खतरा भी बना रहता है। अब हालात यह हो गए हैं कि लोग अपनी जान की सलामती के लिए घरों से बाहर निकलने में डरते हैं। आवारा पशुओं के खिलाफ कोई ठोस कदम न उठाए जाने से गांववासियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
A Shocking Incident: प्रशासन की लापरवाही पर सवाल
इंद्रवती की मौत ने पूरे इलाके में यह सवाल खड़ा किया है कि आखिर प्रशासन और सरकारी संस्थाएं इस समस्या को गंभीरता से क्यों नहीं ले रही हैं? क्या एक व्यक्ति की जान की कोई कीमत नहीं है? क्या इस तरह के हादसे तब तक होते रहेंगे जब तक और कोई जान न जाए? प्रशासन का इस मामले पर अब तक कोई ठोस कदम न उठाना, लोगों के लिए चिंता का कारण बन गया है। गांववाले तो अब खुद इन आवारा पशुओं से निपटने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ऐसे मामले बढ़ने पर एक दिन बड़ी त्रासदी हो सकती है।
आवारा पशुओं के खिलाफ कार्रवाई की सख्त आवश्यकता
यह घटनाएँ सिर्फ एक परिवार के लिए दुखद नहीं हैं, बल्कि पूरे जिले के लिए चेतावनी हैं। यह समय है कि सरकार और स्थानीय प्रशासन इस गंभीर समस्या पर ध्यान दे। किसानों और ग्रामीणों की मेहनत को नष्ट करने और उनके जीवन को खतरे में डालने वाले इन आवारा पशुओं के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए। गौशालाओं को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और इन पशुओं के लिए सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए, ताकि इन घटनाओं का सामना किसी और को न करना पड़े।
आवारा पशुओं का आतंक और प्रशासन की जिम्मेदारी
अमरोहा में आवारा पशुओं द्वारा पैदा की जा रही दहशत ने सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि यदि जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो आने वाले समय में और अधिक गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं। यह सिर्फ एक स्थानीय समस्या नहीं है, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश की चिंता का विषय बन चुकी है। सरकार को चाहिए कि वह इस मुद्दे पर तुरंत कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में किसी और परिवार को इस तरह की त्रासदी का सामना न करना पड़े।
बाइट – नरेश पाल मृतिका का पति
अमरोहा उत्तर प्रदेश से संजय कुमार की रिपोर्ट देखते रहिये आपका अपना चैनल आंचलिक ख़बरें अपनों की खबर आप तक
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