Bijapur Chhattisgadh | गोलियों से गूंजा जंगल! वीर जवानों ने 18 नक्सलियों को सुलाया मौत की नींद! | Naxal Encounter

News Desk
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ब्रेकिंग न्यूज़: बीजापुर के जंगलों में खून की होली, 18 नक्सली ढेर, एक वीर जवान बलिदान!
बीजापुर के जंगलों में मौत का तांडव, गोलियों की गूंज से कांपा इलाका!
नक्सलियों का किला ध्वस्त! वीर जवानों ने किया 18 आतंकियों का काम तमाम!”
गोलियों से गूंजा जंगल! वीर जवानों ने 18 नक्सलियों को सुलाया मौत की नींद!

छत्तीसगढ़ के बीजापुर और दंतेवाड़ा सीमा पर स्थित गंगालुर थाना क्षेत्र के घने जंगलों में आज सुबह-सुबह ऐसा मंजर देखने को मिला जिसे देखकर रूह कांप जाए। वीरता और बलिदान की एक और गाथा जुड़ गई है भारतीय सुरक्षाबलों के इतिहास में। नक्सलियों के साथ हुई इस भयंकर मुठभेड़ में 18 खूंखार नक्सली मारे गए हैं। लेकिन इस अदम्य साहस और हिम्मत की कीमत हमारे देश ने चुकाई है एक जवान की शहादत के रूप में।

आज तड़के जैसे ही सूरज ने अपनी पहली किरण धरती पर बिखेरी, गंगालुर थाना क्षेत्र के जंगलों में गोलियों की तड़तड़ाहट गूंज उठी। नक्सल विरोधी अभियान पर निकली संयुक्त टीम पर घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने अचानक हमला बोल दिया। चारों तरफ से गोलियों की बौछार होने लगी। लेकिन भारतीय सुरक्षाबलों ने हार मानने का नाम नहीं लिया। जवाबी फायरिंग में एक-एक कर 18 नक्सलियों को मौत के घाट उतार दिया गया।

गोलियों की आवाज से जंगल थर्रा उठा। चारों तरफ धुआं और गोलियों की गंध फैली हुई थी। एक तरफ सुरक्षाबल दुश्मनों का सामना कर रहे थे तो दूसरी तरफ घायल जवानों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने की कोशिशें जारी थीं। इस मुठभेड़ में बीजापुर जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के एक जवान ने अपने प्राणों की आहुति दे दी।

गुप्त सूचना से शुरू हुआ था ऑपरेशन, जंगलों में भयंकर मुठभेड़

सूत्रों से मिली पक्की जानकारी के अनुसार, नक्सलियों का एक बड़ा समूह गंगालुर थाना क्षेत्र के तोड़का एंड्री के जंगल में डेरा डाले हुए था। ये नक्सली किसी बड़े हमले की योजना बना रहे थे। सुरक्षाबलों ने जैसे ही इस गुप्त सूचना को गंभीरता से लिया, तुरंत एक संयुक्त टीम का गठन किया गया। बीजापुर जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और स्थानीय पुलिस ने ऑपरेशन का मोर्चा संभाला।

ऑपरेशन की योजना बेहद गुप्त और सुनियोजित थी। टीम ने जंगल में प्रवेश करते ही चारों ओर नजरें घुमा लीं, क्योंकि हर तरफ खतरा मंडरा रहा था। जवान सतर्क थे, लेकिन नक्सलियों ने पहले से ही घात लगाकर हमला बोल दिया। ताबड़तोड़ गोलियां चलने लगीं। जवानों ने भी तुरंत मोर्चा संभालते हुए जवाबी फायरिंग शुरू कर दी।

गोलियों की बरसात में भी नहीं डिगे जवान

गोलियों की इस भीषण बरसात में भी हमारे वीर जवान डरे नहीं। उनके हौसले बुलंद थे और इरादे फौलादी। दुश्मनों की ओर से आ रही गोलियों का जवाब उसी अंदाज में दिया गया। जंगल के हर कोने में गोलियों की आवाज गूंज रही थी। जवानों ने एक-एक कर नक्सलियों को घेरना शुरू किया। करीब दो घंटे तक चली इस मुठभेड़ में आखिरकार 18 खूंखार नक्सलियों को ढेर कर दिया गया।

लेकिन इस जीत का मोल बहुत भारी था। देश ने अपना एक वीर सपूत खो दिया। मुठभेड़ खत्म होने के बाद जब साथी जवानों ने अपने वीर को देखा, तो उनकी आंखें नम हो गईं। देशभक्ति का जज्बा दिल में उमड़ पड़ा। साथी जवानों ने कहा कि यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।

अंधेरे में भी हौसला बुलंद, शहीद की शहादत को सलाम

मुठभेड़ समाप्त होने के बाद पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। मारे गए नक्सलियों के शव जंगल में बिखरे पड़े थे। उनके पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया। ये हथियार इस बात का सबूत थे कि नक्सली किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने के फिराक में थे।

सुरक्षाबलों के जवानों ने शहीद साथी के पार्थिव शरीर को कंधे पर उठाकर तिरंगे में लपेटा। पूरे इलाके में मातम का माहौल था, लेकिन गर्व भी था कि हमारे जवान ने देश के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। जवान की शहादत पर अधिकारियों ने कहा, “हमारे लिए यह गर्व और दुख का मिश्रण है। हम शहीद के परिवार के साथ खड़े हैं।”

नक्सलियों को करारा जवाब, जवानों का हौसला बुलंद

इस बड़ी मुठभेड़ के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं। नक्सल विरोधी अभियानों को और सख्त बनाने का फैसला लिया गया है। गृह मंत्री ने बयान जारी करते हुए कहा कि नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए सरकार हर संभव कदम उठा रही है। उन्होंने शहीद जवान को श्रद्धांजलि दी और परिजनों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस मुठभेड़ ने नक्सलियों की ताकत को गहरी चोट पहुंचाई है। लगातार हो रही मुठभेड़ों ने नक्सल संगठनों में डर का माहौल पैदा कर दिया है। सुरक्षा बलों की इस कार्रवाई ने नक्सलियों के मनोबल को तोड़ दिया है।

गांव में मातम और गर्व का माहौल

शहीद जवान के गांव में मातम का माहौल है। परिवार और ग्रामीणों की आंखों में आंसू हैं, लेकिन गर्व भी है कि उनके बेटे ने देश के लिए कुर्बानी दी। गांव वालों का कहना है कि जवान ने हमेशा देशभक्ति का जज्बा दिल में रखा और देश के लिए बलिदान देना ही उनका सपना था।

गांव में इकट्ठा हुए लोग जवान को श्रद्धांजलि देने के लिए तिरंगा लेकर एकजुट हो गए। हर तरफ “भारत माता की जय” के नारे गूंज रहे थे। देशभर में इस खबर ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। सोशल मीडिया पर लोग जवान की वीरता को सलाम कर रहे हैं और नक्सलवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

शहीदों के बलिदान को नहीं भुलाएगा देश

भारत के वीर सपूतों की शहादत देशवासियों के दिलों में अमर रहेगी। यह मुठभेड़ एक बार फिर से साबित करती है कि नक्सलवाद को खत्म करने के लिए हमारे जवान हर मुश्किल को पार करने के लिए तैयार हैं। बीजापुर के जंगलों में हुई इस मुठभेड़ ने नक्सलवाद के खिलाफ एक नया इतिहास रच दिया है।

सरकार ने ऐलान किया है कि नक्सलवाद के खिलाफ अभियान और भी तेज किया जाएगा। जवानों की शहादत को सम्मान देते हुए देशभर में शांति और सुरक्षा की भावना को मजबूत किया जाएगा।

नमन है उन वीरों को जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। जय हिंद!

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