इहबास में हिंदी पखवाड़ा और पोषण सप्ताह पर होगी आरजेएस की बैठक-आंचलिक ख़बरें-उदय मन्ना

Aanchalik Khabre
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दिल्ली/
देश में चल रहे हिंदी पखवाड़ा और राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के अंतर्गत शुक्रवार को मानव व्यवहार एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान के सहयोग से दिल्ली में आरजेएस की106वीं सकारात्मक शिखर बैठक का आयोजन किया जाएगा।
आरजेएस यानि राम-जानकी संस्थान नई दिल्ली और टीजेएपीएस कृषि विकास शिल्प केंद्र, हुगली प.बंगाल द्वारा देश में सकारात्मक बैठकों और सकारात्मक पत्रकारिता से भारत निर्माण की कोशिशें जारी हैं। आरजेएस के राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने बताया कि शुक्रवार 6 सितंबर2019 को तन-मन के स्वास्थ्य में पोषण, योग व सकारात्मक सोच की भूमिका पर इहबास के निदेशक डा. निमेश देसाई की अध्यक्षता में योगी कवि आचार्य प्रेम भाटिया , ख्यातिप्राप्त रेडियो ब्राॅडकास्टर पार्थ सारथी थपलियाल आदि का व्याख्यान होगा। बैठक की शुरुआत पूर्व राष्ट्रपति डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती (5 सितंबर)पर श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी और उनके सकारात्मक कार्यों पर प्रकाश डाला जाएगा।
इहबास का वातावरण पर्यावरण स्वच्छता की मिसाल है।इस अस्पताल में हरियाली बेमिसाल है।
ऐसा खुबसूरत वातावरण बैठक में सकारात्मकत सोच को अमल करने की प्रेरणा देगी जो आरजेएस के सकारात्मक भारत आंदोलन को गति प्रदान करेंगे।
टीम आरजेएस-टीजेएपीएस कृषि विकास शिल्प केंद्र को इस बात की पाठकों जानकारी देते हुए खुशी हो रही है कि 25 राज्यों के सकारात्मक भारत आंदोलन से देशवासियों को जागरूक करने के क्रम में इहबास से जुड़ने का मौका मिल रहा है। इहबास ,दिल्ली में राष्ट्रीय पोषण सप्ताह में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया
जाए ,तो लोगों की भ्रांतियों का निवारण होगा और मानसिक बीमारियों को छुपाने की आदत में कमी आएगी। जिसे आरजेएस पाॅजिटिव मीडिया देश भर में प्रचारित और प्रचारित करेगी।
हमारी आरजेएस पाॅजिटिव मीडिया इसके लिए सक्षम और संकल्पित है।
बदलते हुए दौर में मनुष्य के आचार-विचार, खानपान और रहन-सहन में जो परिवर्तन आ रहा है, उससे वह अनेक प्रकार की बीमारियों से ग्रसित होता चला जा रहा है ।अगर हम इस पर समग्र रुप से चिंतन ना करें यानी होलिस्टक हैल्थ की बात नहीं करेंगे तो हम दुनिया भर की आधि और व्याधि से ग्रसित रहेंगे। इसलिए केवल शरीर का ही उपचार नहीं बल्कि मन के उपचार होने की भी जरुरत है । इसके लिए हमें अपने खानपान, अपने रहन-सहन ,अपने चिंतन और अपने व्यवहार में परिवर्तन लाने की जरूरत है ‌।
जो कि सकारात्मक हो। क्योंकि बिना सकारात्मकता के इन आधि-व्याधियों पर सफलता नहीं पाई जा सकती है। इनसे निजात पाने में योग व ध्यान हमारी मदद कर सकते हैं। इसलिए राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के अवसर पर संयम से जीना ,संयम से रहना और संयम से आहार- व्यवहार के प्रति देशवासियों को सचेत रहने के संदेश हेतु RJS सकारात्मक शिखर बैठक का आयोजन किया जा रहा है।

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