पाकिस्तान का भारत में विलय संभव: इंद्रेश कुमार

Aanchalik Khabre
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शहज़ाद अहमद / नई दिल्ली

राष्ट्रीय सेवक संघ के नेता इंद्रेश कुमार ने पाकिस्तान के साथ भारत में विलय की संभावना जताई है। उन्होंने नेपाली संस्कृति परिषद के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान ने भारत विरोधी अपनी नीति नहीं बदली तो हो सकता है कि पाकिस्तान का दुनिया के नक्शे से नामों निशान मिट जाए। उन्होंने कहा कि चीन पाकिस्तान को खाने के लिए आगे बढ़ रहा है। इससे बचने के लिए पाकिस्तान को भारत का साथ चाहिए, इसलिए उसे भारत के प्रति मित्रता रखनी होगी।
नेपाली भाषा में रामायण का अनुवाद करने वाले भानूभक्त सम्मान समारोह में बोलते हुए इंद्रेश कुमार ने कांग्रेस पर एक बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने देश को आज़ाद नहीं कराया बल्कि कांग्रेस ने देश के टुकड़े कराए हैं। साथ ही देश की जनता को झूठ भी बोला है कि देश आज़ाद हुआ। 1947 में देश आज़ाद नहीं बल्कि देश का बंटवारा हुआ था। एक हिस्सा पाकिस्तान, दूसरा हिस्सा बांग्लादेश और जो बचा वो भारत कहलाया। उन्होंने कहा कि 1947 से पहले पाकिस्तान दुनिया के नक्शे में नहीं था और कुछ वर्षो बाद दुनिया के नक्शे में नहीं रहे ऐसा हो सकता है। जब भारत के टुकड़े हुए तो सबने कहा कि कैसे हो सकता है। लिहाजा विलय की बात जो आज असंभव लग रही है वो संभव भी हो सकती है। भारत का युग आरंभ हो चुका है। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि जो बंटवारा हुआ वो विलय में बदले। पूरी दुनिया में विस्तावादी नीतियां बदल रही है। पाकिस्तान अगर भारत विरोधी हरकतें करता रहेगा तो जल्द ही उसका नाम दुनिया के नक्शे से मिट जाएगा। चीन पाकिस्तान के भीतर जड़ें जमा रहा है। इसलिए पाकिस्तान को भारत का साथ चाहिए। अगर पाकिस्तान भारत के प्रति मित्रता रखेगा तो उसका भला होगा।
उन्होंने कहा कि चीन की विस्तारवादी नीतियों से पड़ोसी देशों को बचाने के लिए भारत का शक्तिशाली होना बहुत जरूरी है। ताकि नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, अफगानिस्तान और पाकिस्तान को चीन के पंजे में जाने से बचाया जा सके। नहीं हो जो हाल तिब्बत का हुआ है। वही हाल इन देशों का भी हो सकता है। खासकर नेपाल के संदर्भ में उन्होंने कहा कि चीन वहां अपना प्रभुत्व लगातार बढ़ा रहा है। चर्च का धंर्मांतरण भी लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में भारत की भूमिका इन देशों में बढ़ जाती है।

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