*”””””** उतर प्रदेश के चित्रकूट के मऊ तहसील में यमुना नदी के किनारे बसे दर्जनों गांवों की गांव की तरह हार की खेती 17 सितंबर तक बाजरा गलेथ में था तिली लगभग फूली फल गई थी तब अचानक भादो मास के अंतिम सप्ताह में यमुना का जलस्तर इस कदर बढ़ा कि मऊ मंडोर और बरवार मन कुवार आदि दर्जनों ग्रामों के हजारों बीघा बाजरे तिली धान व मूंग की खेती सड़ गई है यह निश्चित है क्योंकि यमुना का बन जल 5 दिन से लगभग लगातार बढ़ता जा रहा है जिससे जो भी तरी के खेतों में पानी भरता गया और फसल डूबती चली गई कुछ फसल तो ७ फिट पानी में डूब गई है। चित्रकूट जिले के प्रशासनिक अधिकारी व राज नेता बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर किसानों को बढ़िया मुआवजा देने का वादा कर रहे हैं 17 सितंबर को अपर जिलाधिकारी व उप जिलाधिकारी श्री रमेश यादव ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर मौका मुयना लगातार करते जा। रहें हैं । जिन सड़कों व पुल पर पानी भर गया है वहां पर मऊ एसडीएम श्री रमेश यादव ने ७ बड़ी व छोटी नावें कई जगह लगा रखी है १८ सितंबर को मऊ कोतवाली प्रभारी निरीक्षक श्री अरुण कुमार पाठक भी अपने दल बल के साथ अपने सम्पूर्ण थाना क्षेत्र के बाढ़ ग्रस्त ग्रामों का दौरा कर वहां पर बिजली व्यवस्था या कोई अन्य घटना होने पर या समस्या आने पर १०० न पर या मुझे फोन करो मै हर संभव मदद करूंगा मऊ कस्बा के कुछ किसान जिनकी मऊ तरी में जमीन है और फसल भी अच्छी थी लेकिन यमुना के जल ने किसानों के खेतों को पूरी तरह अपने आगोश में ले लिया है मऊ के किसान श्री सत्यदेव दुबे पुत्र श्री बद्री विशाल दुबे की 8 बीघा बाजरा व तिली की फसल डूब गई और इनके दो भाई हुब्लाल दुबे व रामलाल दुबे की दोनो की 15 बीघा बाजरा व तिली डूब गई है । मऊ के ही किसान श्री सोमदत्त तिवारी, संतोष तिवारी व पंकज तिवारी इन तीनों भाई की २० बीघा फसल धान, बाजरा व तिली डूब गई है और मऊ के ही किसान नरेंद्र दुबे व कामता दुबे की १० बीघा अच्छी फसल डूब कर सड़ गई है। इसी क्रम में और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के किसान लगातार अभी १४ दिन पहले यमुना में बाढ़ आई थी लेकिन फसल को नुकसान नहीं पहुंचा लेकिन १८_१९ सितंबर २०१९ को हवाई सर्वेक्षण कराया जाय तो पठार के तर हार के किसान का बहुत नुकसान खेती के माध्यम से हुआ है अतः राज नेता व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर हल्का लेखपाल भेजकर रिपोर्ट इकठ्ठा कर जल्दी किसानों को राहत दी जाए क्योंकि दशहरा व दिवाली के त्योहार फीके पड़ सकते हैं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के किसानों के क्योंकि अब बाजरा भी बढ़िया दाम अब बिकता है पहले की अपेक्षा मोदी सरकार में और तिली सफेद बढ़िया दाम में बिकती और यह दोनों फसल अक्टूबर लास्ट तक किसान की आर्थिक मदद गार होती है अतः समस्त बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में लगे नाविकों को भी प्रशासन के माध्यम कुछ आर्थिक मदद व उपहार दिया जाय क्योंकि सभी नाविक सासन के कहने पर निः स्वर्थ सेवा कर रहे हैं। खबर लिखने तक बाढ़ ग्रस्थ कुछ ग्रामों में घर में पानी घुसने लगा है कुछ लोग घर छोड़कर स्कूल में आश्रय लेकर अपनी जान माल की सुरक्षा कर रहे हैं।