ओंकारेश्वर =
ज्योतिर्लिंग भगवान ओकारेश्वर लाव लश्कर ढोल धमाके हजारो शिव भक्तों के साथ ओंकार पर्वत परिक्रमा पर निकले नर्मदा नदी में आई बाढ़ के कारण ओंकार पर्वत जाने वाला मार्ग ओंकार मठ के पास घुटने घुटने पानी होने के कारण शिव भक्त भगवान ओकारेश्वर की रजत प्रतिमा को नर्मदा जी से स्पर्श कराते चरणामृत एवं मां नर्मदा के पवित्र जल को अपने ऊपर डालते बोल बम के नारों से पालकी को कंधे पर उठाकर ओंकार पर्वत की ओर निकल पड़े
श्रीजी मंदिर संस्थान के सहायक कार्यपालन अधिकारी अशोक महाजन ने बताया कि परंपरागत अनुसार पिछले 5 वर्षों से भगवान ओकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की पालकी निर्धारित समय 2:00 बजे प्रांगण से निकली कोटि तीर्थ घाट पर संक्षिप्त पूजा के बाद ओकारेश्वर धार्मिक जन एवं बाहर से आए श्रद्धालु शिवभक्त भोले नाथ की पालकी शोभायात्रा के रूप में जय घोष करते हुए ओंकार पर्वत पहुंचे
परिक्रमा संगम घाट पर रजत प्रतिमा का दूध चंद्रावल से वैदिक ब्राह्मणों द्वारा अभिषेक किया गया
सात किलोमीटर लंबी परिक्रमा का भगवान ने भ्रमण किया देर रात पालकी मंदिर प्रांगण पहुंची जहां आरती पूजन के बाद विशाल भंडारे का आयोजन भक्तों द्वारा संस्थान के सहयोग से किया गया
बोल बम के नारों से गूंज उठी धार्मिक नगरी जगह-जगह हुआ स्वागत__
ओंकार पर्वत पर निवासरत साधु संत रहवासी एवं आश्रम मठ के प्रमुखों द्वारा जगह-जगह भोले नाथ की पालकी का पुष्पा हारों से स्वागत करते हुए भक्तों के लिए अल्पाहार की व्यवस्था का भक्तों ने खूब लाभ उठाया सतपुड़ा विंध्याचल पर्वत के बीच ओंकार पर्वत हरा भरा इन दिनों हो चला है आसपास नर्मदा की बाढ़ स्वयं नर्मदा ज्योतिर्लिंग भगवान की स्तुति करती रही ज्योतिर्लिंग भगवान ओंकार पर्वत पहाड़ के आसपास नर्मदा कावेरी जलाधारी का के रूप में देखा गया
पुनासा एसडीएम श्रीमती ममता खेड़े के निर्देश पर तहसीलदार उदय मंडलोई थाना प्रभारी जगदीश पाटीदार नगर परिषद के कर्मचारियों द्वारा व्यवस्थाओं के इंतजाम में जुटे रहे