पुलिस की मुस्तैदी से नहीं हुई अप्रिय घटना
झुंझुनू।जिला मुख्यालय के निकटवर्ती गांव देरवाला में पहाड़ी प्रकरण थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। कभी लीजधारक तो कभी ग्रामीणों की वजह चलता ही रहता है विवाद,दोनों ही ओर से परस्पर ज्ञापन भी बार-बार प्रशासन को दिए जाते रहे हैं हालांकि देरवाला पहाड़ी खनन का मामला राजस्थान हाइकोर्ट तक भी पहुंचा लेकिन नहीं निकल रहा कोई सर्वमान्य हल।मंगलवार को भी ग्रामवासियों द्वारा अवैध खनन व असामाजिक तत्वों द्वारा ग्रामीणों के साथ मारपीट करने की कोशिश करने व खनन बन्द के आदेश के बावजूद खनन करने की शिकायत का जिला कलेक्टर को ज्ञापन देने सरपंच रेखा देवी के साथ आए ग्रामीणों ने बताया कि 20 सितंबर 2019 को प्रशासन की मौजूदगी में ग्रामीणों व लीजधारकों को बीच एक सहमति हुई थी।
जिसके तहत लीज धारक ने ग्रामीणों की मांगों को 3 महीने में पूरा करने का आश्वासन दिया गया था। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि इस बीच लीजधारक द्वारा ग्रामीणों की एक भी मांग को पूरा नहीं किया गया जिसके चलते ग्रामीण 10 दिसंबर को प्रभारी मंत्री परसादी लाल मीणा द्वारा की जा रही जनसुनवाई में जब ग्रामीणों ने यह मामला उनके समक्ष उठाया तो जिला प्रशासन ने जनसुनवाई में मौके पर ही तहसीलदार झुंझुनू को आदेशित कर कहा कि इस मामले में मौका मुआयना कर कार्रवाई की जाए।यदि ग्रामीणों की मांग को कहीं पूरा नहीं किया गया है और खनन जारी है तो खनन कार्य बंद करवाया जाए।
ग्रामीण सुरेश बेनीवाल का कहना है कि तहसीलदार झुंझुनू ने मौका मुआयना कर वस्तुस्थिति को समझते हुए लीज को बंद करने के आदेश दिए लेकिन फिर भी लीज धारक असामाजिक तत्वों के सहारे खनन कर किया जा रहे हैं साथ में ग्रामीणों को मारपीट की धमकी दी जा रही है।आज जिला कलेक्टर महोदय को इस बाबत ज्ञापन देने आए हैं कल भी लीजधारक द्वारा अवैध खनन किया गया था बंद के आदेश के बावजूद भी। लेकिन आज ग्रामीणों को जब पता लगा तो ग्रामीणों ने पुलिस को सूचित किया।सूचना पर पुलिस जाब्ता देरवाला पहाड़ी पहुंचा और मामलें को शांत करने की कोशिश की।ग्रामीणों का कहना है कि कुछ दूसरे गांव के लोग देरवाला के मजदूर होने का ढोंग करते उनका देरवाला से कोई लेना देना नहीं है।जिला प्रशासन से मांग है कि देरवाला गांव में असामाजिक तत्वों के प्रवेश को रोका जाए नहीं तो किसी भी खून खराबे का जिम्मेदार प्रशासन होगा।
पुलिस ने लिया रणनीति से काम:-
आखिरकार पुलिस की मुस्तैदी व रणनीति से कोई अप्रिय घटना नहीं घटित हुई।सीओ सिटी लोकेंद्र दादरवाल,शहर कोतवाल गोपाल लाल ढाका,पुलिस निरीक्षक सदर झुंझुनू भंवर लाल कुमावत मय जाब्ते के सूचना पर देरवाला पहुंचे वहीं जिला कलेक्ट्रेट व पीरु सिंह सर्किल पर भी दोनों ज्ञापन देने वालों को अलग अलग जगहों पर निगरानी कर आपसी विवाद को तूल पकड़ने से पहले ही शांत रखा।
दूसरा पहलू :-
देरवाला पहाड़ी से तकरीबन 30-35 ट्रॉलियां खनन किए गए पत्थरों से भरकर शहर में प्रवेश के साथ ही जिला कलेक्टर को मजदूरों की तरफ से ज्ञापन देने आ रहे ट्रैक्टर,ट्रालियों को जिला पुलिस ने मुस्तैद रहते हुए पीरू सिंह सर्किल के पास ही रोककर किसी घटना को होने से रोकने का पुख्ता इंतजाम किया। वहीं मजदूरों का कहना है कि हमें लीजधारकों से कोई परेशानी नहीं है वह हमें बराबर काम दे रहे हैं और हम तो अपनी मजदूरी का काम करते हैं हमें प्रशासन से कोई मांग नहीं है हमारा सिर्फ एक ही कहना है कि हमें जब बराबर लीजधारकों द्वारा मजदूरी का कार्य दिया जा रहा है,लीज चलनी चाहिए। ग्रामीण बेवजह हमारे साथ झगड़ा करने पर आतुर होते हैं मारपीट करने की कोशिश करते हैं,आज सुबह 7 बजे हम ट्रॉलियों में पत्थर भर रहे थे गांववासियों द्वारा लाठी सरियों से मारने की कोशिश की गई।इसलिए जिला कलेक्टर की ज्ञापन देने आए हैं।
बड़ा सवाल :-
देरवाला से आए ग्रामीणों के अनुसार झुंझुनू तहसीलदार ने मौका मुआयना कर खनन कार्य बन्द करवाया तो फिर आज सुबह ट्रैक्टर,ट्रॉलियों में खनन किया गया पत्थर कहां से आया।