सकरी गलियों पर लगता है बार-बार जाम
कई बार योजना बनी लेकिन अमल नहीं हुआ
झाबुआ शहर की बसाहट पहले ही सकड़ी बनी हुई है ऐसे में दुकानों के बाहर वहां खड़े कर देने से मेन बाजार का यातायात बाधित होता है और यह सिलसिला दिन भर चलता रहता है। स्थिति यह है कि इस चीज को आवागमन करने वाला व्यक्ति ही महसूस कर पाता है शहर के कई स्थानों पर बार-बार जाम लगना आम बात हो गई है यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए कई बार योजनाएं बनाई गई लेकिन अमल नहीं हुआ।
शहर के मेन बाजार के अलावा चैतन्य मार्ग उनवल बाजार सहित कई बाजारों में जाम लगना आए दिन का खेल हो गया है औपचारिकता निभाने के लिए यातायात विभाग एक जवान खड़ा कर देता है और औपचारिकता पूर्ण कर ली जाती है। जबकि स्थिति यह है कि मेन बाजार के साथ ही कई स्थानों पर बार-बार जाम लग जाता है इसे देखने वाला कोई भी नहीं है