मनमानी रवैया पर जिम्मेदारों का नहीं है लगाम,वसूल रहे आम के आम और गुठलियों के दाम
आंचलिक खबरें/शिवप्रसाद साहू
सिंगरौली
सिंगरौली/- जिले के ग्रामीण अंचलों में संचालित प्राइवेट स्कूल संचालकों का हाल अभिभावकों को इस कदर बेहाल कर रहा है कि मानो इन्हें अपने मनमाफिक विद्यालय संचालन और अभिभावकों की जेब हल्की करने की खुली छूट मिल गई हो।गौरतलब हो कि मामला विकास खण्ड देवसर अन्तर्गत निवास का है जहां स्कूल संचालकों के द्वारा अभिभावकों को लूटने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ा जा रहा है।दरअसल हर एक स्कूल संचालक अपने स्कूल का बच्चों के लिए एक यूनिफार्म ड्रेस लागू करते हैं यह बात तो समझ में आती है,लेकिन इसके पीछे का राज कुछ और है।अभिभावकों से मिली जानकारी के अनुसार आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कक्षा 1 में पढ़ने वाले छात्र का यूनिफॉर्म ड्रेस जिसकी कीमत अधिकतम 3 सौ रूपए होनी चाहिए उसकी कीमत सीधे 7 से 8 सौ रूपए उन दुकानदारों के द्वारा वसूले जाते हैं जहां स्कूल संचालक अपने कमीशन को सेट रखते हैं।अभिभावक तो और भी मजबूर तब हो जाता है जब उसके बच्चे के लिए यूनिफॉर्म ड्रेस या फिर किताबें केवल और उसी दुकान में मिलेंगी जहां प्राइवेट स्कूल संचालक चाहेंगे।अन्यत्र ढूंढने से भी नहीं मिलेगी।अभिभावक को मजबूर कर कमीशनखोरी के चक्कर में अभिभावकों का जेब धड़ल्ले से हल्का कर रहे हैं और जिम्मेदारों को इसकी भनक तक नहीं।प्राइवेट स्कूल संचालक एक ओर जहां प्रवेश के नाम पर मनचाहा वसूल करते हैं तो वहीं दूसरी ओर बच्चों के कपड़ों एवं पुस्तकों में भी कमीशन की सेंध लगाने में पीछे नहीं हैं।दो टूक कहा जाए तो प्राइवेट स्कूल संचालक अभिभावकों से आम के आम और गुठलियों के दाम वसूल कर मालदार हो रहे हैं।वहीं अभिभावकों ने जिला प्रशासन का इस ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए मांग किया है कि प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर अतिशीघ्र नकेल कसने ठोस कदम उठाए जाएं।