पौष पुर्णिमा का स्नान श्रद्धालुओ ने लगाई संगम मे आस्था की डुबकी-आंचलिक ख़बरें-सनी केसरवानी

Aanchalik Khabre
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देश के सबसे बड़े सालाना अध्यात्मिक मेले की शुरुआत आज से हो जायेगी। पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। विशेषकर उत्तर भारत में हिन्दुओं के लिए यह बहुत ही खास दिन होता है। पौष पूर्णिमा के साथ ही माघ मेले की भी औपचारिक शुरुआत हो जाती है। मान्यता है कि जो ब्यक्ति इस दिन विधि विधान से स्नान कर दान पुण्य करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। माघ मेले में पड़ने वाले विभिन्न स्नान पर्वों और देवी देवताओं का भी पौष पूर्णिमा से ही आगमन माना जाता है। इस दिन जो कार्य आरम्भ किया जाता है उसे फलदायी माना जाता है। पौष पूर्णिमा के मौके पर वाराणसी के दशाश्वमेध घाट और प्रयाग में त्रिवेणी संगम पर स्नान का खासा महत्व है। पौष पूर्णिमा का मुहूर्त गुरुवार दोपहर तीन बजे के बाद ही लग रहा है। लेकिन उदया तिथि से मान्यता के चलते पौष पूर्णिमा मनायी जायेगी। पौष पूर्णिमा के पहले स्नान पर्व के साथ ही मेले में आये लगभग आठ लाख श्रद्धालु कल्पवास का संकल्प लेकर कल्पवास की भी शुरुआत करेंगे। इस बार माघ मेला पौष पूर्णिमा के पर्व दस जनवरी से शुरु होकर 21 फरवरी को महाशिवरात्रि के पर्व तक चलेगा।

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