विशेष संवादाता जम्मू
जम्मू – सरपंच जगदेव सिंह के नेतृत्व में पंचायत प्रतिनिधिमंडल कल जम्मू में परिसीमन आयोग से मिला था, ने पैंथर्स पार्टी के अध्यक्ष को किसानों व पंचायतों के पूर्ण समर्थन व सहयोग का आश्वासन दिया। प्रो. भीम सिंह ने कल परिसीमन आयोग के समक्ष 50ः50 का फार्मूला रखा था। कठुआ जिले के बिलावर, बशोली और बनी निर्वाचन क्षेत्रों से पैंथर्स पार्टी के अतिरिक्त जिलाध्यक्ष श्री जगदेव सिंह ने प्रो. भीम सिंह को आश्वासन दिया कि सभी किसान, ग्रामीण, बेरोजगार युवा और अन्य सभी पैंथर्स पार्टी का समर्थन करते रहे हैं और भविष्य में भी अपना समर्थन जारी रखेंगे।
बिलावर प्रखंड से बशोली निर्वाचन क्षेत्र में दूसरी बार सरपंच चुने गए श्री जगदेव सिंह परिसीमन आयोग के समक्ष एक बहुत मजबूत ज्ञापन भी प्रस्तुत किया है कि बिलावर तहसील में नौ मतदान केंद्रों वाली सभी चार पंचायतों के साथ भेदभाव किया गया है। श्री जगदेव सिंह ने कल परिसीमन आयोग के समक्ष दृढ़ता से प्रतिनिधित्व किया कि चार पंचायत होटोर, डुडू धार, डुगनो लोअर और डुगनो अपर और पंचायत देहोटा को बिलावर निर्वाचन क्षेत्र के साथ जोड़ा जाना चाहिए, क्योंकि बिलावर उनका तहसील मुख्यालय है और लगभग 5 किलोमीटर दूर है। वहीं दूसरी ओर श्री जगदेव सिंह ने आयोग को बताया कि बशोली करीब 70 किमी बशोली के साथ कोई सड़क संपर्क न होने से केवल प्रतिशोध के लिए बशोली प्रशासन के नियंत्रण में लाया गया है। सरपंच जगदेव सिंह ने पैंथर्स पार्टी की मांग का समर्थन किया है।
जम्मू में कल परिसीमन आयोग से मिले राजनीतिक दलों, गैरसरकारी संगठनों व पंचायत सरपंचों के कई प्रतिनिधिमंडलों ने पैंथर्स अध्यक्ष प्रो. भीम सिंह से मुलाकात कर उन्हें जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों के उचित वितरण के उनके स्टेंड के लिए बधाई दी। कई गैरसरकारी संगठनों व सरपंचों ने प्रो. भीम सिंह को जम्मू-कश्मीर के पूरे क्षेत्र के लोगों से मिलने के लिए आमंत्रित किया, जिससे शांतिपूर्ण व न्यायपूर्ण निर्णय के लिए 50ः50 सीटों का वितरण ही एकमात्र तरीका है।
प्रो. भीम सिंह ने परिसीमन आयोग प्रस्तुत किया कि कठुआ जिले के कंडी क्षेत्र में एक तथा जम्मू ग्रामीण में एक और विधानसभा सीट प्रदान की जाय, जिसमें आज 1.5 लाख से अधिक मतदाता हैं। इसके अलावा पैंथर्स पार्टी ने पुंछ जिले के मंडी क्षेत्र में एक और राजौरी निर्वाचन क्षेत्र के सुंदरबनी सेक्टर में एक अतिरिक्त सीट की मांग की। उन्होंने कल परिसीमन आयोग के समक्ष अपनी प्रस्तुति में विधानसभा की वर्तमान में संख्या 37 से बढ़ाकर 45 करने और इतनी ही संख्या 45 कश्मीर प्रांत को आवंटित करने की मांग की थी। यह कश्मीर और जम्मू के बीच सुचारू राजनीतिक प्रक्रिया और सहयोग सुनिश्चित करेगा।