Police Commemoration Day : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक अहम बयान दिया है। यह अहम बयान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने राज्य के पुलिस बल के लिए दिया है। सोमवार, 21 अक्टूबर 2024 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के पुलिस अधिकारियों के लिए एक अहम घोषणा करने के लिए एक खास दिन आरक्षित किया है। दरअसल, इस दिन को पूरे देश में पुलिस स्मृति दिवस के तौर पर मनाया जाता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस स्मृति दिवस पर पुलिस अधिकारियों को एक अहम तोहफा दिया।
‘पुलिस स्मृति दिवस’ सीएम की बड़ी घोषणा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने आज 21 अक्टूबर 2024 को पुलिस स्मृति दिवस समारोह में भाग लिया। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पुलिस स्मृति दिवस का अनूठा आयोजन किया गया। पुलिस स्मृति दिवस पर सीएम योगी ने नम आंखों से शहीद पुलिस अधिकारियों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने पुलिस एजेंसी के लिए कई अहम घोषणाएं भी कीं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने पुलिस वर्दी भत्ते में सत्तर प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की।
यह भी घोषणा की गई कि कानून प्रवर्तन में नियुक्त अनुभवी खिलाड़ियों के लिए खर्च 70 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये किया जाएगा। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए आवासों के निर्माण के लिए 1380 करोड़ रुपये का एक कोष स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस के पुलिस बैरकों में रहने वाले जवानों को 47 करोड़ रुपये का आवासीय वजीफा मिलेगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस दौरान सभी साहसी पुलिस अधिकारियों के योगदान को सम्मानित किया और उनकी शहादत पर शोक व्यक्त किया।
क्या आप जानते है क्यों मनाया जाता है Police Commemoration Day
भारत हर साल 21 अक्टूबर को राष्ट्रीय पुलिस स्मृति दिवस मनाता है। इस दिन को पहली बार 1960 में मनाया गया था और तब से यह हर साल मनाया जाता है। इस दिन भारत की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवाने वाले पुलिस अधिकारियों को सम्मानित किया जाता है और उनकी शहादत को याद किया जाता है। तिब्बत में चीन के साथ भारत की 2500 मील लंबी सीमा की सुरक्षा भारतीय पुलिस की तीन बटालियनों के अधीन थी। अपनी गश्त खत्म करने के बाद पहली दो बटालियनें वापस लौट गईं, लेकिन तीसरी बटालियन वापस नहीं लौटी। पूर्वोत्तर लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में तैनात इन पुलिस अधिकारियों के एक समूह पर चीनी सेना ने घात लगाकर हमला किया। इसमें हमारे दस जवान शहीद हो गए, जबकि सात अन्य घायल हो गए।
डीएसपी श्री करम सिंह इस बटालियन की कमान संभाल रहे थे। छिपने की कोई जगह न होने के कारण डीएसपी श्री करम सिंह समेत दस सैनिक मारे गए और सात को चीनी सेना ने पकड़ लिया। त्रासदी के 23 दिन बाद 13 नवंबर 1959 को चीनी सेना सैनिकों के शवों को भारत वापस ले आई। वीरता की याद में करम सिंह को अशोक चक्र दिया गया। जनवरी 1960 में पुलिस महानिरीक्षकों की वार्षिक बैठक के दौरान कानून प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा राष्ट्र के लिए किए गए बलिदान और योगदान को मान्यता देने के लिए 21 अक्टूबर को प्रतिवर्ष पुलिस दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।
इस दिन राज्य पुलिस, अर्धसैनिक बल, केंद्रीय सुरक्षा बल और पुलिस बल सभी एक साथ मिलकर जश्न मनाते हैं। यह दिन देश की रक्षा में अपनी जान देने वाले पुलिस अधिकारियों को सम्मानित और याद करता है। लोग जानते हैं कि पुलिस विभाग अपने नागरिकों की रक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डालता है, भले ही इसके लिए उसे अपनी जान जोखिम में डालनी पड़े। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज को पुलिस स्मृति दिवस मनाया गया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी ने कई अहम घोषणाएं की हैं।
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