Priyansh Khainchi ने 99.7 एन.टी.ए.अंक लेकर परिवार और गांव का नाम किया रोशन

Aanchalik khabre
By Aanchalik khabre
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Priyansh Khainchi ने 99.7 एन.टी.ए.अंक लेकर परिवार और गांव का नाम किया रोशन

भारत के 11.70 लाख छात्र-छात्राए परीक्षा में शामिल हुए

राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा नियोजित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जे.ई.ई. मेन-2024 में Priyansh Khainchi ने 99.7 एन.टी.ए अंक प्राप्त करके परिवार और गांव का नाम रोशन किया है। प्रियांश के ताऊ प्राचार्य डॉ.ऋषिपाल ने जानकारी देते हुए कहा कि मेरे भतीजे Priyansh Khainchi ने जे.ई.ई. मेन-2024 की प्रथम परीक्षा संस्करण में उत्कृष्ट प्रदर्शन करके न केवल परिवार व गांव का नाम रोशन किया बल्कि इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के लिए स्वयं को अच्छे संस्थान में दाखिले निमित्त सुरक्षित भी कर लिया है।
उन्होंने कहा कि Priyansh आगामी मई महीने में जे.ई.ई एडवांस्ड परीक्षा की तैयारी कर रहा है। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि उक्त परीक्षा में समस्त भारत देश के 11.70 लाख छात्र-छात्राए परीक्षा में पंजीकृत हुए थे।
 Priyansh Khainchi ने 99.7 एन.टी.ए.अंक लेकर परिवार और गांव का नाम किया रोशन
प्रियांश ने स्वयं की मेहनत व अपने टीचर्स के मार्गदर्शन से श्रेष्ठ अंक प्राप्त किए हैं। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि प्रियांश अपने माता-पिता के साथ गांव में रह कर पढता है। उसने अपनी बडी बहन सृष्टि व बडे भाई कार्तिक का अनुकरण करते हुए पढ़ाई की।

Priyansh Khainchi बहन सृष्टि Panjab University Chandigarh से अंग्रेजी विषय में पीएच.डी कर रही है

Priyansh की बहन सृष्टि पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ से अंग्रेजी विषय में पीएच.डी कर रही है। उसने नेट की परीक्षा पास की हुई है और डी.ए.वी. कॉलेज चंडीगढ़ में अस्थाई सहायक प्रोफेसर है। उसका भाई बिट्स पिलानी गोवा कैंपस से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है। उसने अपनी उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता को दिया और कहा कि मेरी दादी माया देवी का आशीर्वाद एवं संरक्षण सदैव मुझे मिलता रहा है।
उसके पिता राजेश कुमार एडवोकेट हैं व माता सुरेखा रानी पंचायत-विभाग में पंचायत सचिव के पद पर कार्यरत हैं। डॉ. ऋषिपाल ने कहा कि प्रियांश द्वारा उक्त परीक्षा के श्रेष्ठ प्रदर्शन से परिवार व गांव के लोग प्रफुल्लित व गौरवान्वित है। उन्होंने कहा कि मुझे प्रियांश पर गर्व है। मैं अपने परिवार के बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में नए-नए कीर्तिमान स्थापित करने का श्रेय अपने पूज्य पिता बाबू राम को देता हूँ। उनकी दुआएं पथ-पथ पर हमारा पथ प्रदर्शित करती है। उन्होंने प्रियांश के सुखद एवं उज्ज्वल भविष्य की मंगल कामना करता हूँ।
निसिंग/जोगिंद्र सिंह
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