यहाँ देखिए! रणवीर इलाहाबादिया का सफर प्रधानमंत्री से सम्मानित डिजिटल हीरो से अश्लीलता और अपमान के आरोपी तक का। यही वो शख्स हैं, जिन्हें एक दौर में डिजिटल इंडिया का ब्रांड एंबेसडर माना जाता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों राष्ट्रीय क्रिएटर्स पुरस्कार लेने वाला ये नाम आज इंटरनेट में गंदगी फैलाने वाले चेहरों में सबसे आगे है।
आइए, इस कहानी को गहराई से जानते हैं। क्योंकि मामला सिर्फ एक मजाक तक सीमित नहीं है—यह उस सोशल मीडिया संस्कृति का काला चेहरा है, जहाँ अश्लीलता और विवाद को कंटेंट क्रिएशन के नाम पर जायज़ ठहराया जा रहा है।
रणवीर इलाहाबादिया: कौन हैं ये शख्स?
यही वो रणवीर इलाहाबादिया हैं जिन्हें यूट्यूब पर लोग BeerBiceps के नाम से जानते हैं। ये वही हैं जिन्होंने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर करोड़ों फॉलोअर्स बनाए, कई कैबिनेट मंत्रियों का साक्षात्कार लिया, और प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक मंच पर खड़े होकर देश को युवा प्रेरणा देने की बात की।
लेकिन क्या हुआ जब India’s Got Latent नाम के एक शो में ये अपनी कॉमेडी के नाम पर ऐसी अश्लील बातें करने लगे, जिन्हें न केवल परिवार में सुना नहीं जा सकता, बल्कि सुनते ही शर्म से सिर झुक जाए?
रणवीर इलाहाबादिया ने समय रैना के शो India’s Got Latent में बतौर गेस्ट जज शिरकत की थी। शो के दौरान एक प्रतिभागी से यौन जीवन और उसके माता-पिता के संबंधों पर आपत्तिजनक सवाल पूछे गए। यह मजाक नहीं था, यह सीधी अश्लीलता थी।
एफआईआर, आरोप और विरोध
इस विवादित शो की क्लिप जब सोशल मीडिया पर वायरल हुई, तो लोग भड़क उठे। असम पुलिस ने रणवीर इलाहाबादिया, समय रैना, आशीष चंचलानी, जसप्रीत सिंह और अपूर्व मखीजा के खिलाफ अश्लीलता फैलाने और यौन रूप से स्पष्ट सामग्री के आरोप में केस दर्ज किया। बताते चलें की इस मामले में गुवाहाटी क्राइम ब्रांच ने Cyber PS केस नंबर 03/2025 दर्ज किया है। इसमें BNS 2023 की धारा 79/95/294/296, आईटी एक्ट 2000 की धारा 67, सिनेमैटोग्राफ एक्ट 1952 की धारा 4/7, और महिला अश्लील प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम 1986 की धारा 4/6 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। जब मामला तूल पकड़ा, तो कई जगहों पर इस शो के निर्माताओं और प्रतिभागियों के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए।
मुंबई कांग्रेस के प्रतिनिधि निखिल रुपारेल ने बांद्रा कोर्ट में इन सबके खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज कराई। वहीं, एनसीपी के कार्यकर्ताओं ने शो के सेट पर प्रदर्शन कर माफी की मांग की। उन्होंने धमकी दी कि जब तक ये माफी नहीं मांगते, तब तक हैबिटेट में कोई शो आयोजित नहीं होने देंगे।
B Praak ने किया रणवीर इलाहाबादिया को सरेआम रिजेक्ट!
मशहूर सिंगर B Praak ने India’s Got Latent के वल्गर कंटेंट को लेकर बड़ा कदम उठाते हुए रणवीर के साथ अपना पॉडकास्ट कैंसल कर दिया। अपने इंस्टाग्राम वीडियो में B Praak ने साफ-साफ कहा, मैं ऐसे इंसान के साथ एक प्लेटफॉर्म शेयर नहीं कर सकता, जो फैमिली ऑडियंस की गरिमा को ठेस पहुंचाता हो। सोशल मीडिया पर इस बयान के बाद हंगामा मच गया है, और रणवीर का करियर एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गया है।
ध्रुव राठी का वार: India’s Got Latent समाज के लिए खतरा
इस मुद्दे पर मशहूर यूट्यूबर ध्रुव राठी भी खुलकर सामने आए। उन्होंने कहा— “मैं हमेशा गाली-गलौज और भद्दी भाषा के खिलाफ रहा हूँ। मेरी 1000+ वीडियो और रील्स में आपको एक भी गाली नहीं मिलेगी।” उन्होंने India’s Got Latent शो पर निशाना साधते हुए कहा कि डैंक कॉमेडी के नाम पर सिर्फ लोगों को शॉक और डिसगस्ट करने का ट्रेंड चल पड़ा है, जो युवाओं की सोच को बर्बाद कर रहा है।
राठी ने Ranbir Kapoor की फिल्म Animal का जिक्र करते हुए कहा कि इस तरह का कंटेंट समाज की नैतिकता पर गलत असर डालता है। हालाँकि, उन्होंने सरकार से बैन की मांग नहीं की, बल्कि कहा— “हमें सेंसरशिप नहीं चाहिए, लेकिन कंटेंट क्रिएटर्स को बेहतर सामग्री बनाने के लिए प्रेशर डालना बेहद ज़रूरी है।”
रणवीर इलाहाबादिया की माफी: क्या ये काफी है?
जब हर तरफ से आलोचना होने लगी, तो आखिरकार रणवीर इलाहाबादिया ने सोशल मीडिया पर एक माफी वीडियो जारी किया।
उन्होंने न तो अपनी हरकत का कोई औचित्य दिया और न ही सफाई। सीधे-सीधे कह दिया कि यह उनकी गलती थी।
लेकिन सवाल ये है कि क्या माफी से यह मामला खत्म हो सकता है?
क्या अश्लीलता और परिवार के सम्मान का मजाक उड़ाना इतना आसान हो सकता है?
प्रधानमंत्री से सम्मानित होने वाला शख्स आज अश्लीलता का चेहरा क्यों बना?
रणवीर इलाहाबादिया को पिछले साल दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पुरस्कार मिला था।
सोचिए, यही वो शख्स है जिसे देश के युवाओं के लिए रोल मॉडल बताया गया।
और अब यही रोल मॉडल यूट्यूब पर अश्लीलता को सामान्य बनाने में लगा हुआ है।
जब किसी व्यक्ति को इतना बड़ा मंच दिया जाता है, तो उसकी जिम्मेदारी भी उतनी ही बड़ी होती है। लेकिन यहाँ जिम्मेदारी की बात तो दूर, यहाँ अश्लीलता को कंटेंट क्रिएशन का नया नाम दिया जा रहा है।
शो में शामिल बाकी चेहरे भी सवालों के घेरे में
रणवीर इलाहाबादिया को लेकर विवाद तो अपनी जगह है, लेकिन कहानी यहां खत्म नहीं होती। असल में, इस पूरे ड्रामे का असली सूत्रधार है समय रैना, India’s Got Latent का होस्ट। यह वही शो है, जहां वल्गरिटी, अपमान और अभद्रता हर एपिसोड का नया नॉर्मल बन चुका है।
समय रैना, जो स्टैंड-अप कॉमेडियन के नाम पर कॉमेडी को गटर लेवल पर ले जाने में महारत रखते हैं, हर एपिसोड में ऐसा कंटेंट परोसते हैं, जो न ही मनोरंजन है और न ही हास्य।
ये वही समय रैना नहीं हैं, जिनके हर एपिसोड में गालियों की बारिश होती है और प्रतिभागियों का मजाक उड़ाना शो की पहचान बन चुका है?
अब आते हैं शो के बाकी अभिनेता-गुरुओं पर, जिन्होंने इसे चार चांद लगाने का काम किया।
आशीष चंचलानी, जिन्हें देश का सबसे बड़ा कॉमेडी यूट्यूबर कहा जाता है, यहां पर कॉमेडी के नाम पर अश्लीलता की हदें पार कर चुके हैं।
अपूर्व मखीजा और जसप्रीत सिंह—दो ऐसे नाम जो इस रियलिटी शो में कंटेस्टेंट्स से इस तरह बातें करते हैं, जैसे ये शो नहीं, इंसल्ट कॉमेडी का अखाड़ा हो।
क्या इन सभी की जिम्मेदारी नहीं बनती थी कि अपने दर्शकों को स्वस्थ मनोरंजन दें?
या फिर गाली-गलौच, अश्लील कमेंट्स और भद्दे मजाक ही अब नया ट्रेंड बन चुका है?
यह महज एक शो नहीं था, यह उन सभी दर्शकों के साथ छल था, जिन्हें उम्मीद थी कि यहां कुछ रचनात्मक और मनोरंजक देखने को मिलेगा। लेकिन इसके बजाय, उन्हें क्या मिला?
प्रतिभागियों को अपमानित करने वाले सवाल, गंदी बातें और एक ऐसा मंच, जो धीरे-धीरे वल्गरिटी का अड्डा बनता जा रहा था।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता या अश्लीलता का प्रचार?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले में टिप्पणी करते हुए कहा:
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हर किसी को है। लेकिन हमारी स्वतंत्रता तब समाप्त हो जाती है, जब हम दूसरों की स्वतंत्रता का अतिक्रमण करते हैं।
क्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर अश्लीलता को स्वीकार किया जा सकता है?
क्या हमारे समाज में इस तरह की घटिया भाषा को मनोरंजन का नया चेहरा बनने देना चाहिए?
कांग्रेस और शिवसेना की प्रतिक्रिया
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने इस पूरे विवाद पर तीखी प्रतिक्रिया दी।
यह रचनात्मकता नहीं है। यह विकृति है। हम विकृत व्यवहार को सामान्य नहीं मान सकते।
शिवसेना नेता राजू वाघमारे ने कहा:
छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्य में ऐसी भाषा का इस्तेमाल अस्वीकार्य है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की दखल
मामला इतना बड़ा हो गया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी इसमें दखल देना पड़ा।
आयोग ने यूट्यूब को रणवीर इलाहाबादिया की विवादित टिप्पणियों को हटाने का निर्देश दिया और तीन दिन के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।
सोशल मीडिया और जिम्मेदारी
रणवीर इलाहाबादिया के पास यूट्यूब पर 1.05 करोड़ सब्सक्राइबर, इंस्टाग्राम पर 45 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स और एक्स (ट्विटर) पर 6 लाख फॉलोअर्स हैं।
क्या ऐसे बड़े प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल इस तरह की भाषा के लिए होना चाहिए?
क्या ऐसे कंटेंट क्रिएटर्स को रोल मॉडल के रूप में पेश किया जाना चाहिए?
आखिरी सवाल
क्या माफी इस मामले को दबा देगी?
या फिर रणवीर इलाहाबादिया और उनके साथी इस घटना से कोई सही सबक लेंगे?
क्या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ऐसे कंटेंट को लेकर सख्त नियम बनाए जाएंगे?
या फिर हम अगली बार किसी और डिजिटल स्टार को इस तरह गिरते हुए देखेंगे?
अब बारी आपकी है।
क्या हम ऐसे कंटेंट क्रिएटर्स को माफ कर सकते हैं?
या फिर हमें इस डिजिटल गंदगी को रोकने के लिए खड़ा होना होगा?